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दुनिया की बदलती व्यापार रणनीतियों के बीच भारत की स्थिति मजबूत, चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं हम

व्यापार रणनीतियों में बदलाव के प्रयास चुनौतीपूर्ण और चिंताजनक हैं और वैश्विक स्थिति अस्थिर, अनिश्चित और जटिल बनी हुई है। हालांकि, भारत अपनी मजबूत वृहद आर्थिक नींव के साथ इस माहौल में मजबूती से खड़ा है।

Written By: Pawan Jayaswal
Published : Apr 17, 2025 23:40 IST, Updated : Apr 17, 2025 23:40 IST
निर्मला सीतारमण
Photo:FILE निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैश्विक व्यापार रणनीतियों में हो रहे बदलावों के बीच भारत की मजबूत स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा कि देश उपयुक्त नीतियों और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बढ़ते टैरिफ वॉर और संरक्षणवादी नीतियों से ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित हो सकती है, उत्पादन लागत बढ़ सकती है और सीमा पार निवेश निर्णयों में अनिश्चितता पैदा हो सकती है।

भारत चुनौतियों से निपटने में सक्षम

सीतारमण ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत इन चुनौतियों से निपटने में सक्षम है, क्योंकि देश के पास लचीली और उपयुक्त नीतिगत उपाय और दीर्घकालिक दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि व्यापार रणनीतियों में बदलाव के प्रयास चुनौतीपूर्ण और चिंताजनक हैं और वैश्विक स्थिति अस्थिर, अनिश्चित और जटिल बनी हुई है। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी मजबूत वृहद आर्थिक नींव के साथ इस माहौल में मजबूती से खड़ा है। देश निवेशकों को नीतिगत स्थिरता, विकास, विवेकपूर्ण वृहद आर्थिक नीतियां और लोकतांत्रिक संस्थान प्रदान करता है।

भारत के वित्तीय बाजारों में मजबूती

वित्त मंत्री ने आर्थिक मजबूती के लिए घरेलू दक्षता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने को सबसे प्रभावी रास्ता बताया। उन्होंने कहा कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, समावेशी विकास और क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से एक मजबूत घरेलू आधार बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि व्यापार रणनीतियों में बदलाव से वित्तीय बाजार प्रभावित हुए हैं, लेकिन हाल की वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के वित्तीय बाजारों ने उल्लेखनीय मजबूती दिखाई है। उन्होंने घरेलू संस्थागत निवेशकों की बढ़ती भूमिका और खुदरा निवेशकों, विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं द्वारा बाजारों में दिखाए गए विश्वास की सराहना की।

यह है एक निर्णायक मोड़

सीतारमण ने आगाह किया कि कोई भी छोटी चूक बाजारों में इस नए विश्वास को खत्म कर सकती है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी आर्थिक यात्रा में एक निर्णायक मोड़ पर है और इस दशक के अंत तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। उन्होंने सेंसेक्स को भारतीय अर्थव्यवस्था की 'संवेदनशील नब्ज' और शेयर बाजार को भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास क्षमता का प्रतीक बताया।

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