Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. भारतीय कंपनियों ने फरवरी के मुकाबले मार्च में की ज्यादा भर्तियां, जानें सालाना आधार पर क्या रहा रुझान

भारतीय कंपनियों ने फरवरी के मुकाबले मार्च में की ज्यादा भर्तियां, जानें सालाना आधार पर क्या रहा रुझान

मार्च, 2023 से मार्च, 2024 तक के भर्ती आंकड़ों के विश्लेषण से तैयार रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्राहकों को अस्थायी रूप से सेवाएं देने वाले पेशेवरों या फ्रीलांस काम में एक साल पहले की तुलना में 184 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Apr 02, 2024 18:24 IST, Updated : Apr 02, 2024 18:30 IST
कार्यबल में अहम हिस्सेदारी रखने वाले अस्थायी कामगारों का अनुपात 21 प्रतिशत बढ़ा है।- India TV Paisa
Photo:FREEPIK कार्यबल में अहम हिस्सेदारी रखने वाले अस्थायी कामगारों का अनुपात 21 प्रतिशत बढ़ा है।

देश में भारतीय कंपनियों की फरवरी की तुलना में मार्च के महीने में भर्ती गतिविधियां तीन प्रतिशत बढ़ गईं। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। फाउंडइट इनसाइट्स ट्रैकर (फिट) की रिपोर्ट कहती है कि यह आंकड़ा कंपनी जगत की आशावादी कारोबारी धारणा को दर्शाता है। भाषा की खबर के मुताबिक, मार्च, 2023 से मार्च, 2024 तक के भर्ती आंकड़ों के विश्लेषण से तैयार रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्राहकों को अस्थायी रूप से सेवाएं देने वाले पेशेवरों या फ्रीलांस काम में एक साल पहले की तुलना में 184 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

पिछले साल की समान अवधि की तुलना में घटी

खबर के मुताबिक, हालांकि भारतीय कंपनियों द्वारा मार्च के महीने में की गई भर्तियां पिछले साल की समान अवधि की तुलना में चार प्रतिशत घट गईं। फरवरी के मुकाबले मार्च में बढ़ी गतिविधियों को लेकर रिपोर्ट कहती है कि यह लचीली, परियोजना-आधारित कार्य व्यवस्थाओं के लिए पेशेवरों की बढ़ती प्राथमिकता को दर्शाता है। इस तरह के पेशेवरों में स्वतंत्र वकील, शिक्षक, लेखाकार, प्रबंधन सलाहकार और अन्य व्यवसायों से जुड़े लोग शामिल होते हैं।

आईटी क्षेत्र सबसे आगे

इसके अलावा, कार्यबल में अहम हिस्सेदारी रखने वाले अस्थायी कामगारों का अनुपात इसी अवधि में 21 प्रतिशत बढ़ा है। यह व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए फ्रीलांसर और स्वतंत्र ठेकेदारों पर कंपनियों की बढ़ती निर्भरता को दिखाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, काम के आधार पर भुगतान पाने वाले अस्थायी कामगारों पर आधारित ‘गिग अर्थव्यवस्था’ में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र सबसे आगे है।

गिग अर्थव्यवस्था में आईटी सॉफ्टवेयर की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी हो गई है, जो मार्च, 2023 में 22 प्रतिशत से बढ़कर मार्च, 2024 में 46 प्रतिशत हो गई है। फाउंडइट (पूर्व में मॉन्स्टर) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शेखर गरिसा ने कहा कि अपने ट्रैकर के जरिये हमने देखा है कि दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई के महानगर अब गिग नौकरियों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement