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PM Modi govt 8 years: मोदी सरकार की प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना ने गरीब परिवारों को दिलाई अंधियारे के कलंक से आजादी

अंधेरे के दुर्भाग्य को धोने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार में प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना की शुरुआत की गई।

Edited by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : May 27, 2022 18:51 IST
saubhagya scheme- India TV Paisa
Photo:FILE

saubhagya scheme

Highlights

  • सौभाग्य योजना को 25 सितम्बर 2017 को लॉन्च किया गया था
  • हर परिवार को सोलर पैक में पांच एलईडी बल्ब और एक पंखा
  • लोगो का चयन 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जातिय जनगणना के आधार पर

PM Modi govt 8 years: कोई भी तब तक तरक्की नहीं कर सकता है जब तक वह एनर्जी के क्षेत्र में आत्म निर्भर न हो जाए। आजादी के 70 साल के बाद भी देश में कई ऐसे हिस्से थे जहां बिजली पहुंची ही नहीं थी। शाम होते ही देश में कई गांव अंधेरे में डूब जाते थे। रात के समय सेटेलाइट तस्वीरों में भी देश के बड़ी संख्या में इलाके ऐसे भी थे जो किसी अंधियारे कलंक की तरह दिखाई देते थे। 

अंधेरे के इस दुर्भाग्य को धोने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार में प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के अंतर्गत देश के जो आर्थिक रूप से गरीब लोग बिजली का कनेक्शन नहीं ले पाते और बिना बिजली के ही जीवन यापन कर रहे है उन परिवारों को केंद्र सरकार की तरफ से मुफ्त में ही बिजली का कनेक्शन दिया गया। इस योजना को प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के नाम से भी जाना जाता है।

क्या प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना 

सौभाग्य योजना को 25 सितम्बर 2017 को लॉन्च किया गया था। यह योजना देश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रो के गरीब परिवारों के लिए है। केंद्र सरकार हर घर को एक सोलर पैक देगी, जिसमें पांच एलईडी बल्ब और एक पंखा होगा। इस प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के तहत बिजली कनेक्शन के लिए देश के लोगो का चयन 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जातिय जनगणना के आधार पर किया जाता है। वहीं जो लोग इस जनगणना में शामिल नहीं हुए थे, उन्हें बिजली का कनेक्शन मात्र 500 रुपए देकर मिल सकता है और यह 500 रुपए भी वह दस आसान किस्तों में दे सकते है। इस योजना में बिहार उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश,उड़ीसा,झारखंड,जम्मू कश्मीर,राजस्थान और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं। 

मोदी सरकार आखिर क्यों सौभाग्य योजना लाई?

सरकार का कहना है कि हर घर में बिजली होगी तो इससे केरोसिन के इस्तेमाल में कमी लाई जा सकेगी। एजुकेशन, हेल्थ सर्विसेस में सुधार आएगा। हर घर तक रेडियो, टीवी, मोबाइल की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इससे इकोनॉमिक एक्टिविटी और इम्प्लॉइमेंट बढ़ेगा। खासकर महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार होगा। इस योजना के अतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 3 करोड़ परिवारों को 5 वर्षों के लिए नि:शुल्क बिजली का कनेक्शन देने का लक्ष्य तय किया गया। 

2019 था लक्ष्य 

इस योजना के लिए सरकार 2019 का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया था। यह लक्ष्य राजनीति रूप से बेहद उचित प्रतीत होता दिखाई देता था। 2019 के आम चुनावों में इस लाभ दिखाई भी दिया। जिन राज्यों को इस योजना के फोकस में रखा गया उनमें से मध्य प्रदेश और राजस्थान भी थे। हालांकि 2018 के चुनावों में यहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।  

गैर भाजपा राज्यों में भी सफल

आप इस योजना की सफलता का अंदाजा इस तरह से भी लगा सकते हैं कि सौभाग्य योजना के तहत चयनित राज्यों में कई ऐसे थे जहां बीजेपी सत्ता में नहीं है। लेकिन जनकल्याण से जुड़ी इस स्कीम में गैर भाजपाई राज्यों ने भी काफी योगदान दिया। ‘सौभाग्य’ योजना के तहत राजस्थान में 1,23,682 घरों में सौर आधारित सिस्टम के जरिये विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में 65,373, उत्तर प्रदेश में 53,234 और असम में 50,754 घरों का सौर विद्युतीकरण किया गया।

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