Sunday, April 28, 2024
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थोक और खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट के बावजूद महंगाई पर पूरी तरह फोकस है हमारा, आरबीआई गवर्नर ने दिया भरोसा

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि बैंक सतर्क रुख अपनाते रहें। रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण, क्रेडिट कार्ड और एनबीएफसी को उधार देने पर जोखिम भार 25 प्रतिशत अंक बढ़ा दिया है।

Sourabha Suman Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: November 22, 2023 13:22 IST
भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था।- India TV Paisa
Photo:INDIA TV भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक का महंगाई पर पूरी तरह से ध्यान है, भले ही थोक महंगाई और खुदरा महंगाई के आंकड़ों में नरमी आई है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के बावजूद भारतीय रुपये ने कम अस्थिरता और व्यवस्थित उतार-चढ़ाव का प्रदर्शन किया है। भाषा की खबर के मुताबिक, दास ने निरंतर उच्च वृद्धि, मूल्य स्थिरता तथा मूल्य झटकों को कम करने के लिए कृषि विपणन और संबंधित मूल्य श्रृंखलाओं में सुधार की वकालत की।

असुरक्षित लोन को लेकर उठाए कदम का सही ठहराया

खबर के मुताबिक, दास ने असुरक्षित लोन के लिए जोखिम भार में बढ़ोतरी पर कहा कि यह समय रहते सोच-विचार कर उठाया गया एहतियाती कदम है। दास ने कहा कि हालांकि  ग्रोथ जरूरतों को ध्यान में रखते हुए होम और ऑटो खरीद और छोटे व्यवसायों को दिए जाने वाले लोन को हालिया उपायों से बाहर रखा गया है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण, क्रेडिट कार्ड और एनबीएफसी को उधार देने पर जोखिम भार 25 प्रतिशत अंक बढ़ा दिया है।

केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि दास को फिलहाल बैंकिंग प्रणाली में कोई नया दबाव जेनरेट होता नहीं दिख रहा है, लेकिन वह चाहते हैं कि बैंक सतर्क रुख अपनाते रहें। एनबीएफसी-एमएफआई (छोटी राशि के कर्ज देने वाले संस्थान) ज्यादा ब्याज मार्जिन की जानकारी दे रहे हैं, लेकिन ब्याज के लेवल पर युक्तिसंगत लचीला रुख अपनाना चाहिए।

दरों में नहीं किया था बदलाव

भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। फिलहाल रेपो रेट 6.50 प्रतिशत है। इसी तरह, आर्थिक विकास के मोर्चे पर कहा था कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी की रफ्तार 6.50  प्रतिशत रहेगी, जबकि महंगाई को लेकर अनुमान जताया था कि इसी अवधि में यह 5.40 प्रतिशत के आस-पास देखने को मिलेगा।

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