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असुरक्षित बैंक लोन पर जोखिम भार बढ़ाने के RBI के फैसले को मूडीज ने ठहराया सही, गिनाई वजहें

आरबीआई ने पिछले सप्ताह बैंकों और एनबीएफसी के लिए असुरक्षित माने जाने वाले पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे लोन से जुड़े नियम को सख्त कर दिया। संशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Nov 20, 2023 15:39 IST, Updated : Nov 20, 2023 15:39 IST
मूडीज ने कहा कि पिछले कुछ सालों में असुरक्षित लोन तेजी से बढ़ रहे हैं।- India TV Paisa
Photo:REUTERS मूडीज ने कहा कि पिछले कुछ सालों में असुरक्षित लोन तेजी से बढ़ रहे हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक के कुछ दिनों पहले पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड को लेकर नियम सख्त करने के फैसले को मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने सही ठहराया है। मूडीज ने सोमवार को कहा कि असुरक्षित बैंक लोन पर जोखिम भार बढ़ाने का फैसला बिल्कुल सही है। भाषा की खबर के मुताबिक, आरबीआई ने पिछले सप्ताह बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए असुरक्षित माने जाने वाले पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे लोन से जुड़े नियम को सख्त कर दिया। संशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई।

कुछ सालों में असुरक्षित लोन तेजी से बढ़ रहे

खबर के मुताबिक, मूडीज ने कहा कि पिछले कुछ सालों में असुरक्षित लोन तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे वित्त संस्थानों को अचानक आर्थिक या ब्याज दर के झटके की स्थिति में लोन की लागत में संभावित बढ़ोतरी करनी पड़ती है। मूडीज ने एक बयान में कहा कि उच्च जोखिम-भारित परिसंपत्तियों के जरिए मानदंडों को कड़ा करना लोन के लिए सही कदम है क्योंकि ऋणदाताओं की नुकसान से निपटने की स्थिति बेहतर करने के लिए उच्च पूंजी आवंटित करने की आवश्यकता होगी।

अनसेफ लोन सेगमेंट बहुत कॉम्पिटिटिव हो गया

बयान में कहा गया कि पिछले कुछ सालों में भारत का अनसेफ लोन सेगमेंट बहुत कॉम्पिटिटिव हो गया है। इसमें कई बैंक, एनबीएफसी और वित्त प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियां इस कैटेगरी में आक्रामक रूप से लोन बढ़ा रही हैं। मूडीज के मुताबिक, पिछले दो सालों में देखों तो पर्सनल लोन में करीब 24 प्रतिशत और क्रेडिट कार्ड लोन में औसतन 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि समग्र बैंकिंग क्षेत्र की ऋण बढ़ोतरी करीब 15 प्रतिशत है।

फैसले से बैंकों की पूंजी पर्याप्तता में 0.6% की कमी आएगी

क्रेडिट तय करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने हाल ही में कहा था कि असुरक्षित माने जाने वाले पर्सनल लोन के लिये जोखिम भार बढ़ाकर उपभोक्ता ऋण के मानदंडों को कड़ा करने के रिजर्व बैंक के फैसले से बैंकों की पूंजी पर्याप्तता में 0.6 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है। इस कदम से उपभोक्ताओं को जोखिमपूर्ण बैंक लोन देना कम हो जाएगा। खासतौर से गैर-बैंक क्षेत्र पर दबाव पड़ने की संभावना है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि इससे कर्ज पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी, लोन ग्रोथ कम होगी और कमजोर वित्तीय संस्थानों के लिये पूंजी जुटाने की जरूरत बढ़ेगी।

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