
मई में खुदरा मुद्रास्फीति छह साल के निचले स्तर 2. 82 प्रतिशत पर आ गई है। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है। महंगाई में राहत सब्जियों, फलों और प्रोटीन युक्त वस्तुओं सहित खाद्य पदार्थों की कम कीमतों के चलते आई है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में 3. 16 प्रतिशत और मई 2024 में 4. 8 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, मई में खाद्य मुद्रास्फीति 0. 99 प्रतिशत थी, जो एक साल पहले इसी महीने में 8. 69 प्रतिशत से काफी कम है।
खाद्य मुद्रास्फीति अक्टूबर 2021 के बाद से सबसे कम
खबर के मुताबिक, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मई 2025 के महीने के दौरान हेडलाइन मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से दालों और उत्पादों, सब्जियों, फलों, अनाज और उत्पादों, घरेलू सामान और सेवाओं, चीनी और मिष्ठान्न और अंडे की मुद्रास्फीति में गिरावट और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण है। मई 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति अक्टूबर 2021 के बाद से सबसे कम है।
मई 2025 में ग्रामीण हेडलाइन मुद्रास्फीति
आंकड़ो के मुताबिक, मई 2025 में ग्रामीण हेडलाइन मुद्रास्फीति 2.59% रही। अप्रैल में यह 2.92% थी, जबकि शहरी हेडलाइन मुद्रास्फीति 3.36% से घटकर 3.07% हो गई। शहरी क्षेत्रों में आवास मुद्रास्फीति 3.16% थी, और शिक्षा और स्वास्थ्य मुद्रास्फीति दर क्रमशः 4.12% और 4.34% थी। इसी तरह, मई, 2025 के महीने के लिए साल-दर-साल आवास मुद्रास्फीति दर 3.16% (अनंतिम) है। अप्रैल, 2025 के महीने के लिए इसी मुद्रास्फीति दर 3.06% थी।
आरबीआई ने लगाया है ये अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कुछ दिनो पहले चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने महंगाई दर के अनुमान को चार प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय बैंक का मानना है कि जिंसों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी के साथ मुख्य मुद्रास्फीति नरम बनी रहेगी। चार प्रतिशत से कम औसत खुदरा मुद्रास्फीति का यह अनुमान हाल के वर्षों में सबसे कम है। अप्रैल में अपनी मौद्रिक नीति घोषणा में आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा मुद्रास्फीति के औसतन चार प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि सामान्य मानसून के मद्देनजर वित्त वर्ष 2025-26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के अब 3.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।