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आतंक के आका पाकिस्तान का साथ देना तुर्की और अजरबैजान को पड़ने वाला है बहुत भारी, भारत में हुई ये तैयारी

भारत के तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापारिक संबंधों में तनाव आने की आशंका है, क्योंकि इन दोनों देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया है और वहां आतंकी शिविरों पर भारत के हालिया हमलों की निंदा की है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : May 14, 2025 16:35 IST, Updated : May 14, 2025 18:51 IST
Turkiye and Azerbaijan
Photo:FILE तुर्किये और अजरबैजान

भारत के खिलाफ आतंक का आका पाकिस्तान का साथ तुर्किये और अजरबैजान देना महंगा पड़ेगा। भारत में इन दोनों देशों के खिलाफ विरोध की लहर तेज हो गई है। इससे इन दोनों देशों को बड़ा नुकसान होने की आशंका है। पाकिस्तान का समर्थन करने के बाद, पूरे देश में तुर्किये के सामान और पर्यटन का बहिष्कार की मांग उठ रही है। इसके अलावा, ईजमाईट्रिप और इक्सिगो जैसे ऑनलाइन यात्रा मंच ने इन देशों की यात्रा के खिलाफ परामर्श जारी किया है। भारतीय कारोबारियों ने भी तुर्किये के सेब और संगमरमर जैसे उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। इन दोनों देशों के भारत बहुत बड़ा बाजार है। यहां से लाखों पर्यटक हर साल तुर्किये और अजरबैजान जाते हैं। इस कदम से इन दोनों देशों के पर्यटन कारोबार को भारी झटका लगेगा। 

मेकमाईट्रिप के प्रवक्ता के अनुसार, अजरबैजान और तुर्की के लिए बुकिंग में 60% की कमी आई है। वहीं, कैंसिलेशन में 250% की वृद्धि हुई है। देश के साथ एकजुटता और सेना के प्रति गहरे सम्मान के कारण, हम इस भावना का दृढ़ता से समर्थन करते हैं और सभी को अजरबैजान और तुर्की की सभी यात्राओं के खिलाफ सलाह दे रहे हैं। हमने इन दो गंतव्यों पर पर्यटकों को हतोत्साहित करने के लिए सभी ऑफर पहले ही बंद कर दिए हैं।

दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात 

अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के दौरान भारत का तुर्किये के साथ व्यापार 5.2 अरब डॉलर रहा, जो 2023-24 में 6.65 अरब डॉलर था। यह भारत के कुल 437 अरब डॉलर के व्यापार का केवल 1.5% है। वहीं, अजरबैजान के साथ भारत का व्यापार इसी अवधि में 8.60 करोड़ डॉलर रहा, जो 2023-24 में 8.96 करोड़ डॉलर था। तुर्किये से भारत का आयात अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच 2.84 अरब डॉलर रहा, जो 2023-24 में 3.78 अरब डॉलर था। यह भारत के कुल 720 अरब डॉलर के आयात का सिर्फ़ 0.5% है। अजरबैजान से आयात 2024-25 में 19.3 करोड़ डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह मात्र 7.4 लाख डॉलर था। यानी, दोनों देशों के साथ भारत का व्यापारिक संबंध बना हुआ है, लेकिन इसका हिस्सा सीमित है।

तुर्किये से क्या आता है भारत?

भारत तुर्किये को खनिज ईंधन और तेल (2023-24 में 96 करोड़ डॉलर), विद्युत मशीनरी, वाहन व उनके कलपुर्जे, कार्बनिक रसायन, फार्मा उत्पाद, रंगाई-साज सज्जा की सामग्री, प्लास्टिक, रबड़, कपास, मानव निर्मित फाइबर और लोहा-इस्पात का निर्यात करता है। वहीं, भारत तुर्किये से मार्बल (ब्लॉक और स्लैब), ताजे सेब (लगभग एक करोड़ डॉलर), सोना, सब्जियां, चूना-सीमेंट, खनिज तेल (2023-24 में 1.81 अरब डॉलर), रसायन, मोती और लोहा-इस्पात का आयात करता है। दोनों देशों ने 1973 में द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत 1983 में आर्थिक और तकनीकी सहयोग के लिए भारत-तुर्की संयुक्त आयोग की स्थापना हुई।

लगभग 3,000 भारतीय नागरिक

वर्तमान में तुर्किये में लगभग 3,000 भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें करीब 200 छात्र शामिल हैं। अजरबैजान में भी भारतीय समुदाय की संख्या 1,500 से अधिक है। भारत, अज़रबैजान को तंबाकू और उसके उत्पाद (2023-24 में 2.86 करोड़ डॉलर), चाय-कॉफी, अनाज, रसायन, प्लास्टिक, रबड़, कागज-पेपर बोर्ड और सिरेमिक उत्पादों का निर्यात करता है। वहीं, भारत में अज़रबैजान से पशु चारा, जैविक रसायन, आवश्यक तेल, इत्र, कच्ची खाल और चमड़ा (अप्रैल-फरवरी 2024-25 में 15.2 लाख डॉलर) आयात होता है। साल 2023 में भारत, अजरबैजान के कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा गंतव्य रहा।

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