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सरकार ने डीजल पर एक बार फिर दी बड़ी राहत, लेकिन कच्चे तेल पर बढ़ा दिया विंडफॉल टैक्स

अप्रैल की शुरुआत में जब सरकार ने विंडफॉल टैक्स की समीक्षा की थी, तब कच्चे तेल के दाम घटकर 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गए थे।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Apr 19, 2023 16:16 IST, Updated : Apr 19, 2023 16:16 IST
Petrol Diesel- India TV Paisa
Photo:FILE Petrol Diesel

दुनिया भर में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार ने एक बार फिर से कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगा दिया है। हालांकि सरकार ने डीजल का इस बार भी विंडफॉल टैक्स के दायरे से बाहर रखा है। बता दें कि साउदी अरब के नेतृत्व में ओपेक प्लस देशों ने उत्पादन घटाने का निर्णय लिया है। जिसके चलते लगातार कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। 

इससे पहले पिछली समीक्षा में सरकार ने डीजल के निर्यात पर शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया गया था। इस बार इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि कच्चे तेल में इस बार विंडफॉल टैक्स बढ़ा दिया गया है। 18 अप्रैल को जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर अब 6,400 रुपये प्रति टन का शुल्क लगेगा। इससे पहले, चार अप्रैल की समीक्षा में देश में उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को घटाकर शून्य कर दिया गया था। 

कच्चे तेल में तेज उतार चढ़ाव

अप्रैल की शुरुआत से लेकर अब तक कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार उतार चढ़ाव देखने को मिला है। अप्रैल की शुरुआत में जब सरकार ने विंडफॉल टैक्स की समीक्षा की थी, तब कच्चे तेल के दाम घटकर 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गए थे। हालांकि, उसके बाद तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और रूस जैसे उसके सहयोगी देशों के उत्पादन में कटौती की घोषणा के बाद कच्चे तेल के दाम में तेजी आई। ओपेक और उसके सहयोगी देशों के कच्चे तेल के उत्पादन में 11.6 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की घोषणा के बाद इसके दाम में तेजी आई है।

डीजल पर शून्य टैक्स 

आदेश के अनुसार, सरकार ने डीजल के निर्यात पर कर 50 पैसे प्रति लीटर से घटाकर शून्य कर दिया है। विमान ईंधन यानि एटीएफ के निर्यात पर शुल्क शून्य बना रहेगा। इस बारे में इक्रा लि. के उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) प्रशांत वशिष्ठ ने कहा, ‘‘पिछले महीने कच्चे तेल के दाम में नरमी रही। इसलिए चार अप्रैल, 2023 की समीक्षा में विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया गया था।’’ 

सरकार की होगी 15000 करोड़ की कमाई 

इक्रा का अनुमान है कि सरकार को इस उत्पाद शुल्क से 2023-24 में करीब 15,000 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। कीमतों के आधार पर ईंधन पर कर दरों की हर पखवाड़े समीक्षा की जाती है। सरकार ने एक जुलाई, 2022 से कच्चे तेल के उत्पादन और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाया था। इससे बीते वित्त वर्ष में लगभग 40,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है।

आम आदमी पर नहीं पड़ेगा असर

सरकार के इस कदम का असर आम उपभोक्ता पर नहीं पड़ेगा। यह टैक्स भारत से निर्यात होने वाले कच्चेतेल, पेट्रोल डीजल और एटीएफ पर लगाया जाता है। दरअसल पिछले साल जुलाई से सरकार ने विंडफॉल टैक्स की व्यवस्था लागू की थी। यहां सरकार कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के साथ ही विंडफॉल टैक्स बढ़ाती है, वहीं कीमतें घटने पर हर 15 दिनों में होने वाली समीक्षा के बाद टैक्स को घटाने का निर्णय लेती है। 

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