साबरमती नदी की तर्ज पर दिल्ली में युमना नदी के किनारे रिवर-फ्रंट बनाए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, वजीराबाद बैराज और ओखला बैराज के बीच 22 किलोमीटर में दिल्ली विकास प्राधिकरण की योजना अगले 2 से 3 वर्षों में कम से कम 6 नए टूरिस्ट प्लेस बनाने की है। इसके लिए 1660 हेक्टेयर एरिया को डेवलप किया जाएगा। अब तक 740 हेक्टेयर क्षेत्र को डेवलप किया जा चुका है, जिसमें असिता पूर्व और पश्चिम, कालिंदी अविरल (जिसमें बांसरा पार्क है), वासुदेव घाट, अमृत जैव विविधता पार्क और राजघाट के पास यमुना वाटिका जैसी जगहें शामिल हैं।
बायोडायवर्सिटी पार्क भी बनेगा
दिल्ली में यमुना नदी के किनारे कई वर्ल्ड क्लास के प्रोडक्ट बनाए जाएंगे, जिसमें सराय काले खां के पास रिवरफ्रंट बनेगा। रिवर फ्रंट में वॉकिंग और साइक्लिंग ट्रैक, बोटिंग और वॉटर स्पोर्ट्स, ओपन थिएटर, हरी-भरी ग्रीन बेल्ट, बायोडायवर्सिटी पार्क, फूड कोर्ट और कैफे का मजा ले पाएंगे। इतना ही नहीं, योग और मेडिटेशन जोन, बच्चों के लिए प्ले एरिया भी मिलेंगे। आने वाले को बेहतरी सुविधा मिले इसके लिए स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग और सिक्योरिटी, इको-फ्रेंडली डिजाइन का पूरा ख्याल रखा जाएगा। यह पुराने मिलेनियम पार्क बस डिपो की जगह पर बनाया जाएगा। इसके अलावा डीएनडी फ्लाईवे के पास कालिंदी बायोडायवर्सिटी पार्क, निजामुद्दीन ब्रिज के पास मयूर नेचर पार्क और राजघाट के पास एक नया इको-टूरिज्म क्षेत्र डेवलप होगा। हालांकि, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों सभी प्लेस को पैदल मार्गों और साइकिल ट्रैक से जोड़ना है।
नेचर और सस्टेनेबिलिटी पर जोर
डीडीए केवल इन स्थलों को सुंदर बनाने पर ही ध्यान नहीं दे रहा है बल्कि वजीराबाद के मौजूदा जैव विविधता पार्क से सीख लेते हुए पानी को संग्रहीत करने के लिए क्षेत्र भी विकसित कर रहा है। कुछ मामलों में, नदी के किनारे विशेष क्षेत्रों के अनुसार पौधारोपण कर रही है। इस बीच, डीडीए ने मयूर विहार, सराय काले खां और डीएनडी फ्लाईवे के पास झुग्गियों सहित बाढ़ के मैदानों में रहने वाले लोगों को जगह खाली करने का नोटिस देना शुरू कर दिया है।



































