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Stock Market में मई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट, Sensex 1747 अंक और निफ्टी 531 अंक लुढ़का

बीएसई सेंसेक्स 1747 अंक टूटकर 56,405 अंक पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी भी अपना अहम सपोर्ट तोड़ते हुए 531 अंक लुढ़कर 17 हजार के नीचे 16,842 अंक पर बंद हुआ।

Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published : February 14, 2022 16:15 IST
sensex- India TV Paisa
Photo:FILE

sensex

Highlights

  • बीएसई सेंसेक्स 1747 अंक टूटकर 56,405 अंक पर बंद हुआ
  • निफ्टी 531 अंक लुढ़कर 17 हजार के नीचे 16,842 अंक पर बंद हुआ
  • बड़ी गिरावट आने से निवेशकों को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में 4 मई, 2020 के बाद सोमवार को सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 1747 अंक टूटकर 56,405 अंक पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी भी अपना अहम सपोर्ट तोड़ते हुए 531 अंक लुढ़कर 17 हजार के नीचे 16,842 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले इस साल 24 जनवरी, 2022 को सेंसेक्स में 1649 अंक की गिरावट आई थी। वहीं, 2020 की बात करें तो सबसे बड़ी गिरावट 23 मार्च, 2020 को 3934 अंक की आई थी। उसके बाद 4 मई, 2020 को 2002 अंक की गिरावट आई थी। 

सेंसेक्स का 54,500, निफ्टी का 16,300 पर सपोर्ट

इंडिया इंफोलाइन सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि भारतीय शेयर बाजार में और बड़ी गिरावट आ सकती है। उन्होंने बताया कि बजट से पहले ही हमने बताया कि बाजार में तकनीकी रूप से निफ्टी अपना एक साइकिल पूरी कर रहा है। ट्रेंडरेखा ब्रेकडाउन होता हुआ दिख रहा है। वहीं, आरएसआई और एमएसीडी नेगेटिव डाइवर्जेंस शो कर रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में निफ्टी 16300-16500 तक जा सकता है। वहीं, सेंसेक्स 54,500 के स्तर को टच कर सकता है। अब बजट के बाद मेरा अनुमान सही होता दिख रहा है। आने वाले पांच राज्यों के चुनाव अब भारतीय बाजार के लिए काफी अहम होने वाले हैं। ऐसे में अगर बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा तो और बड़ी गिरावट आ सकतीहै। ऐसे में निवेशकों को सर्तक रहने की जरूरत है।

दुनियाभर समेत भारतीय बाजार में गिरावट की प्रमुख वजह

  • यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका से निवेशक चिंतित
  • कच्चा तेल 96 डॉलर के पार पहुंचने से महंगाई और बढ़ने का खतरा
  • कोरोना महामारी के कारण भरत समेत दुनियाभर में महंगाई रिकॉर्ड पर 
  • विदेशी निवेशकों की ओर से भारतीय बाजार में लगातार सेलऑफ 

निवेशकों को करीब 8 लाख करोड़ का नुकसान 

बाजार में बड़ी गिरावट आने से निवेशकों को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दरअसल, शुक्रवार को बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 263.47 लाख करोड़ रुपये था जो सोमवार को बाजार बंद होने पर 255.61 लाख करोड़ रुपये रह गया। इस तरह निवेशकों को 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। गौरतलब है कि दो दिन में सेंसेक्स 2520 पॉइंट्स टूट गया है। 

सिर्फ टीसीएस के शेयर हरे निशान में बंद

सेंसेक्स के शेयरों में सिर्फ टीसीएस हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहा है। एसबीआई, टाटा स्टील और इंडसइंड बैंक चार प्रतिशत से अधिक टूट गए। विश्लेषकों ने कहा कि अन्य एशियाई बाजारों के नकारात्मक रुख के बीच घरेलू बाजार भी भारी गिरावट आई है। 

सभी सूचकांक लाल निशान में 

सभी प्रमुख सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। मिड और स्मॉल-कैप सूचकांकों में से 2% की गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, यूरोपीय बाजार लाल निशान में खुले हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन और मुद्रास्फीति की चिंताओं के कारण भारतीय बाजार में गिरावट बढ़ी है। अगर रूस-यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ता है या अमेरिका द्वारा रूप पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा होती है तो इसका असर कच्चे तेल की कीमतों पर होगा। कीमतेंऔर बढ़ सकती हैं। यदि क्रूड और अधिक जाता है तो भारत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। बाजार इस बात को लेकर भी चिंतित है कि बढ़ती मुद्रास्फीति (कच्चे तेल की मजबूती पर) के साथ, फेड टेपिंग और रेट हाइक पर अपेक्षा से अधिक तेजी से कार्य कर सकता है।

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