नई दिल्ली। कुछ ऐसे रूट्स पर चलने वाली शताब्दी ट्रेनों के किराए में जल्द कमी लाई जा सकती है, जिन पर यात्रियों की संख्या काफी कम है। रेलवे का लक्ष्य इसके जरिए संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल करना है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 25 ऐसी शताब्दी ट्रेनों को चिह्नित किया गया है, जिनमें इस योजना को लागू किया जा सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय रेलवे इससे जुड़े प्रस्ताव पर सक्रियता से काम कर रहा है।
अधिकारी ने बताया कि पिछले साल दो मार्गों पर इस योजना को प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया था, जिसकी सफलता से इस पहल को काफी बल मिला है। उन्होंने बताया कि प्रायोगिक तौर पर जिन दो रूट्स पर इसे लागू किया गया है, उनमें से एक में आय में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है और 63 प्रतिशत अधिक यात्रियों ने बुकिंग कराई है।
इस कदम पर ऐसे समय में विचार किया जा रहा है जब ‘ फ्लेक्सी फेयर’ की योजना को लेकर रेलवे आलोचना का सामना कर रहा है। इसको लेकर लोगों में यह धारण बनी है कि इससे शताब्दी, राजधानी और दुरंतो जैसी ट्रेनों के किरायों में वृद्धि हुई है। रेलवे 45 शताब्दी ट्रेनों का परिचालन करती है और ये देश की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेनों में से एक है।