
EPFO: Four EPF account benefits, including free insurance
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सभी कर्मचारियों को पीएफ की सुविधा प्रदान करता है। इसके लिए, कर्मचारी की सैलरी में से एक छोटा सा हिस्सा पीएफ एकाउंट में जमा करने के लिए काटा जाता है। यह कर्मचारी के रिटायरमेंट के बाद उसके भविष्य को सुरक्षित करने का एक तरीका है। हालांकि, पीएफ खाते से जुड़े कई अन्य फायदे भी हैं, जो पीएफ खाताधारकों को मिलते हैं। इन फायदों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आइए आज हम आपको पीएफ खाते से जुड़े सभी लाभों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
फ्री इंश्योरेंस सुविधा
जैसे ही किसी कर्मचारी का पीएफ खाता खुलता है, तब वह बाई-डिफॉल्ट इंश्योर्ड भी हो जाता है। एम्प्लॉई डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (ईडीएलआई) के तहत कर्मचारी का 6 लाख रुपये तक का बीमा होता है। ईपीएफओ के सक्रिय सदस्य की सर्विस अविध के दौरान मृत्यु होने पर उसके नामित या कानूनी वारिस को 6 लाख रुपये तक का भुगतान किया जाता है। यह लाभ कंपनियां और केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को उपलब्ध कराती हैं।
टैक्स लाभ
टैक्स बचाने के लिए ईपीएफ सबसे आसान और बेहतर विकल्प है। ईपीएफ खाताधारक इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत अपनी सैलरी पर बनने वाले टैक्स में 12 प्रतिशत तक की बचत कर सकते हैं। यह लाभ नए टैक्स कानून में बंद कर दिया गया है, हालांकि अपने टैक्स की गणना के लिए आप पुरानी कर व्यवस्था का चयन कर इस लाभ का फायदा अभी भी उठा सकते हैं।
रिटायरमेंट के बाद पेंशन लाभ
ईपीएफओ कानून के तहत, कर्मचारी के बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (डीए) का 12 प्रतिशत हिस्सा पीएफ खाते में जमा किया जाता है। इसी प्रकार, कंपनियां भी बेसिक सैलरी और डीए का 12 प्रतिशत हिस्सा पीएफ खाते में जमा करती हैं, जिसमें से 3.67 प्रतिशत कर्मचारी के खाते में जाता है और शेष 8.33 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी पेंशन स्कीम में जमा होता है। इससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को पेंशन मिलती है।
निष्क्रिय खाते पर ब्याज
सबसे अच्छी बात यह है कि कर्मचारियों के निष्क्रिय पीएफ खाते पर भी ब्याज का भुगतान किया जाता है। 2016 में कानून में किए गए बदलाव के मुताबिक, अब पीएफ खाताधारकों को उनके तीन साल से अधिक समय से निष्क्रिय पड़े पीएफ खाते में जमा राशि पर भी ब्याज का भुगतान किया जाता है। इससे पहले, तीन साल से निष्क्रिय पड़े पीएफ खाते पर ब्याज देने का प्रावधान नहीं था।