क्रेडिट कार्ड का चलन देश में तेजी से बढ़ा है। मौजूदा समय में क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले सबसे अधिक युवा है। युवा आबादी अपनी सभी जरूरत क्रेडिट कार्ड से पूरा करना चाहता है। मोबाइल खरीदना हो या घूमने जाना है, क्रेडिट कार्ड है ना। इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर क्रेडिट कार्ड से लोन लेने में भी नहीं हिचक रहा है। हालांकि, इसका बहुत ही बुरा असर वित्तीय स्थिति पर हो रहा है। युवा आबादी कर्ज के जाल में फंसती जा रही है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि क्रेडिट कार्ड से लेान लेना आसान है लेकिन ब्याज का बोझ वहन करना मुश्किल है। क्रेडिट कार्ड से लोन पर 40% से 50 प्रतिशत तक ब्याज चुकाना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कैसे?
क्रेडिट कार्ड लोन कैसे अलग?
सामान्य क्रेडिट कार्ड से की जाने वाली खरीदारी 45 दिनों तक इंटरेस्ट फ्री होती है। वहीं, क्रेडिट कार्ड लोन पर पहले दिन से ही ब्याज लगना शुरू हो जाता है। क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर मिनिमम पेमेंट का विकल्प मिलता है। इसके विपरीत, कार्ड पर लोन एक निश्चित ईएमआई है, जिसमें कोई ब्याज-मुक्त अवधि नहीं होती है। पहले दिन से ही ब्याज चुकाना होता है। इसलिए यह ज्यादा महंगा होता है।
इस तरह चुकाते हैं भारी ब्याज
क्रेडिट कार्ड लोन पर ब्याज दर आमतौर पर 18-24 प्रतिशत प्रति वर्ष (0.99-1.5 प्रतिशत की एकसमान मासिक दर) होती है। इसके अलावा प्रोसेसिंग फीस 1-2 प्रतिशत होती है। प्री-पेमेंट मामले में 3-5 प्रतिशत तक पेनल्टी होती है। अगर आप 1.25 प्रतिशत की ब्याज दर पर 1 लाख रुपये का लोन क्रेडिट कार्ड से लेते हैं तो एक साल में लगभग 10,000 रुपये ब्याज चुकाते हैं। वहीं, 13 प्रशित की रीड्यूसिंग ब्याज दर पर आप पर्सनल लोन लेते हैं तो सालाना 6,800 रुपये का ब्याज चुकाएंगे। इस तरह क्रेडिट कार्ड से लिया लोन पर आप करीब 40-50 प्रतिशत तक ब्याज भुगतान करते हैं।



































