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EPF Withdrawal: पीएफ खाते से पैसा निकालने पर आपको देना पड़ सकता है टैक्‍स, जानिए क्‍या हैं इसके नियम

कर्मचारी जब चाहे तब पैसा निकाल सकता है लेकिन आपको पता होना चाहिए कि अगर आप अपना पीएफ निकालना चाहते हैं तो आपको इस पर टैक्स भी देना पड़ सकता है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : May 28, 2019 12:23 IST
EPF Withdrawal: You may have to pay tax on withdrawal from PF account, know what are its rules- India TV Paisa
Photo:EPF WITHDRAWAL

EPF Withdrawal: You may have to pay tax on withdrawal from PF account, know what are its rules

नई दिल्‍ली। रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ)  नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए एक बचत योजना चलाती है। भारत में वेतन पाने वाले कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने 12 प्रतिशत हिस्सा पीएफ यानी प्रोविडेंट फंड के रूप में कटता है। ऐसे किसी भी संस्थान जिसमें 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, वहां के कर्मचारियों की सैलरी से 12 प्रतिशत पीएफ का योगदान कंपनी देती है और इतना ही योगदान कर्मचारी देता है।

कर्मचारी जब चाहे तब पैसा निकाल सकता है लेकिन आपको पता होना चाहिए कि अगर आप अपना पीएफ निकालना चाहते हैं तो आपको इस पर टैक्स भी देना पड़ सकता है। टैक्स देने की शर्त और स्थिति भी होती है। अगर आप पीएफ का पैसा ईपीएफ की सदस्यता या अपनी सर्विस के 5 साल पूरा होने से पहले निकालते हैं तो इस पर आपको टैक्स देना पड़ेगा।

पीएफ निकालने पर टैक्स लगने और न लगने की कई स्थितियां होती हैं-

  • अगर कर्मचारी ईपीएफ में लगातार पांच साल की सर्विस नहीं लेता है और इसके पहले ही वो पीएफ से राशि निकाल लेता है तो उसे टैक्स देना पड़ेगा।
  • अगर कर्मचारी नौकरी बदलता है और अपना पीएफ अकाउंट नए नियोक्‍ता के पास ट्रांसफर करवा लेता है तो अकाउंट रिज्यूम रहता है। यानी कि पिछला वक्त भी इस नए नियोक्‍ता के पास ट्रांसफर हुए अकाउंट में जुड़ जाता है।
  • ईपीएफ में 4 तरीकों से योगदान होता है- कर्मचारी की ओर से, कंपनी की ओर से और कर्मचारी और कंपनी दोनों के कंट्रीब्यूशन पर बन रहे इंटरेस्ट से। अगर अकाउंट के पांच साल पूरे होने से पहले पीएफ निकालने पर कंपनी की ओर से किए गए योगदान और उस पर आए इंटरेस्ट के पूरे टोटल पर टैक्स लगेगा।
  • वहीं अकाउंट होल्डर्स के योगदान पर कोई टैक्स नहीं लगता लेकिन इस पर आए इंटरेस्ट को दूसरे स्रोतों से हुई इनकम के तौर पर देखा जाता है और इसपर टैक्स लगता है।
  • सर्विस पूरी होने के पांच साल पहले पीएफ निकालने पर 10 प्रतिशत का टैक्स लगता है।
  • अगर ऐसा सब्सक्राइबर पीएफ निकाल रहा है, जिसके पीएफ का अमाउंट 50,000 से कम है या उसकी कंपनी ही बंद हो गई है तो उससे किसी तरह का टैक्स नहीं लिया जाएगा।
  • अगर पीएफ अकाउंट का अमाउंट 50,000 से ज्यादा है और सर्विस 5 साल से भी कम है लेकिन सब्सक्राइबर की इनकम टैक्सेबल लिमिट से कम है तो वो फॉर्म 15G या 15H सबमिट कर सकता है। फॉर्म 15G ऐसे लोगों के लिए है जिनकी इनकम टैक्सेबल नहीं है और 15H वरिष्ठ नागरिको के लिए है।

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