दुनिया की दिग्गज आईटी फर्म एसेंचर बड़े साइबर हमले का शिकार हुई है।
सॉफ्ट लॉन्च के बाद 2 माह में कुल 1.85 करोड़ रुपये की रकम को जालसाजों के हाथों मे जाने से रोकने में सफलता पायी गयी।
खबर में दावा किया गया था कि एयर इंडिया, बिग बास्केट और डोमिनोज जैसे संगठनों के डेटा में सेंध लगने से एनआईसी के ईमेल खाते और पासवर्ड हैकर के पास चले गए हैं।
भारत में लगभग 52 प्रतिशत संगठनों ने कहा कि वे पिछले 12 महीनों में एक सफल साइबर हमले के शिकार हुए हैं। मंगलवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है।
कोरोना महामारी के समय में दुनियाभर में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा, लेकिन इसके साथ ही बीते साल में रिमोट एक्सेस प्रोटोकॉल्स के खिलाफ साइबर हमले का सिलसिला भी काफी बढ़ा है।
माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, अटैकर्स एक बार फिर से उन एक्सचेंज सर्वरों को निशाना बना सकते हैं, जिनमें वे पहले सेंधमारी कर चुके हैं। इन साइबर हमलों में डेटा चोरी मुख्य मकसद होता है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है। मंत्रालय ने यह अलर्ट NHAI, NHIDCL और इसके अन्य विंग्स के लिए जारी किया है।
देश में सितंबर और अक्टूबर के बीच साइबर हमलों मासिक आधार पर तीन गुना से अधिक बढ़त देखने को मिली है। 2021 सोनिकवॉल साइबर थ्रेट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में दिसंबर 2020 के दौरान 2.5 करोड़ से अधिक मैलवेयर हमले किए गए हैं।
भारत में सबसे ज्यादा साइबर हमले वित्त एवं बीमा क्षेत्र में दर्ज किए गए, जिसके बाद विनिर्माण और पेशेवर सेवाएं शामिल हैं। अपराधियों ने सबसे ज्यादा रैनसमवेयर का इस्तेमाल किया, इससे लगभग 40 प्रतिशत हमले हुए।
पिछले हफ्ते उसके आंतरिक सर्वर पर एक साइबर अटैक हुआ है और कंपनी के आईटी सिस्टम के जरिये यह वायरस पूरे नेटवर्क में फैल गया।
साइबर सिक्यॉरिटी कंपनी सिमेंटेक की रिपोर्ट के मुताबिक, जियो यूजर्स पर हैकर्स साइबर अटैक कर सकते हैं। सिमेंटेक ने एक मैलवेयर सोर्स कोड का पता लगाया है।
देश को 2018 की पहली छमाही में सबसे ज्यादा साइबर हमले रूस, अमेरिका, चीन और नीदरलैंड जैसे देशों की ओर से झेलने पड़े हैं।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने वित्तीय बाजार की ढांचागत संरचना पर वृहद स्तरीय साइबर हमलों की आज आशंका जाहिर करते हुए नवाचार में निवेश एवं प्रतिभा के सशक्तिकरण के जरिये बदलाव लाने को मानक स्थापित करने का आह्वान किया।
जापान में Bitcoin जैसी क्रिप्टो करैंसी से जुड़ी सबसे बड़ी साइबर डकैती सानने आई है। हैकरों ने जापान के एक एक्सचेंज को 58 अरब येन मूल्य की क्रिप्टोकरंसी का चूना लगाया।
चायनीज स्मार्टफोन कंपनी OnePlus के प्रोडक्ट खरीदने वाले ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड की जानकारी चोरी होने का मामला सामने आया है
रेलिगेयर ने डाटा लीक होने का पूरी तरह से खंडन किया है। कंपनी का कहना है कि उसका परिचालन एवं डाटा पूर्णतया सुरक्षित है
नए रैनसमवेयर वायरस पीटरैप (Petrwrap) ने दुनियाभर के देशों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। पीटरैप वायरस से भारत भी अछूता नहीं है।
दुनिया के कई देशों को प्रभावित करने वाले साइबर हमले रैंसमवेयर का असर पांच छह छिटपुट घटनाओं तक सीमित है। आईटी तंत्र में किसी बड़ी बाधा की रिपोर्ट नहीं है।
साइबर हमले के खतरे को देखते हुए सरकार ने देशभर के कुछ ATMs को बंद कर दिया है। सरकार ने यह कदम सुरक्षा के मद्देनजर आठाया है। हालांकि आरबीआई ने इंकार किया है।
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