उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का तकनीक पर लगातार जोर दिए जाने का नतीजा अब दिखने लगा है। लोगों का तकनीक के प्रति क्रेज बढ़ा है।
डाक पे के जरिए ग्राहक पैसों को देश में एक जगह से दूसरी जगह भेज या पा सकेंगे। इसकी मदद से क्यूआर कोड स्कैन, वर्चुअल डेबिट कार्ड और यूपीआई के जरिए किसी भी सेवा या वस्तु के लिए भुगतान किया जा सकेगा। वहीं पोस्टल फाइनेंशियल सर्विस भी घर तक मुहैया कराई जाएगी।
नेटफ्लिक्स या अमेजन जैसे ओटीटी (ओवर दि टॉप) स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने की निगरानी में काम करेंगे।
सरकारी कामकाज की बात करें तो सरकारी टेंडर हो या फिर घर या जमीन जायदाद की खरीद बिक्री, इन सभी कार्यों के लिए डिजिटल सिग्नेचर अनिवार्य कर दिया गया है।
मूल्य के हिसाब से चेक द्वारा भुगतान 20.08 प्रतिशत रहा। 2015-16 में चेक के जरिये भुगतान का मात्रा के हिसाब से 15.81 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 46.08 प्रतिशत हिस्सा था।
डिपार्टमेंट ने साफ किया कि डिजिटल मीडिया कंपनी के सीईओ और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में आधे से ज्यादा सदस्य भारतीय नागरिक होने चाहिए। वहीं कंपनी को सभी विदेशी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा से जुड़ी आवश्यक अनुमति लेनी होगी।
2015-16 से लेकर 2019-20 के बीच डिजिटल भुगतान 55.1 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। इस दौरान डिजिटल भुगतान की मात्रा मार्च 2016 में 593.61 करोड़ से बढ़कर मार्च 2020 तक 3,434.56 करोड़ हो गई।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने रविवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पुष्टि की है कि करंसी नोट कोरोना के संभावित वाहक हो सकते हैं।
सरकार ने 15 अगस्त को ‘डिजिटल इंडिया’ के तहत डिजिटल अपनाएं अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का मकसद ग्राहकों को बैंक के डिजिटल चैनल से जोड़ना है।
सीबीडीटी ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि 1 जनवरी 2020 के बाद से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान पर अगर कोई शुल्क लगाया गया तो तुरंत उसे ग्राहकों को वापस किया जाए। सीबीडीटी ने निर्देश दिए हैं कि बैंक आगे इन इलेक्ट्रॉनिक मोड से ट्रांजेक्शन पर शुल्क नहीं लेगें।
जानकारी मिली है कि कुछ बैंक यूपीआई के माध्यम से किए गए लेन-देन पर शुल्क लगा रहे हैं। वे एक निश्चित सीमा तक नि:शुल्क लेन-देन की सुविधा दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद शुल्क वसूल रहे हैं।
वित्तीय समावेश को लेकर सरकारी नीतियों तथा व्यापारियों के बीच बढ़ते डिजिटलीकरण के दम पर 2025 तक भारत में डिजिटल भुगतान बाजार के तीन गुना बढ़कर 7,092 हजार अरब रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है।
गूगल ने अपने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महमारी के बीच में यह बहुत ही महत्पूर्ण कदम है, जो निवेशक गंतव्य के रूप में भारत के खुलेपन और आकर्षक को प्रदर्शित करता है।
आने वाले समय में डिजिटल लेनटेन में तेज बढ़ोतरी होने की उम्मीद
डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए योजना का ऐलान
पीएम मोदी ने कहा कि होम डिलिवरी सेवा में लगे लोगों से लेकर डॉक्टर, बैंकिंग सेक्टर में लगे लोगों के लिए सभी देशवासी डिजिटल पेमेंट को अपना कर हौसला बढ़ाएं
RBI गवर्नर ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में भी वो आशावान हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) सुनिश्चित करने के साथ ही डिजिटल भुगतान अपनाने का आग्रह किया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा है कि भारत एक 'प्रमुख डिजिटल समाज' बनने की ओर अग्रसर है। इसके साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक समुदाय के पास इस समय डिजिटल मंचों पर कारोबर के लिए एक नयी वैश्विक कर प्रणाली तैयार करने का अनूठा अवसर है।
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