डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब RBI की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश की जा रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते है
डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब आरबीआई की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश करने की बात हो रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते हैं कि डिजिटल करेंसी क्या होती है और इसके क्या फायदे हैं।
PhonePe Offers: फोनपे ने कहा कि उसके उपयोगकर्ता धनतेरस ऑफर का लाभ उठा सकते हैं और सोने पर 2,500 रुपये और चांदी की खरीदारी पर 500 रुपये तक का कैशबैक प्राप्त कर सकते हैं।
Digital Banking In India: देश की आजादी को 75 वर्ष पूरे होने पर पीएम मोदी की ओर से दी गई यह सौगात इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखी जाएगी। क्योंकि एक दिन यही डीबीयू भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करेगी।
सरकार ने डिजिटल साक्षरता में सुधार के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया को शुरू किया था। भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है।
Digital Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि 2022-23 के दौरान सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को लॉन्च किया जाएगा।
UPI Transaction आज के समय में शहरी क्षेत्रों में लगभग लोग कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में भी इसकी संख्या में बढ़ोतरी होनी शुरु हो गई है। भारत सबसे अधिक डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) करने वाले देश की लिस्ट में शामिल हो गया है।
Digital Currency: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अभूतपूर्व दर से बढ़ा है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में सात फीसदी से अधिक आबादी के पास डिजिटल करेंसी है।
डिजिटल मार्केटिंग ऑफलाइन मार्केटिंग से ज्यादा सफल है। ऑफलाइन के मुकाबले ऑनलाइन मार्केटिंग कम खर्च में संभव है।
सर्वे में शामिल कर्मियों में से करीब 95 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें और डिजिटल कौशल की आवश्यकता है
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित डिजिटल मुद्रा के स्पष्ट लाभ हैं और ‘डिजिटल रुपया’ लाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह से सोच-समझकर लिया गया है।
डिजिटल मुद्रा में भारतीय करेंसी की तरह विशिष्ट अंक होंगे। यह ‘फ्लैट’ मुद्रा से भिन्न नहीं होगी। यह उसका डिजिटल रूप होगा। एक प्रकार से कह सकते हैं।
डिजिटल रुपया में आप छूने का अहसास नहीं कर पाएंगे जो अभी प्रचलन में मुद्रा के साथ कर पाते हैं। आप डिजिटल रुपया को घर या पर्स में नहीं रख पाएंगे।
आप अब डिजिटल रूप से सोना खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ विकल्पों के बारे में।
रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ कई बार राय व्यक्त कर चुका है। वह इसे देश की वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर मानता है।
थोक डिजिटल मुद्रा के मामले में काफी काम हुआ है, जबकि खुदरा मामला थोड़ा जटिल है और इसमें कुछ समय लगेगा।
RBI to organize its first global hackathon with the theme 'smarter digital payments'
डिजिटल इंडिया मिशन के बाद सरकारी दफ्तरों की तस्वीरें बदलने लगी हैं। हालांकि अभी भी 10 लाख फाइलों को डिजिटल स्वरूप में बदला जाना बाकी है।
आरबीआई द्वारा सीबीडीसी की पेशकश के लिए एक मजबूत प्रेरक कारक है। सीबीडीसी के साथ नकदी का वजूद भी बना रहेगा।
विनिर्माण, इंजीनियरिंग तथा डिजिटलीकरण में अप्रयुक्त अवसर अगले 5 साल में 1,000 अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था की हमारी संकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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