सेबी ने इस महीने की शुरुआत में निवेशकों को डिजिटल और ई-गोल्ड उत्पादों में निवेश से सावधान रहने की सलाह दी थी। इसमें कहा था कि ये उत्पाद सेबी के नियामकीय ढांचे से बाहर हैं, और इनमें निवेश करने से काफी जोखिम बढ़ जाते हैं।
अगर किसी व्यक्ति का मोबाइल नंबर लीक होकर स्पैम या अनधिकृत कॉल आती है, तो वह शिकायत करके जांच की मांग कर सकता है। नए नियम यह पता लगाने में मदद करेंगे कि किसी का डेटा किस संस्था ने बिना अनुमति लीक किया और दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सेबी ने कहा कि ऐसे डिजिटल गोल्ड प्रोडक्ट सेबी-रेगुलेटेड गोल्ड प्रोडक्ट्स से अलग हैं, क्योंकि इन्हें न तो सिक्यॉरिटी के रूप में नोटिफाई किया गया है और न ही कमोडिटी डेरिवेटिव के रूप में रेगुलेट किया गया है।
फेस्टिव सीजन की रौनक ने न केवल बाजारों को रोशन किया है बल्कि डिजिटल पेमेंट्स के आंकड़ों में भी बंपर उछाल ला दिया है। NPCI के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर महीने में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए औसतन हर दिन 94,000 करोड़ रुपये के लेनदेन हुए।
फिक्की-डेलॉयट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 73 प्रतिशत लोग अब किसी भी चीज की जानकारी सबसे पहले ऑनलाइन ही लेते हैं, यहां तक की आभूषण के लिए भी।
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि यूपीआई लेनदेन में हाल के वर्षों में भारी वृद्धि हुई है। यूपीआई को देश में व्यापक डिजिटल भुगतान के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में देखा जाता है।
A Decade of Digital India - Reel Contest में हिस्सा लेने के लिए आपको कुछ शर्तों का पालन करना होगा। आपकी रील कम से कम 1 मिनट की होनी चाहिए।
पोस्ट ऑफिस में इस सुविधा की शुरुआत होने से लोगों को काफी सहूलियत होगी। यह देश के हर डाकघर में लागू होने जा रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक और बड़ा खतरा डीपफेक तकनीक भी है, जो बड़े पैमाने पर जनता को बहुत नुकसान पहुंचा रही है। आज, हमें इनसे निपटने में सावधानी बरतनी चाहिए।
एनपीसीआई ने कहा कि प्रोसेस टाइम में संशोधन का उद्देश्य ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना है।
जैसे-जैसे यूपीआई और लचीले क्रेडिट विकल्प आम होते जा रहे हैं, भविष्य उनका है जो समावेशी विकास और वित्तीय लचीलापन को बढ़ावा देने के लिए इन उपकरणों का जिम्मेदारी से लाभ उठाते हैं।
साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। इसी कड़ी में डिजिटल अरेस्ट के भी काफी मामले सामने आ रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों को डिजिटल अरेस्ट से सतर्क रहने की अपील करते हुए चेतावनी दी है।
दिसंबर 2024 के आखिर में क्रेडिट कार्ड की संख्या दिसंबर 2019 की तुलना में दोगुनी से अधिक बढ़कर लगभग 10. 80 करोड़ हो गई है। एसबीआई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले दशक में भारत में डिजिटल भुगतान में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
How to avoid digital arrest : कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है। क्राइम करने पर असली वाली गिरफ्तारी होती है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद से दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इस सप्ताह में सबसे अधिक आकर्षक मूवर्स में से एक बन गई है। बीते बुधवार को लाभ कम करने से पहले इसने 93,480 डॉलर का रिकॉर्ड लेवल छुआ।
इस साल की शुरुआत में पेटीएम की सहयोगी कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पर भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिबंध लगाए जाने से पेटीएम को तगड़ा झटका लगा था।
फेस्टिवल सीजन के दौरान, खरीदारी बढ़ने के बीच ग्राहक यह भूल जाते हैं कि उन्होंने क्या ऑर्डर किया है, जिससे वे फिशिंग स्कैम की चपेट में आ सकते हैं। फर्जी डिलीवरी के नोटिफिकेशन से बचने के लिए हमेशा पेमेंट लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे दोबारा जांच लें।
साइबर जालसाज आपको शेयर बाजार में 30-50 प्रतिशत तक के रिटर्न का लालच देने की कोशिश कर सकते हैं और आपको एक फर्जी वेबसाइट पर आने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।
सिर्फ 2024 की पहली छमाही में 78 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन हुए हैं, जो कि साल 2023 की पहली छमाही के मुकाबले वॉल्यूम में 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
एलआईसी के ग्राहकों, एजेंटों और कर्मचारियों के लिए बेहतर जुड़ाव और डेटा आधारित पर्सनलाइजेशन एक्सपीरियंस देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एलआईसी ने बैंकिंग, वित्तीय और बीमा क्षेत्रों में कंपनी की गहन विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर चुना।
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