लोगों के मोबाइल फोन पर RBI के नाम से वॉइसमेल आ रहे हैं। इस वॉइसमेल में लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि उनका बैंक खाता ब्लॉक कर दिया जाएगा।
SBI ने अपने ग्राहकों और आम जनता को सलाह दी है कि किसी भी जानकारी को SBI की आधिकारिक वेबसाइट, अधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स, या नजदीकी ब्रांच से ही सत्यापित करें।
कंपनी पर धोखाधड़ी करने के आरोप लगने के बाद से ही इसके शेयरों में भारी गिरावट का सिलसिला जारी है। सोमवार को हफ्ते के पहले दिन जेनसोल के शेयर भारी बिकवाली के दबाव में एक बार फिर लोअर सर्किट का शिकार हुए।
पंजाब नेशनल बैंक ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि ये फ्रॉड 270.57 करोड़ रुपये का है। इसमें कहा गया है कि भुवनेश्वर स्थित स्टेशन स्क्वायर ब्रांच ने कंपनी को लोन दिया था। निर्धारित मानदंडों के अनुसार, बैंक पहले ही 270.57 करोड़ रुपये का प्रावधान कर चुका है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा है कि जिन लोगों के पास पहले से पैन कार्ड हैं, उन्हें नए कार्ड के लिए अप्लाई करना अनिवार्य नहीं है। अगर किसी व्यक्ति को अपने मौजूदा पैन कार्ड में कोई करेक्शन या अपडेट कराना है तो वे PAN 2.0 प्रोजेक्ट के तहत नए कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
साइबर जालसाज आपको शेयर बाजार में 30-50 प्रतिशत तक के रिटर्न का लालच देने की कोशिश कर सकते हैं और आपको एक फर्जी वेबसाइट पर आने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।
NSE ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘हम ये स्पष्ट करना चाहते हैं कि लाजार्ड एसेट मैनेजमेंट इंडिया नाम की कोई भी यूनिट सेबी के साथ स्टॉक ब्रोकर के रूप में रजिस्टर्ड नहीं है। वॉट्सऐप ग्रुप में दिखाया जा रहा फर्जी सेबी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पूरी तरह से मनगढ़ंत और अवैध है।’’
साल 2018 में डीएमआई फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने एक प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट के लिए 55 करोड़ रुपये अलॉट किए थे। शर्तों के अनुसार, इन पैसों का इस्तेमाल सिर्फ प्रोजेक्ट के लिए ही होना था।
साइबर फ्रॉड के मामलों को देखकर ये तो साफ हो गया है कि इसके जाल में सिर्फ छोटे शहरों में रहने वाले कम पढ़े-लिखे लोग ही नहीं बल्कि दिल्ली-मुंबई में रहने वाले पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स भी बुरी तरह से फंस रहे हैं। लोगों को साइबर फ्रॉड से सुरक्षा देने के लिए भारत सरकार का गृह मंत्रालय एक हेल्पलाइन नंबर ऑपरेट करता है।
गिफ्ट कार्ड धोखाधड़ी भी सुर्खियों में है। इसमें बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसमें धोखेबाज संकट में फंसे किसी प्रियजन, सरकार या आयकर विभाग के अधिकारी या यहां तक कि आपके बैंक के प्रतिनिधि होने का दिखावा कर सकते हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर धोखेबाज आमतौर पर शेयर, आईपीओ, क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन जैसी परिसंपत्तियों में निवेश पर असामान्य रूप से अधिक रिटर्न का वादा करते हुए नजर जाते हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया कि ग्रो ऐप ने पैसे लेने के बावजूद म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश नहीं किया। साथ ही दावा किया कि ग्रो ने एक गलत फ़ोलियो नंबर बनाया जो वास्तव में मौजूद नहीं था।
हाल ही में आई खबरों के मुताबिक, बेंगलुरु की एक 45 वर्षीय महिला एक स्मार्ट लॉटरी घोटाले के झांसे में आ गई। उसने तीन महीने में 18 लाख रुपये से अधिक गंवा दिए।
Aadhaar के जरिए नए तरह का फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। इसमें जालसाज बायोमेट्रिक डाटा का इस्तेमाल कर फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं। इससे बचने के लिए बायोमेट्रिक को लॉक रखें।
हाल के दिनों में डिजिटल फर्जीवाड़े में तेजी आई है। जालसाज तरह-तरह के हथकंडे अपना कर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि केवाईसी के नाम पर कैसे फ्रॉड किया जा रहा है और आप इससे कैसे बच सकते हैं।
Aadhaar Number: इस व्यक्ति के कारनामें ने पूरे सरकारी सिस्टम को हिलाकर रख दिया है। इसने अपनी खतरनाक दिमाग का इस्तेमाल कर एक आधार कार्ड से 656 सिम निकाल लिया। कहीं ऐसा आपके साथ तो नहीं हो रहा है, जान लीजिए।
नोएडा से ऑनलाइन ठगी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दंपति ने गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च किया और उस पर कॉल मिलाई। थोड़ी देर बाद पीड़ित को मैसेज आया कि उसके अकाउंट से 8 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा है कि दूरसंचार सेवा प्रदाता टेलीमार्केटिंग कंपनियों की तरफ से हेडर एवं संदेश के खाके का दुरुपयोग रोकने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
'एक रात में पैसा डबल' इस स्कीम के बारे में आपने सुना होगा। बहुत सारे मीम भी इस टैगलाइन पर बनाए जाते हैं, लेकिन आज आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ धोखेबाजों ने सैकड़ों लोगों को पैसा डबल करने वाली एक स्कीम बताकर लाखों रूपये चपत कर लिए, जिसके बारे में FIR में जानकारी सामने आई है।
विभाग ने एक वेबसाइट लॉन्च की है जहां आप जाकर सीधे अपने मोबाइल नंबर से लिंक अन्य फोन नंबरों की जांच कर सकते हैं और मौके पर ही उन्हें डिलीट कर सकते हैं।
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