अमेरिका के प्रतिबंधों से मिली छूट की अवधि इस महीने की शुरुआत में समाप्त होने के बाद भारत ने ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। अमेरिका में भारत के राजदूत ने यह जानकारी दी।
अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध से मिल रही छूट के समाप्त होने के बाद भारत ने इस महीने से ईरान से कच्चा तेल मंगाना बंद कर दिया है।
2017-18 में देश से 40.56 लाख टन, 2016-17 में 38.85 लाख टन और 2015-16 में 40.45 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था।
ईरान से तेल आयात करने वालों में चीन के बाद भारत दूसरा बड़ा आयातक देश है।
इससे पहले जब ईरान पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए थे तब रुपए में लेनदेन के लिए यूको बैंक को जिममेदारी दी गई थी।
ईरान का बैंक पसरगाद अगले तीन महीने में यह शाखा चालू करेगा। गडकरी ने बताया कि सरकार इसकी अनुमति पहले ही दे चुकी है
ईरान की सरकारी पेट्रोलियम कंपनी एनआईओसी को कच्चे तेल के बदले में रुपए में किए जाने वाले भुगतान को कर मुक्त कर दिया गया है।
भारत ने कच्चे तेल का भुगतान घरेलू मुद्रा रुपए में करने के लिए ईरान के साथ करार किया है।
वैश्विक तेल बाजार में आज से नई हलचल का दौर शुरू हो गया है। सोमवार से ईरान के तेल और वित्तीय क्षेत्र के लिए अब तक के सबसे कड़े अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो गए हैं।
भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने नवंबर माह के दौरान कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए ईरान को पहले ही अपना ऑर्डर जारी कर दिया है।
नवंबर से ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद भी भारत को तेल की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ये भारत के लिए फायदेमंद नहीं रहेगा।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि दो तेल कंपनियों ने नवंबर में ईरान से तेल खरीदने का आर्डर दिया है
भारत ने अमेरिकी पाबंदी के बावजूद ईरान से तेल व्यापार का पहला स्पष्ट संकेत दिया है।
ईरान के विदेश मंत्री का कहना है कि अमेरिका की कोरी धमकियों के बावजूद तेहरान से भारत को किए जाने वाली तेल की बिक्री जारी रहेगी।
इस साल की शुरुआत में अमेरिका 2015 के ईरान परमाणु संधि से पीछे हट गया था और ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे।
भारत की रिफाइनरी कंपनियों को अगले माह के दौरान ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाना चाहिए या पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।
ईरान को नवंबर से लागू होने जा रहे अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत जैसे बड़े ग्राहक से हाथ धोना पड़ सकता है।
वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ईरान से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद भारत-ईरान व्यापार को व्यावधान मुक्त रखने के लिए रूपरेखा तैयार करेंगे।
ईरान से कच्चे तेल आयात संबंधी प्रतिबंध नवंबर से लागू हो जाने के बाद भारत अपने इस तीसरे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता देश को कच्चे तेल के लिए एक बार फिर से रुपये में भुगतान कर सकता है।
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