उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर दिसंबर 2021 में 5. 66 प्रतिशत और जनवरी 2021 में 4.06 प्रतिशत थी।
भारतीय खुदरा संघ (आरएआई) ने अपने खुदरा व्यापार सर्वेक्षण में कहा कि पिछले महीने वृद्धि दर 2020 के इसी महीने की तुलना में 16 प्रतिशत थी।
आंकड़ों को देखें तो देश में महंगाई की दर बढ़ी है, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी है। यह आरबीआई के मध्यम अवधि के अनुमानों के भीतर है।
बयान में कहा गया कि खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने के 4.83 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने के दौरान 7.51 प्रतिशत के मुकाबले 2.26 प्रतिशत थी।
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार पर आने वाले कुछ समय तक फेडरल रिजर्व, चीन की अर्थव्यवस्था, कच्चे तेल की कीमतें और घरेलू बाजार में कंपनियों के तिमाही नतीजों का असर देखने को मिलेगा।
श्रम मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक (सीपीआई-एएल) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक (सीपीआई-आरएल) अगस्त 2021 में क्रमश: 3.90 प्रतिशत और 3.97 प्रतिशत रही।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अगस्त में 3.11 प्रतिशत रही जो कि इससे पिछले महीने जुलाई में 3.96 प्रतिशत थी वहीं अगस्त, 2020 में यह 9.05 प्रतिशत के उच्चस्तर पर थी।
2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
वॉलमार्ट के सीईओ ने इस बात का जिक्र किया कि अमेरिका और चीन के साथ भारत उसके तीन प्रमुख बाजारों में से है। उनके मुताबिक भारत दुनिया के सबसे रोमांचक खुदरा बाजारों में से है।
इससे पिछले महीने यानी जून माह में मुद्रास्फीति दर कृषि और ग्रामीण कामगारों के लिये क्रमश: 3.83 प्रतिशत और 4 प्रतिशत थी।
औद्योगिक कर्मचारियों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति जून में बढ़कर 5.57 प्रतिशत पहुंच गयी। मुख्य रूप से कुछ खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से महंगाई दर बढ़ी है।
विश्वबैंक के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की थोक कीमत आधारित मुद्रस्फीति 30 साल के उच्चतम स्तर पर है
वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत में कुल डीमैट खातों की संख्या 4.1 करोड़ थी, जो वित्त वर्ष के अंत तक बढ़कर 5.5 करोड़ हो गई।
भारत के औद्योगिक उत्पादन में मई के दौरान 29.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह पता चला।
सरकार के इस फैसले से 2.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एमएसएमई (MSME) को देश के इकोनॉमिक ग्रोथ का इंजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को कर्ज के मामले में निजी क्षेत्रों के बैंकों में 9.23 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि हुई जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मामले में यह 0.89 प्रतिशत है।
भारतीय खुदरा विक्रेता संघ (आरएआई) के एक सर्वेक्षण के मुताबिक कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते कई राज्यों में लॉकडाउन के कारण भारत में खुदरा बिक्री 2019 में कोविड से पहले के स्तर के मुकाबले 79 प्रतिशत घट गई।
कृषि श्रमिकों के मामले में सूचकांक में 16 राज्यों में एक से लेकर 17 अंक की वृद्धि हुई जबकि चार राज्यों में एक से चार अंक की गिरावट भी आई है।
पिछले पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आईआईपी में 8.6 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि 2019-20 में इसमें 0.8 प्रतिशत का संकुचन हुआ था।
2020 में साइबर हमलों की घटनाओं में 59 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कोरोना महामारी क बीच हेल्थेकेयर सेक्टर की बढ़ती भूमिका के बीच सेक्टर पर साइबर हमले भी बढ़े हैं।
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