पाकिस्तान में चीनी के डीलर्स ने गैर-कानूनी तरीके से चीनी की कालाबाजारी शुरू कर दी है। इससे कीमतों में तेजी से उछाल आया है।
इससे पहले जुलाई 2021 में इस्मा ने 3.1 करोड़ टन चीनी के उत्पादन का प्रारंभिक अनुमान दिया था। एक अक्टूबर तक देश में 82.9 लाख टन चीनी का शुरुआती स्टॉक मौजूद है।
पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से होटल और रेस्तरां बंद होने के कारण चीनी की खपत में गिरावट आई है।
दिवाली के अवसर पर सरकार 10 किलो चावल और 2 किलो चीनी वितरित करेगी। इस फैसले का आज ऐलान किया गया है। इसका लाभ परिवार कार्ड धारकों को दिया जाएगा।
ऐस्ता ने कहा कि विपणन वर्ष 2020-21 (अक्टूबर से सितंबर) में कुल निर्यात में से, 70.6 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है, जबकि लगभग 1,66,335 टन चीनी की लदान की जा रही है।
फिलहाल बंदरगाहों पर 2 लाख टन से ज्यादा चीनी निर्यात के लिये रखी है, ऐसे में अनुमान है कि मौजूदा शुगर सीजन में कुल एक्सपोर्ट 70 लाख टन को पार कर जायेगा।
अफगानिस्तान, भारतीय चीनी निर्यात के लिए शीर्ष तीन गंतव्यों में से एक है। वहां हर वर्ष लगभग छह-सात लाख टन चीनी का निर्यात किया जाता है।
चीनी मिलों की नकदी स्थिति में सुधार के लिए चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य मौजूदा 31 रुपये से बढ़ाकर 34.5-35 रुपये प्रति किलोग्राम किया जाना चाहिए।
मोदी सरकार ने आज गन्ना किसानों के लिये बड़ा ऐलान किया है। कैबिनेट ने आज गन्ने के लिये FRP बढ़ाकर 290 रुपए प्रति क्विंटल करने को मंजूरी दे दी।
किसान गन्ना के राज्य परामर्श मूल्य में वृद्धि की मांग कर रहे थे। वे पहले ही पंजाब सरकार द्वारा घोषित प्रति क्विंटल पर 15 रुपये की वृद्धि ठुकरा चुके थे।
उच्चतम न्यायलय ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, गुजरात, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु को भी नोटिस जारी किया।
इस्मा के मुताबिक 2020-21 शुगर सीजन में अब तक करीब 307 लाख टन चीन का उत्पादन हो चुका है। वहीं सितंबर 2021 तक विशेष सत्र में 2 लाख टन चीनी का और उत्पादन संभव है।
चीनी मिलों ने सितंबर में समाप्त होने वाले चालू 2020-21 विपणन वर्ष में अब तक 47.5 लाख टन चीनी का निर्यात किया है, जिसमें सर्वाधिक निर्यात इंडोनेशिया को किया गया है।
खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार इस साल जनवरी से जून के दौरान देश से रिकॉर्ड 50 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ है।
इस्मा ने कहा कि चीनी की मांग मार्केटिंग वर्ष 2020-21 में 260 लाख टन को पार कर सकती है, जबकि पिछले वर्ष यह मांग 253 लाख टन रही थी।
उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 110.16 लाख टन और महाराष्ट्र में 106.28 लाख टन रहा है। महाराष्ट्र में क्रशिंग सीजन खत्म हो गया है।
पिछले 20 वर्षों में यह पहली बार है जब आपात स्थिति में गन्ना किसानों को तत्काल भुगतान की सुविधा दी गई है।
30 अप्रैल 2021 तक देश भर में 106 चीनी मिलें क्रशिंग कार्य कर रहीं थीं। वहीं पिछले साल इस समयसीमा तक 112 चीनी मिलें चीनी का उत्पादन कर रही थीं।
इस्मा ने अनुमान जताया है कि 2020-21 में चीनी का उत्पादन 3.02 करोड़ टन रह सकता है। पिछले साल देश में 2.742 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
पाकिस्तान की सरकारी ट्रेडिंग कंपनी टीसीपी ने सोमवार को 50,000 टन सफेद चीनी के आयात के लिये वैश्विक निविदा जारी की है।
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