मुद्रा निगरानी सूची अमेरिका द्वारा तैयार की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य अपने प्रमुख भागिदार देशों की मुद्रा को लेकर गतिविधियों तथा वृहत आर्थिक नीतियों पर करीबी नजर रखी जाती है। भारत पिछले दो साल से इस लिस्ट में था।
31 अगस्त को रुपए में एक और रिकॉड स्तर को पार किया। अब से कुछ देर पहले भारतीय रुपए की कीमत 71 रुपए से भी नीच पहुंच गई।
भारत के 12 प्रमुख बंदरगाह व कुछ पोत इकाइयां अमेरिकी डॉलर में 50,000 करोड़ रुपए तक का ऋण बहुत ही मामूली ब्याज दर पर जुटा सकती हैं।
लेटेस्ट न्यूज़