डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 14वें महीने दोहरे अंकों में बनी हुई है और तीन महीनों से लगातार बढ़ रही है।
डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 13वें महीने दोहरे अंक में बनी हुई है। समीक्षाधीन माह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.35 प्रतिशत थी।
सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2021 से लेकर लगातार 12वें महीने में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति दो अंकों में बनी हुई है।
खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने के बावजूद जनवरी, 2022 में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति घटकर 12.96 प्रतिशत पर आ गई। सरकारी आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी मिली है।
पिछले साल नवंबर में मुद्रास्फीति 14.23 फीसदी थी जबकि दिसंबर 2020 में यह 1.95 फीसदी थी।
2011-12 के बाद यह पहला मौका है जब लगातार आठवें महीने थोक मुद्रास्फीति का उच्चतम स्तर है और दो अंकों के स्तर बनी हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक, खाने-पीने की चीजों वाला थोक महंगाई 3.06 फीसदी से बढ़कर 6.70 फीसदी हो गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक का मानना है कि मुद्रास्फीति का आंकड़ा चालू वित्त वर्ष की बची हुई अवधि में ऊंचा रहेगा
थोक कीमतों पर आधारिक महंगाई दर अगस्त में 11.39 प्रतिशत थी, जबकि सितंबर 2020 में थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर 1.32 फीसदी थी।
विश्वबैंक के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की थोक कीमत आधारित मुद्रस्फीति 30 साल के उच्चतम स्तर पर है
मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर मई 2021 (मई, 2020 के मुकाबले) में बढ़कर 12.94 प्रतिशत हो गई, जो मई 2020 में ऋणात्मक 3.37 प्रतिशत थी।
मार्च 2021 में डब्ल्यूपीआई मंहगाई दर 7.39 प्रतिशत और अप्रैल 2020 में ऋणात्मक 1.57 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मंहगाई दर में लगातार चौथे महीने तेजी हुई है।
मार्च में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 3.24 प्रतिशत रही और इस दौरान दालों, फलों तथा धान की कीमतों में कमी हुई।
थोक महंगाई दर मे जनवरी के दौरान दिसंबर के मुकाबले 1.77 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। खादय् पदाथों की कीमतों में 2.99 प्रतिशत और गैर खाद्य पदाथों की कीमत में 0.43 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है
दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति भी घटकर 4.59 प्रतिशत पर आ गई है। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आई है।
खाने-पीने की वस्तुओं की थोक कीमत नवंबर में 3.94 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 6.37 प्रतिशत था।
माह के दौरान सब्जियों और आलू में कीमत वृद्धि सबसे ज्यादा क्रमश: 25.23 प्रतिशत और 107.70 प्रतिशत रही। गैर-खाद्य पदार्थों और खनिजों में मुद्रास्फीति भी क्रमश: 2.85 प्रतिशत और 9.11 प्रतिशत रही।
सितंबर में सब्जियों की महंगाई दर सबसे उच्च स्तर 36.54 प्रतिशत रही। इस दौरान आलू की कीमत एक साल पहले की तुलना में 107.63 प्रतिशत बढ़ी है।
अगस्त के दौरान खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 3.84 प्रतिशत रही। आलू की कीमतों में 82.93 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
जुलाई महीने के लिए प्राइमरी आर्टिकल्स में मुद्रास्फीति 0.63 प्रतिशत बढ़ी है और साथ ही मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में भी यह 0.51 प्रतिशत बढ़ी है।
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