Sunday, April 28, 2024
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Sankashti Chaturthi 2024: फाल्गुन माह की संकष्टी चतुर्थी कब मनाई जाएगी? नोट करें पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। यह शुभ तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस बार यह पर्व कब है और क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त? यहां जानिए हिंदू पंचांग के अनुसार।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: February 26, 2024 10:51 IST
Sankashti Chaturthi 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Sankashti Chaturthi 2024

Sankashti Chaturthi 2024: फाल्गुन का महीना प्रारंभ हो चुका है, इस महीने हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे। बात करें इस महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के बारे में तो यह श्री गणेश को समर्पित है। फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय चतुर्थी तिथि कहा जाता है। मान्यता है कि इस तिथि के दिन प्रथम पूज्यनीय देव भगवान गणेश की मुहूर्त के अनुसार पूजा-आराधना करने से वह जीवन के समस्त दुःख-संताप मिटा देते हैं। किसी भी देवी-देवता की पूजा करने से पहले श्री गणेश की वंदना सर्वप्रथम की जाती है।

अतः फाल्गुन मास की द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी तिथि गजानन का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सबसे शुभ मानी जीती है। इस दिन गणपति भगवान की विधिवत पूजा करने से वह हर मनोकामना पूरी कर देते हैं। आइए हिंदू पंचांग के अनुसार जानते हैं इस बार फाल्गुन मास की द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी कब मनाई जाएगी और क्या है इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त।

नोट करें द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त

  • द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी - 28 फरवरी 2024 दिन बुधवार
  • फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 28 फरवरी 2024 को सुबह 1 बजकर 53 मिनट से शुरू।
  • फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि समापन - 29 फरवरी 2024 को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्ति।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश के इन मंत्रों का करें जाप

1. ॐ वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।

यह मंत्र भगवान गणेश को समर्पित एक शक्तिशाली स्तुति है। यह बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि प्रदान करने वाला मंत्र कहा गया है।

2. ॐ गं गणपतये नमः

भगवान गणेश का यह सबसे सरल और प्रसिद्ध मंत्र है। यह सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने और सफलता प्रदान करने वाला मंत्र है। 

3. ॐ एकदन्ताय विधे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।

यह मंत्र बुद्धि, ज्ञान और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला बताया गया है। 

4. ॐ वक्रतुंडा हुं।

यह मंत्र बुद्धि और ज्ञान प्राप्त करने के लिए उपयोगी है।

5. ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश। ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति करो दूर क्लेश ।।

यह मंत्र समस्त कष्टों से तारने वाला है। इस मंत्र का जाप करते ही श्री गणेश कृपा करते हैं। यह मंत्र बधाओं और परेशानियों से मुक्ति दिलाने वाला है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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