Krishna Janmashtami 2025 Live: नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की...कृष्ण जन्म की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
Krishna Janmashtami 2025 Live: नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की...कृष्ण जन्म की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
Krishna Janmashtami Aarti, Puja Vidhi Live Update: जन्माष्टमी हिंदुओं के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है जो हर साल अगस्त या सितंबर में पड़ता है। 2025 में ये त्योहार 16 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जा रहा है। यहां आप जानेंगे जन्माष्टमी की पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती, उपाय, शुभ संयोग समेत हर महत्वपूर्ण जानकारी।
Written By: Laveena Sharma@laveena1693 Published : Aug 15, 2025 02:13 pm IST, Updated : Aug 17, 2025 12:41 am IST
Krishna Janmashtami 2025 Aarti, Katha, Puja Vidhi, Muhurat, Mantra, Shlok, Gana Live Update: जन्माष्टमी पर्व हमें उस शुभ घड़ी की याद दिलाता है जब द्वापर युग में कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया था। धार्मिक मान्यताओं अनुसार बाल गोपाल के जन्म के समय भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र था। इसलिए हर साल इस तिथि पर भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस साल ये शुभ पर्व 16 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जा रहा है। इस शुभ दिन पर भक्तजन भगवान कृष्ण की विधि विधान पूजा करते हैं। जन्माष्टमी की मुख्य पूजा रात 12 बजे की जाती है। यहां आप जानेंगे जन्माष्टमी की आरती, पूजा विधि, मंत्र, कथा, महत्व, श्लोक, स्तुति समेत सारी जानकारी।
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि (Janmashtami Puja Vidhi)
भगवान की मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) से स्नान कराएं। अगर मूर्ति नहीं है तो आप पंचामृत भगवान की प्रतिमा के समक्ष रख दें।
इसके बाद मूर्ति को साफ पानी से धोकर, नए वस्त्र पहनाएं।
भगवान की प्रतिमा को चंदन, फूल, माला, नए वस्त्र और आभूषण से सजाएं।
उन्हें माखन-मिश्री, फल, खीर, मिठाई अर्पित करें।
श्रीकृष्ण की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल जरूर करें।
Krishna Janmashtami Puja Vidhi Live Update: घर पर कैसे करें लड्डू गोपाल की पूजा, यहां जानिए स्टेप बाय स्टेप पूरी विधि
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Aug 16, 202511:57 PM (IST)Posted by Laveena Sharma
कृष्ण जी की आरती Video
Aug 16, 202511:33 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
खीरे से श्रीकृष्ण का जन्म कराने पर क्या लाभ मिलते हैं?
खीरे से श्रीकृष्ण का जन्म करवाना एक संकेत है नव जीवन का। खीरे से श्रीकृष्ण का जन्म करवाने से निःसंतान जोड़ों को योग्य संतान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पारिवारिक जीवन में भी सुख-समृद्धि की प्राप्ति भी आपको होती है।
Aug 16, 202511:17 PM (IST)Posted by Laveena Sharma
तेहि अतिथि न जानी प्रभु चक्रपाणि ताहिं दियो निज शोका।
ब्रह्मा शिव आये अति सुख पाये मगन भये गये लोका॥
यह छन्द अनूपा है रस रूपा जो नर याको गावै।
तेहि सम नहि कोई त्रिभुवन सोयी मन वांछित फल पावै॥
नंद यशोदा तप कियो , मोहन सो मन लाय।
देखन चाहत बाल सुख , रहो कछुक दिन जाय॥
जेहि नक्षत्र मोहन भये ,सो नक्षत्र बड़िआय।
चार बधाई रीति सो , करत यशोदा माय॥
Aug 16, 202510:57 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी के दिन व्रत खोलने के बाद जरूर करें ये काम
अगर आप जन्माष्टमी की रात में व्रत खोलने वाले हैं तो आपको दान के लिए कुछ धन या फिर अन्न-वस्त्र आदि रखने चाहिए। इन्हें अगले दिन आपको दान करना चाहिए। इसके सात ही व्रत खोलने के बाद प्रसाद का वितरण घर के सभी लोगों में करना चाहिए। व्रत के अगले दिन भी आपको तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए।
Aug 16, 202510:24 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
क्या जन्माष्टमी की रात्रि में सोना चाहिए?
जन्माष्टमी की रात्रि में पूजन के बाद सोने को लेकर कोई विशेष नियम नहीं है। हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर आप जन्माष्टमी की रात्रि में जागरण करते हैं और कृष्ण भगवान का स्मरण करते हुए भजन-कीर्तन करते हैं तो आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अगर आप स्वस्थ नहीं हैं या किसी कारणवश आपका सोना आवश्यक है तो आप सो सकते हैं।
Aug 16, 20259:52 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी की रात में शंख से श्रीकृष्ण का अभिषेक करने के लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर आप श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात में शंख से लड्डू गोपाल का अभिषेक करते हैं तो आपकी आर्थिक स्थिति सुधरती है। यह छोटा सा उपाय आपके घर-परिवार में खुशियां लेकर भी आता है।
Aug 16, 20259:20 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी की रात्रि में गीता पाठ के लाभ
अगर आप जन्माष्टमी की रात्रि में जागरण करते हैं और गीता का पाठ करते हैं तो शुभ फल आपको प्राप्त होते हैं। गीता के पाठ करने से आपकी आध्यात्मिक शक्ति जागती है। पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और आप धर्म के मार्ग पर अग्रसर होते हैं।
Aug 16, 20259:16 PM (IST)Posted by Laveena Sharma
Janmashtami Par Chand Kab Niklega: जन्माष्टमी पर चांद कब निकलेगा
नई दिल्ली
11:32 PM
नोएडा
11:31 PM
पुणे
12:10 AM, 17 अगस्त 2025
चेन्नई
11:55 PM
जयपुर
11:42 PM
हैदराबाद
11:53 PM
गुरुग्राम
11:33 PM
चंडीगढ़
11:28 PM
कोलकाता
11:00 PM
मुंबई
12:13 AM, 17 अगस्त
बेंगलुरु
12:06 AM, 17 अगस्त
अहमदाबाद
12:05 AM, 17 अगस्त
Aug 16, 20259:04 PM (IST)Posted by Laveena Sharma
ISKCON temple in Chennai, on the occasion of Shri Krishna Janmashtami
Aug 16, 20258:43 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी की रात्रि पूजा कब से शुरू होगी
मथुरा और वृंदावन में रात्रि कालीन पूजा जिसे निशिता पूजा भी कहा जाता है। 16 अगस्त की रात्रि 11 बजकर 19 मिनट से शुरू हो जाएगी। यह पूजन लगभग 45 मिनट तक चलेगा।
Aug 16, 20258:09 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी की पूजा के दौरान इस मंत्र का जरूर करें जप
जन्माष्टमी की पूजा के समय आपको भगवान कृष्ण के प्रिय मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का कम से कम 108 बार जप जरूर करना चाहिए। इस मंत्र का जप करने से मानसिक शांति के साथ ही सुख-समृद्धि भी आपको प्राप्त होती है।
Aug 16, 20257:15 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
भगवान कृष्ण का श्रृंगार इन चीजों के बिना है अधूरा
जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है। ऐसे में कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिन्हें आपको श्रृंगार में अवश्य शामिल करना चाहिए। ये चीजें हैं पीला चंदन या केसर (टीका करने के लिए), मोर मुकुट, बांसुरी, पीले वस्त्र। इन चीजों को अगर आप श्रृंगार में इस्तेमाल नहीं करते तो बाल कृष्ण का रूप अधूरा रह जाता है।
Aug 16, 20256:36 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत का पारण कब करना है?
पंचांग के अनुसार साल 2025 में भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि 16 अगस्त की रात्रि में 9 बजकर 36 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में रात में 12 बजे के बाद पारण करना शुभ रहेगा। पारण के लिए रात्रि 12 बजकर 4 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक का समय शुभ माना जा रहा है।
Aug 16, 20256:01 PM (IST)Posted by Shailendra Tiwari
कृष्ण को भोग लगाने के मंत्र
कृष्ण भगवान को भोग लगाते समय जरूर पढ़ें ये मंत्र
'त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।'
अर्थ- हे गोविन्द, जो भी मेरे पास है, वह सब आपका ही दिया हुआ है, मैं आपको ही समर्पित करता हूँ। कृपा करके इसे स्वीकार करें और मुझ पर प्रसन्न हों।
Aug 16, 20254:35 PM (IST)Posted by Shailendra Tiwari
जन्माष्टमी के दिन जरूर पढ़ने चाहिए ये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी श्लोक
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी श्लोक
"श्रीकृष्ण जन्म शुभ मुहूर्ते,"
"सर्व संकट निवारक दूते।"
"माखन चोर, मुरलीधर,"
"भक्तजन हितकारी अधीर।"
"जय श्रीकृष्ण जय जय गोपाल,"
"भवसागर तराने वाले पालनहार।"
Aug 16, 20252:51 PM (IST)Posted by Shailendra Tiwari
इस मंत्र के साथ संकल्प लें
पूजा से पहले संकल्प लें और श्रीकृष्णाष्टकम् का मंत्र पढ़ें
श्री कृष्ण जन्म स्तुति (Shri Krishna Janam Stuti Lyrics In Hindi)
भये प्रगट गोपाला दीनदयाला यशुमति के हितकारी।
हर्षित महतारी सुर मुनि हारी मोहन मदन मुरारी ॥
कंसासुर जाना मन अनुमाना पूतना वेगी पठाई।
तेहि हर्षित धाई मन मुस्काई गयी जहाँ यदुराई॥
तब जाय उठायो हृदय लगायो पयोधर मुख मे दीन्हा।
तब कृष्ण कन्हाई मन मुस्काई प्राण तासु हर लीन्हा॥
जब इन्द्र रिसायो मेघ पठायो बस ताहि मुरारी।
गौअन हितकारी सुर मुनि हारी नख पर गिरिवर धारी॥
कन्सासुर मारो अति हँकारो बत्सासुर संघारो।
बक्कासुर आयो बहुत डरायो ताक़र बदन बिडारो॥
तेहि अतिथि न जानी प्रभु चक्रपाणि ताहिं दियो निज शोका।
ब्रह्मा शिव आये अति सुख पाये मगन भये गये लोका॥
यह छन्द अनूपा है रस रूपा जो नर याको गावै।
तेहि सम नहि कोई त्रिभुवन सोयी मन वांछित फल पावै॥
नंद यशोदा तप कियो , मोहन सो मन लाय।
देखन चाहत बाल सुख , रहो कछुक दिन जाय॥
जेहि नक्षत्र मोहन भये ,सो नक्षत्र बड़िआय।
चार बधाई रीति सो , करत यशोदा माय॥
Aug 16, 20251:07 PM (IST)Posted by Laveena Sharma
Janmashtami Vrat Mein Kya Kha Sakte Hain: जन्माष्टमी व्रत में क्या खा सकते हैं
जन्माष्टमी के व्रत में आप फालाहारी भोजन ले सकते हैं। लेकिन अन्न का सेवन नहीं करना है। आप फल, दूध, दही, पनीर, साबूदाना, आलू ये सब चीजें खा सकते हैं।
Aug 16, 202512:15 PM (IST)Posted by Laveena Sharma
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना की
Aug 16, 202511:43 AM (IST)Posted by Laveena Sharma
Shri Krishna Chalisa Lyrics: श्रीकृष्ण चालीसा इन हिंदी
।। दोहा ।।
बंशी शोभित कर मधुर, नील जल्द तनु श्यामल ।
अरुण अधर जनु बिम्बा फल, नयन कमल अभिराम ।।
पुरनिंदु अरविन्द मुख, पिताम्बर शुभा साज्ल ।
जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचंद्र महाराज ।।
|| चौपाई ||
जय यदुनंदन जय जगवंदन |
जय वासुदेव देवकी नंदन ।।
जय यशोदा सुत नन्द दुलारे |
जय प्रभु भक्तन के रखवारे ।।
जय नटनागर नाग नथैया |
कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया ।।
पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो |
आओ दीनन कष्ट निवारो ।।
बंसी मधुर अधर धरी तेरी |
होवे पूरण मनोरथ मेरी ।।
आओ हरी पुनि माखन चाखो |
आज लाज भक्तन की राखो ।।
गोल कपोल चिबुक अरुनारे |
मृदुल मुस्कान मोहिनी डारे ।।
रंजित राजिव नयन विशाला |
मोर मुकुट वैजयंती माला ।।
कुंडल श्रवण पीतपट आछे |
कटी किंकिनी काछन काछे ।।
नील जलज सुंदर तनु सोहे |
छवि लखी सुर नर मुनि मन मोहे ।।
मस्तक तिलक अलक घुंघराले |
आओ श्याम बांसुरी वाले ।।
करि पी पान, पुतनाहीं तारयो |
अका बका कागा सुर मारयो ।।
मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला |
भये शीतल, लखिताहीं नंदलाला ।।
सुरपति जब ब्रिज चढ़यो रिसाई |
मूसर धार बारि बरसाई ।।
लगत-लगत ब्रिज चाहं बहायो |
गोवर्धन नखधारी बचायो ।।
लखी यशोदा मन भ्रम अधिकाई |
मुख महँ चौदह भुवन दिखाई ।।
दुष्ट कंस अति ऊधम मचायो |
कोटि कमल कहाँ फूल मंगायो ।।
नाथी कालियहिं तब तुम लीन्हें |
चरनचिंह दै निर्भय किन्हें ।।
करी गोपिन संग रास विलासा |
सब की पूरण करी अभिलाषा ।।
केतिक महा असुर संहारयो |
कंसहि केश पकडी दी मारयो ।।
मातु पिता की बंदी छुडाई |
उग्रसेन कहाँ राज दिलाई ।।
माहि से मृतक छहों सुत लायो |
मातु देवकी शोक मिटायो ।।
भोमासुर मुर दैत्य संहारी |
लाये शत्दश सहस कुमारी ।।
दी भिन्हीं त्रिन्चीर संहारा |
जरासिंधु राक्षस कहां मारा ।।
असुर वृकासुर आदिक मारयो |
भक्तन के तब कष्ट निवारियो ।।
दीन सुदामा के दुःख तारयो |
तंदुल तीन मुठी मुख डारयो ।।
प्रेम के साग विदुर घर मांगे |
दुर्योधन के मेवा त्यागे ।।
लाखी प्रेमकी महिमा भारी |
नौमी श्याम दीनन हितकारी ।।
मारथ के पार्थ रथ हांके |
लिए चक्र कर नहीं बल थाके ।।
निज गीता के ज्ञान सुनाये |
भक्तन ह्रदय सुधा बरसाए ।।
मीरा थी ऐसी मतवाली |
विष पी गई बजाकर ताली ।।
राणा भेजा सांप पिटारी |
शालिग्राम बने बनवारी ।।
निज माया तुम विधिहीन दिखायो |
उरते संशय सकल मिटायो ।।
तव शत निंदा करी ततकाला |
जीवन मुक्त भयो शिशुपाला ।।
जबहीं द्रौपदी तेर लगाई |
दीनानाथ लाज अब जाई ।।
अस अनाथ के नाथ कन्हैया |
डूबत भंवर बचावत नैया ।।
सुन्दरदास आस उर धारी |
दयादृष्टि कीजे बनवारी ।।
नाथ सकल मम कुमति निवारो |
छमोबेग अपराध हमारो ।।
खोलो पट अब दर्शन दीजे |
बोलो कृष्ण कन्हैया की जय ।।
।। दोहा ।।
यह चालीसा कृष्ण का, पथ करै उर धारी ।
अष्ट सिद्धि नव निद्धि फल, लहे पदार्थ चारी ।।
Aug 16, 202511:08 AM (IST)Posted by Shailendra Tiwari
क्या लगाएं भोग?
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर भगवान कृष्ण को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना शुभ होता है। इस दिन आप अगर श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री, दूध-दही, मिठाई और फल का भोग लगाने से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी इच्छाएं पूर्ण करते हैं।
Aug 16, 202510:26 AM (IST)Posted by Laveena Sharma
Janmashtami Bhog List: जन्माष्टमी की भोग लिस्ट
माखन मिश्री (चीनी के साथ मक्खन)
पेढ़ा
मालपुआ
रसगुल्ला
गुलाब जामुन
कलाकंद
खीर (चावल का हलवा)
राबड़ी
लड्डू (बूंदी, बेसन या मोतीचूर)
बर्फी (नारियल, केसर या बादाम
जलेबी
श्रीखंड
Aug 16, 20259:45 AM (IST)Posted by Laveena Sharma
Krishna Janmashtami Choghadiya Muhurat 2025: कृष्ण जन्माष्टमी चौघड़िया मुहूर्त
शुभ - उत्तम - 07:29 ए एम से 09:08 ए एम
लाभ - उन्नति - 02:04 पी एम से 03:42 पी एम
अमृत - सर्वोत्तम - 03:42 पी एम से 05:21 पी एम
लाभ - उन्नति - 06:59 पी एम से 08:21 पी एम
शुभ - उत्तम - 09:42 पी एम से 11:04 पी एम
अमृत - सर्वोत्तम - 11:04 पी एम से 12:25 ए एम, अगस्त 17
अर्थ- श्रीकृष्ण, जो वासुदेव और देवकी के पुत्र हैं, जो नंद और गोप कुमारों के प्रिय हैं और जिन्हें गोविंद के नाम से भी जाना जाता है, उन्हें मेरा बारम्बार नमन है।
भावार्थ- हे श्री कृष्ण आपके होंठ मधुर है, आपका मुख मधुर है, आपकी आँखे मधुर है, आपकी मुस्कान मधुर है, आपको हृदय मधुर है, आपकी चाल मधुर है। हे मधुरता के ईश्वर श्री कृष्ण आप सभी प्रकार से मधुर है।
Aug 16, 20257:51 AM (IST)Posted by Laveena Sharma
Janmashtami Gana: जन्माष्टमी के पॉपुलर गाने
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी
मधुराष्टकम्: अधरं मधुरं वदनं मधुरं
हाथी घोडा पालकी जय कन्हैया लाल की
हाथी घोडा पालकी जय कन्हैया लाल की
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
Aug 16, 20257:14 AM (IST)Posted by Laveena Sharma
Janmashtami Krishna Images: जन्माष्टमी कृष्ण भगवान की फोटो
आप सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
Aug 16, 20256:53 AM (IST)Posted by Laveena Sharma
Janmashtami Bhog Bhajan: जन्माष्टमी भोग भजन
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
दुर्योधन को मेवा त्यागो,
साग विदुर घर खायो प्यारे मोहन,
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
भिलनी के बैर सुदामा के तंडुल
रूचि रूचि भोग लगाओ प्यारे मोहन…
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
वृदावन की कुञ्ज गली मे,
आओं रास रचाओ मेरे मोहन,
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
राधा और मीरा भी बोले,
मन मंदिर में आओ मेरे मोहन,
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
जो कोई तुम्हारा भोग लगावे
सुख संपति घर आवे प्यारे मोहन,
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
ऐसा भोग लगाओ प्यारे मोहन
सब अमृत हो जाये प्यारे मोहन,
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
जो कोई ऐसा भोग को खावे
सो त्यारा हो जाये प्यारे मोहन,
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…
Aug 16, 20256:21 AM (IST)Posted by Laveena Sharma
Janmashtami Gana: जन्माष्टमी भजन
Aug 15, 202511:46 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
लड्डू गोपाल को गलती से भी न लगाएं इन चीजों का भोग
जन्माष्टमी के दिन कई तरह के भोग लड्डू गोपाल को लगाए जाते हैं, लेकिन कुछ चीजों से आपको परहेज करना चाहिए। इस दिन गलती से भी लहसुन, प्याज से बने खाने को भोग के रूप में न लगाएं। इसके साथ ही भैंस और बकरी के दूध से बनी चीजों का भोग भी न लगाएं। वहीं मसूर दाल, जला हुआ चावल, सफेद बैंगन, भांग, नींबू, मशरूम, मांस, नमक युक्त चीजों का भोग भी लड्डू गोपाल को नहीं लगाना चाहिए।
Aug 15, 202511:33 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी के दिन इन 3 चीजों को घर लाने से मिलता है भाग्य का साथ
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर भगवान कृष्ण से जुड़ी 3 चीजें घर लाना बेहद शुभ माना जाता है। ये चीजें हैं- बांसुरी, मोर पंख और कामधेनु की मूर्ति। इन चीजों को घर में रखने से आपको सौभाग्य की प्राप्ति होती है साथ ही घर का वास्तु भी सुधरता है।
Aug 15, 202511:23 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी के दिन किन चीजों का दान करना सबसे शुभ?
जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर आपको पीले रंग के कप़ड़े, चना दाल, और गुड़ का दान करना चाहिए। इसके साथ ही किसी छोटे बच्चे को बांसुरी भी आपको देनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान कृष्ण की कृपा आपको प्राप्त होती है।
Aug 15, 202510:45 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी का ये उपाय घर से दूर करेगा नकारात्मकता
घर में मौजूद नकारात्मकता को दूर करने के लिए कृष्ण जन्माष्टमी के दिन गंगाजल में तुलसी की मंजरी मिलाकर पूरे घर पर इसका छिड़काव करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है।
Aug 15, 202510:10 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी को और किन नामों से जानते हैं?
जन्माष्टमी के त्योहार को गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। खासकर गोकुल और इसके आसपास के क्षेत्रों में यह नाम प्रचलित है। इसके साथ ही श्रीकृष्ण जयंती भी इस दिन को कहा जाता है।
Aug 15, 20259:08 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
अष्टमी तिथि कब शुरू हो जाएगी?
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 15 अगस्त की रात 11 बजकर 52 मिनट से शुरू हो जाएगी। उदयातिथि में अष्टमी 16 अगस्त को है इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 16 अगस्त को किया जाना ही शुभ रहेगा।
Aug 15, 20257:42 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी के दिन राहुकाल कब से कब तक है?
राहुकाल वह समय होता है जब किसी भी शुभ कार्य को करने से मना किया जाता है। जन्माष्टमी के पावन मौके पर भी आपको राहुकाल में पूजा करने से बचना चाहिए।
दिल्ली- सुबह 09:08 से सुबह 10:47 तक
मुंबई- सुबह 09:31 से दोपहर पहले 11:07 तक
चंडीगढ़- सुबह 09:08 से सुबह 10:48 तक
लखनऊ- सुबह 08:54 से सुबह 10:32 तक
भोपाल- सुबह 09:10 से सुबह 10:47 तक
कोलकाता- सुबह 08:27 से सुबह 10:04 तक
अहमदाबाद- सुबह 09:30 से दोपहर पहले 11:07 तक
चेन्नई- सुबह 09:05 से दोपहर पहले 10:39 तक
Aug 15, 20257:13 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी के दिन करें राधा-कृष्ण के इन मंत्रों का जप
भगवान कृष्ण और राधा रानी की कृपा पाने के लिए जन्माष्टमी के पावन मौके पर आपको नीचे दिए गए मंत्रों का जप करना चाहिए।
ॐ श्री राधिकायै नमः।
ॐ कृष्णाय राधायै नमः।
ॐ श्री राधे श्री कृष्णाय नमः।
राधा बृजांगना मुख्या राधई वा राध्यते मया।
Aug 15, 20256:26 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी के दिन इन 3 स्थानों पर जरूर जलाएं दीपक
जन्माष्टमी के दिन आपको मुख्यद्वार के पास, ईशान कोण में और तुलसी के पास दीपक अवश्य जलाना चाहिए। इन स्थानों पर जला दीपक आपके जीवन में सकारात्मकता भरता है।
Aug 15, 20255:52 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी की रात करें इस मंत्र का जप, करियर क्षेत्र में पाएंगे सफलता
अगर करियर से जुड़ी समस्याओं से आप जूझ रहे हैं, तो कृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि नीचे दिए गए मंत्र का जप करने से स्थिति में सुधार हो सकता है। इस मंत्र का जप आपको कम से कम 108 बार अवश्य करना चाहिए।
Aug 15, 20255:31 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी पर नहीं ले पाएंगे व्रत? ये कार्य करने से मिलेगा व्रत का फल
अगर आप कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत न रख पाएं तो व्रत और पारण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री आपको दान करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से आपको व्रत का फल प्राप्त होता है।
Aug 15, 20255:05 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत में रात को क्या खाना चाहिए?
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत में आप रात के समय दूध, दही, कुट्टू के आटे से बने व्यंजन, साबूदाना , फल आदि का सेवन ही करना चाहिए। व्रत को खोलने के बाद भी आपको तामसिक भोजन करने से परहेज करना चाहिए। ऐसा करने से व्रत की पवित्रता नष्ट हो जाती है।
Aug 15, 20254:47 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी के दिन गीता कब पढ़नी चाहिए?
जन्माष्टमी के शुभ दिन पर सुबह के समय आप गीता पढ़ सकते हैं। वहीं अगर मन शांत है तो दिन में किसी भी समय आप गीता का पाठ कर सकते हैं। गीता में बताए गए कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग के बारे में जन्माष्टमी के दिन अवश्य जानना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन को सही दिशा मिलती है।
Aug 15, 20253:59 PM (IST)Posted by Naveen Khantwal
जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को कौन सा फूल अर्पित करना चाहिए?
भगवान कृष्ण को कदंब और कमल का फूल जन्माष्टमी के दिन अर्पित करना चाहिए। ये दोनों ही फूल श्रीकृष्ण को अतिप्रिय हैं। अगर ये फूल आसपास न हों तो गुलाब और सुरजमुखी के फूल भी आपको अर्पित कर सकते हैं।
Aug 15, 20253:01 PM (IST)Posted by Laveena Sharma
जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को क्या मिठाई चढ़ाएं?
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को विभिन्न प्रकार की मिठाइयां जैसे-पेड़ा, लड्डू, खीर, रबड़ी, गुड़-चना, बूंदी आदि का भोग लगाया जाता है।
Aug 15, 20252:18 PM (IST)Posted by Laveena Sharma
जन्माष्टमी के दिन किन बातों का रखें ध्यान
व्रत के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ, सात्त्विक वस्त्र पहनें।
प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा जैसे तामसिक पदार्थों से परहेज करें।
पूजा का मुख्य समय रात्रि 12 बजे है, क्योंकि यह भगवान कृष्ण का जन्म समय माना जाता है।
इस समय तक व्रत रखें और भजन-कीर्तन में समय बिताएं।
तुलसी पत्र अनिवार्य है, क्योंकि भगवान कृष्ण बिना तुलसी पत्र के भोग स्वीकार नहीं करते।
पूजा में माखन-मिश्री, पंचामृत, ताजे फूल, धूप, दीप, फल, मिठाई, पीले वस्त्र, चंदन रखें।
पूजा स्थान साफ और ऊंचा होना चाहिए।
रात्रि 12 बजे भगवान को झूले में बिठाकर झुलाएं।
भोग में कम से कम एक मीठा और एक फल जरूर होना चाहिए।
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