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Mahakumbh 2025 Amrit Snan: महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान कब है? यहां जानिए डेट, नियम और महत्व

Maha Kumbh Mela 2025: धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ में भाग लेने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और समृद्धि, शांति की प्राप्ति होती है। महाकुंभ में हर 12 वर्षों बाद करोड़ों-करोड़ श्रद्धालु एकत्र होते हैं।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Jan 20, 2025 18:11 IST, Updated : Jan 20, 2025 18:13 IST
महाकुंभ 2025
Image Source : INDIA TV महाकुंभ 2025

Kumbh Mela 2025 Amrit Snan: हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाला महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि यह मानवता को एकता, शांति और भक्ति का संदेश देता है।  गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जो आत्मशुद्धि और मोक्ष का द्वार है। महाकुंभ के दौरान हर दिन स्नान का विशेष महत्व है। लेकिन अमृत स्नान (शाही स्नान) कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण है, जिसके लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं। अमृत स्नान के दिन नागा बाबा और साधु-संत अपने शिष्यों के साथ भव्य जुलूस निकालते हुए संगम में गंगा स्नान करने जाते हैं।  बता दें कि 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ मेला का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन संपन्न हो चुका है। तो अब हम आपको बताएंगे कि महाकुंभ 2025 का आखिरी अमृत स्नान कब होगा। 

अमृत स्नान का महत्व 

अमृत स्नान खास दिन, मुहूर्त और ग्रह-नक्षत्र के संयोग में किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमृत स्नान करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ करने जैसा पुण्य फल मिलता है। इसके साथ ही अमृत स्नान करने से मन की अशुद्धियां दूर होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। बता दें कि कुंभ में अमृत स्नान के दिन प्रथम स्नान का अधिकार नागा साधुओं को है। दरअसल, नागा साधुओं को 'महायोद्धा साधु' भी कहा जाता है, क्योंकि प्राचीन काल में वे धर्म और समाज की रक्षा के लिए सेना के रूप में कार्य करते थे। 

महाकुंभ 2025 आखिरी अमृत स्नान

महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान बसंत पंचमी के दिन किया जाएगा। बसंत पंचमी का पर्व माता सरस्वती को समर्पित है। इस दिन स्नान-दान के साथ ही मां शारदा की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। माता सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी कहा जाता है। ऐसे में बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की उपासना करने से अज्ञानता दूर होती है और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। इस साल बसंत पंचमी 3 फरवरी को मनाई जाएगी, इसी दिन महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान किया जाएगा। बता दें कि पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को हुआ था और दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन यानी 29 जनवरी 2025 को किया जाएगा।

अमृत स्नान का नियम

  • अमृत स्नान के दिन नागा बाबा और अन्य प्रमुख साधु-संतों के बाद ही आम श्रद्धालुओं के स्नान करना चाहिए। 
  • अमृत स्नान के दिन संगम में डुबकी लगाने के बाद भगवान सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें।
  • अमृत स्नान करने के बाद गरीब और जरूरतमंदों को अन्न, धन, और वस्त्र का दान करें।
  • कुंभ स्नान के दौरान गृहस्थ लोग को गंगा में कम से कम 5 बार डुबकी लगाना चाहिए। 
  • अमृत स्नान के दिन महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं तो स्वच्छता का ध्यान रखें। गंगा जी में स्नान करते समय साबुन, शैंपू का इस्तेमाल न करें। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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