Friday, May 17, 2024
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Sheetla Ashtami 2024 Upay: शीतला अष्टमी के दिन इनमें से कर लें कोई भी 1 उपाय, हर काम में मिलेगा लाभ, घर पर भी बरसेगा सौभाग्य

Sheetla Ashtami 2024: बुधवार को शीतला अष्टमी है। इस दिन मां शीतला की पूजा-अर्चना करने से सभी दुख-दर्द दूर होते हैं। साथ ही इस दिन इन उपायों को करने से सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Vineeta Mandal Updated on: April 30, 2024 18:00 IST
Sheetla Ashtami 2024 Upay- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Sheetla Ashtami 2024 Upay

Sheetla Ashtami 2024 Remedies: 1 मई को शीतलाष्टमी है। शीतलाष्टमी के इस पर्व को स्थानीय भाषा में बासौड़ा, बूढ़ा बसौड़ा या बसियौरा नामों से भी जाना जाता है। इस दिन बांसी या ठण्डा भोजन खाने की परंपरा है। साथ ही इस दिन ठण्डे पानी से नहाने का भी रिवाज है। शीतला अष्टमी के दिन ऐसा क्यों किया जाता है, इसके पीछे एक वैज्ञानिक दृष्टव्य भी है दरअसल शीतला अष्टमी का यह पर्व हमें पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने की प्रेरणा देता है। इस दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। शीतला अष्टमी व्रत के दिन माताएं अपने बच्चों और अपने परिवार के अच्छे स्वास्थ्य के लिये शीतला माता के निमित्त व्रत रखती हैं। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि शीतलाष्टमी के दिन कौनसे उपायों करना चाहिए।

1. अगर आप अपने घर-परिवार की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो शीतला अष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद शीतला मां का ध्यान करते हुए घर पर ही एक आसन बिछाकर बैठना चाहिए और मंत्रमहोद्धि में दिये देवी मां के इस नौ अक्षरों के मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- 'ऊँ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः।' इस मंत्र का कम से कम 1 माला, यानि 108 बार जप करना चाहिए।

2. अगर आप अपने बिजनेस को अनजाने खतरों से बचाये रखना चाहते हैं तो इसके लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद नीम के पेड़ के पास जाना चाहिए और उस पेड़ में देवी मां के स्वरूप का ध्यान करते हुए पहले आपको प्रणाम करना चाहिए। उसके बाद रोली-चावल आदि से पेड़ की पूजा करनी चाहिए।

3. अगर आप देवी भगवती की कृपा अपने ऊपर बनाये रखना चाहते हैं और उनकी कृपा से जीवन में सफलता पाना चाहते हैं तो शीतला अष्टमी के दिन आपको भगवती शीतला की वन्दना करनी चाहिए और उनके इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- वन्देहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बराम्।। मार्जनी कलशोपेतां सूर्प अलंकृत मस्तकाम्।।

4. अगर आप अपने हर काम में लाभ पाना चाहते हैं और कामयाबी हासिल करना चाहते हैं तो शीतला अष्टमी के दिन आपको स्नान-आदि के बाद दूध-चावल की खीर बनानी चाहिए और उससे देवी मां को भोग लगाना चाहिए। देवी मां को भोग लगाने के बाद बाकी खीर को प्रसाद के रूप में बच्चों में बांट दें और थोड़ा-सा प्रसाद स्वयं भी खा लें।

5. अगर आपको किसी भी प्रकार का भय या स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या आदि बना रहता है तो इस सबसे छुटकारा पाने के लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको शीतलाष्टक स्तोत्र में दिये माता शीतला के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- वन्देSहं शीतलां देवीं सर्वरोग भय अपहाम्। यामासाद्य निवर्तेत विस्फोटक भयं महत्।।

6. अगर आप अपनी नौकरी को लेकर कुछ परेशान हैं तो उस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद शीतला चालीसा का पाठ करना चाहिए और पाठ करने के बाद देवी मां को पुष्प अर्पित करने चाहिए।

7. अगर आपके जीवन में मिठास की जगह उलझनों ने ले ली है तो उलझनों को दूर करने के लिए और जीवन में मिठास घोलने के लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको नीम की 21 पत्तियां लेनी चाहिए और उन्हें एक धागे में पिरोकर माला बनानी चाहिए। अब उस माला को देवी मां को अर्पित करना चाहिए।

8. अगर आप अपनी दिन-दुगनी, रात-चौगनी तरक्की देखना चाहते हैं तो शीतला अष्टमी के दिन आपको शीतला माता के आगे घी का दीपक जलाना चाहिए और उनकी आरती का एक बार पाठ करना चाहिए। शीतला अष्टमी के दिन ऐसा करने से आपकी दिन-दुगनी, रात-चौगनी तरक्की होगी।

9. अगर आप अपने परिवार की खुशहाली को बनाये रखना चाहते हैं तो इसके लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको शीतलाष्टक स्तोत्र में दिये देवी के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता। शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नम:।।

10. अगर आपके जीवनसाथी को किसी प्रकार की परेशानी बनी हुई है तो उस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए शीतला अष्टमी के दिन आपको अपने घर के बाहर पश्चिम दिशा में नीम का पेड़ लगाना चाहिए और उसकी नियमित रूप से देखभाल करनी चाहिए।

11. अगर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर करना चाहते हैं और लंबी आयु का वरदान पाना चाहते हैं, तो शीतला अष्टमी के दिन आपको माता शीतला के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- मृणाल तन्तु सदृशीं नाभि हृन्मध्य संस्थिताम्। यस्त्वां संचिन्त येद्देवि तस्य मृत्युर्न जायते।।

12. अगर आप अपने जीवनसाथी को कामयाबी हासिल करते देखना चाहते हैं, तो शीतला अष्टमी के दिन घर में कोई चांदी की वस्तु खरीदकर लाएं और उसे मंदिर में स्थापित करके उसकी पूजा करें। पूजा के बाद उस चांदी की वस्तु को शीतला अष्टमी के दिन पूरा दिन मंदिर में ही रखा रहने दें। अगले दिन स्नान आदि के बाद उस चांदी की वस्तु को मंदिर से उठाकर आप अपने पास रख सकते हैं या उसे उपयोग में ला सकते हैं।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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