Monday, May 06, 2024
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Falgun Amavasya 2024: फाल्गुन माह की अमावस्या कब है? जानिए स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

यह फाल्गुन का महीना चल रहा है, प्रत्येक अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। अमावस्या के दिन दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार जानिए फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि कब है और क्या रहेगा स्नान-दान का शुभ मुहूर्त।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: March 09, 2024 10:42 IST
Falgun Amavasya 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Falgun Amavasya 2024

Falgun Amavasya 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है, इस दिन आकाश में चंद्रमा नहीं उदय होता है। प्रत्येक अमावस्या का अपना एक धार्मिक महत्व होता है। यह तिथि हर महीने कृष्ण पक्ष के पंद्रहवें दिन आती है। अमावस्या का दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। इसी के साथ यह दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए भी विशेष होता है।


अमावस्या के दिन स्नान-दान का सर्वाधिक महत्व है, साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण एवं दान करना शुभ फलदायक माना जाता है। अभी फाल्गुन मास चल रहा है, इस महीने की अमावस्या तिथि किस दिन है, क्या है स्नान-दान का शुभ मुहूर्त? आइए जानते हैं हिंदू पंचांग के अनुसार साथ ही जानेंगे इसका धार्मिक महत्व।

फाल्गुन माह की अमावस्या का शुभ मुहूर्त

  • फाल्गुन माह की अमावस्या- 10 मार्च 2024 दिन रविवार
  • फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि प्रारंभ- 9 मार्च 2024 दिन शनिवार को शाम 6 बजकर 17 मिनट से शुरू।
  • फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि समापन - 10 मार्च 2024 दिन रविवार को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर समाप्ति।

स्नान-दान का मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की अमावस्या के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त 10 मार्च 2024 दिन रविवार को प्रातः 4 बजकर 49 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। क्योंकि अमावस्या की उदया तिथि 10 मार्च 2024 को मान्य होगी, इस लिहाज से इस दिन ही स्नान-दान किया जाएगा।

फाल्गुन माह की अमावस्या का महत्व

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को पितरों की शांति और पितृ दोष से छिटकारा पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। फाल्गुन माह की यह अमावस्या तिथि हिंदू धर्म में बड़े मायने रखती है। मान्यता है कि जो लोग इस दिन तीर्थ स्नान और दान करते हैं उनके समस्त पाप मिट जाते हैं। जो लोग पितृ पक्ष पर अपने पितरों का श्राद्ध कर्म नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें अमावस्या के दिन विधि पूर्वक पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रत्येक अमावस्या को जल से तर्पण और उनके निमित्त कर्मकांडी पंडित को दान-दक्षिणा श्रद्धानुसार देना चाहिए। जो लोग जरूरतमंद हों उनको अनाज और जरूरत की चीजें दान करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की अराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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