Thursday, June 19, 2025
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Gupt Navratri 2025: गुप्त नवरात्रि में करें इन चमत्कारी मंत्रों का जप, सभी मनोकामनाएं हो जाएंगी पूरी

Gupt Navratri 2025: गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा के साथ ही मंत्रों का जप करके भी आप शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं। आज हम ऐसे ही कुछ चमत्कारी मंत्रों के बारे में अपने इस लेख में जानकारी देंगे।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Jun 18, 2025 13:42 IST, Updated : Jun 18, 2025 13:42 IST
Gupt Navratri 2025
Image Source : FILE IMAGE गुप्त नवरात्रि 2025

Gupt Navratri 2025: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरूआत 26 जून से हो रही है। गुप्त नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 10 महाविद्याओं की साधना करने से भक्तों को कई सिद्धियां प्राप्त होती है। गुप्त नवरात्रि के दौरान आप व्रत और माता की दस महाविद्याओं का पूजन तो कर ही सकते हैं, साथ ही इस दौरान मंत्रों के जप से भी शुभ फलों की प्राप्ति आपको होती है। जो लोग व्रत रखने में समर्थन नहीं हैं वो मंत्र जप से माता को प्रसन्न कर सकते हैं। आज हम आपको देवी के कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में बताएंगे जिनका जप गुप्त नवरात्रि में करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 

गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं मां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंबगी और कमला देवी की साधना की जाती है।  साल 2025 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 26 जून से होगी। हालांकि, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 25 जून को शाम 4 बजे शुरू हो जाएगी और 26 जून को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। हिंदू धर्म में उदयातिथि की मान्यता है इसलिए आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 26 जून से ही होगी और इसी दिन घटस्थापना भी की जाएगी। 

गुप्त नवरात्रि में करें इन चमत्कारी मंत्रों का जप

  • ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते:।

दुर्गा सप्तशती में वर्णित यह मंत्र बेहद शक्तिशाली और मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। इस मंत्र का जप करने से देवी दुर्गा की कृपा आपको प्राप्त होती है। 

  • ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं:

देवी माता का यह आसान सा मंत्र भी आप जप सकते हैं। इस मंत्र का जप करने से आपको धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 

  • ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। 

इस मंत्र का जप करने से आपकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं और आपके शत्रुओं का नाश होता है।

दस महाविद्याओं को प्रसन्न करने के मंत्र

  • ॐ क्रीं कालिकायै नमः।
  • ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं हूं फट्।
  • ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुरायै नमः।
  • ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः।
  • श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीये हूं हूं फट् स्वाहा।
  • ॐ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा।
  • धूं धूं धूमावती ठः ठः।
  • ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिव्हा कीलय, बुद्धिं विनाश्य ह्रीं ॐ स्वाहा।
  • ॐ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी फट् स्वाहा।
  • ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कमलायै नमः।

इन मंत्रों के जप के साथ ही आप दुर्गा सप्तशती, देवी कवच, कीलक, अर्गला स्तोत्र आदि का पाठ भी कर सकते हैं। इनका पाठ करने से आपको आत्मिक बल की प्राप्ति होती है। साथ ही देवी माता की कृपा आप पर बरसती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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