Karwa Chauth Aarti (करवा चौथ की आरती), Karwa Maiya Ki Aarti: आज करवा चौथ व्रत है। इस दिन महिलाएं अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रहती हैं। करवा चौथ को सौभाग्य का पर्व कहा गया है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन करवा मैया, माता पार्वती, शिव भगवान, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पूजा की जाती है। साथ ही रात में चंद्र देव की भी पूजा की जाती है। इस पूजा में कुछ आरतियों को करना बेहद जरूरी माना जाता है जिनके बिना ये पूजा अधूरी मानी जाती है। चलिए जानते हैं करवा चौथ की आरती के लिरिक्स।
Karwa Chauth Aarti (करवा चौथ की आरती)
- ओम् जय करवा मैया, माता जय करवा मैया
- जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया
- ओम् जय करवा मैया
- सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी
- यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी
- ओम् जय करवा मैया।
- कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती
- दीर्घायु पति होवे, दुख सारे हरती..
- ओम् जय करवा मैया
- होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे
- गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे
- ओम् जय करवा मैया
- करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे
- व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे
- ओम् जय करवा मैया
गणेश आरती लिरिक्स (Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics)
- जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
- माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
- एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
- माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।
- पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
- लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
- जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
- माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
- अन्धे को आँख देत, कोढ़िन को काया।
- बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।।
- 'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
- माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
- जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
- माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
चंद्र देव की आरती (Chandra Dev Aarti Lyrics)
- ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
- दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ।
- रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।
- दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी ।
- जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।
- सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि ।
- योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।
- ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा ।
- वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी ।
- प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी ।
- शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी ।
- धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे ।
- विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी ।
- सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें ।
- ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
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