
Planet Parade: 25 जनवरी को आसमान में शुक्र, शनि सही अन्य ग्रहों की दुर्लभ घटना देखने को मिली। शनिवार को आसमान में शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, नेपच्यून और यूरेनस यानी छह ग्रह एक सीधी रेखा में दिखाई दिया। इस घटना को 'ग्रहों की परेड' के नाम से जाना जाता है। अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि इस तरह की घटनाएं, खासकर चार से अधिक ग्रहों का एक लाइन में आना महत्वपूर्ण होता है। मंगल, बृहस्पति, शनि और शुक्र जैसे चमकीले ग्रहों का एक साथ दिखना दुर्लभ नजारा है।
ग्रहों की परेड क्या है?
हमारे सौर मंडल के ग्रह सूर्य के चारों ओर एक ही तल में परिक्रमा करते हैं, जिसे एक्लिप्टिक कहा जाता है। पृथ्वी से देखने पर ये ग्रह हमेशा आकाश में एक रेखा के साथ दिखाई देते हैं। इस तरह की घटनाओं को 'ग्रहों की परेड या संरेखण कहते हैं। सूर्य के चक्कर लगाने वाले ग्रहों में हमारी पृथ्वी भी है। जब दो या दो से अधिक ग्रह एक लाइन में अलाइन होते हैं या फिर आसपास आ जाते हैं, तो इन्हें नंगी आंखों से देखा जा सकता है। हालांकि, पृथ्वी से सामान्य तौर पर देखने पर हमें बृहस्पति, शुक्र, मंगल और शनि जैसे ही ग्रह दिखते हैं. हालांकि, यूरेनस और नेप्च्यून जैसे ग्रहों को देखने के लिए हमें टेलिस्कोप की जरूरत होती है। दरअसल, इन दोनों ग्रहों की दूरी पृथ्वी से बहुत ज्यादा है, जिस कारण इन्हें नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है।
इस खगोलीय घटना को ज्योतिष शास्त्र में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि जब भी कोई ग्रह अपने स्थान में परिवर्तन करता है तो उससे सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है। ज्योतिषों के अनुसार, ग्रहों की होने वाली इस परेड का असर कुंभ और मीन राशि पर पड़ सकता है। इन राशि के जातकों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुंभ और मीन राशि के जातक दान-पुण्य करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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