Friday, March 29, 2024
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रिटायरमेंट लेते ही पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल के बारे में इरफान पठान ने कह दी यह बात

पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज इरफान पठान ने रविवार को कहा कि उनका स्विंग पर हमेशा पूर्व की तरह अधिकार बना रहा और उनके प्रदर्शन में गिरावट के लिये तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल को दोष देना चीजों को मुद्दों से भटकाना मात्र था।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: January 05, 2020 18:09 IST
Irfan Pathan, Irfan Pathan Retirement, Greg Chappell- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES Irfan Pathan said this about former Indian coach Greg Chappell as soon as he retired 

मुंबई। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज इरफान पठान ने रविवार को कहा कि उनका स्विंग पर हमेशा पूर्व की तरह अधिकार बना रहा और उनके प्रदर्शन में गिरावट के लिये तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल को दोष देना चीजों को मुद्दों से भटकाना मात्र था। पैंतीस वर्षीय पठान ने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा था कि अधिकतर खिलाड़ी भारतीय टीम के साथ अपना करियर 27-28 साल में शुरू करते हैं लेकिन उन्होंने इस उम्र में अपना आखिरी मैच खेल लिया था।

पठान तब 27 साल के थे जब उन्होंने 2012 में अपना आखिरी मैच खेला था। ऐसा भी समय था जबकि बायें हाथ के इस तेज गेंदबाज के सभी तीनों प्रारूप में खेलने को लेकर भी सवाल उठाये गये। पठान ने पीटीआई से कहा, ‘‘इस तरह की सभी बातें लोगों का ग्रेग चैपल को लेकर बात करना, ये सब चीजों को मुद्दों से भटकाना मात्र था। इस तरह की बातें भी सामने आयी कि इरफान दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। उन्होंने एक आभामंडल तैयार कर दिया कि इरफान का स्विंग पर पहले जैसा अधिकार नहीं रहा, लेकिन लोगों को यह समझने की जरूरत है कि पूरे मैच में आपको वैसी स्विंग नहीं मिलेगी जैसी पहले दस ओवरों में मिलती है। मैं अब भी गेंद को स्विंग कराने में सक्षम हूं। ’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘लोग मेरे प्रदर्शन को लेकर बात करते हैं, लेकिन मेरा काम भिन्न तरह का था। मुझे रनों पर अंकुश लगाने का काम सौंपा गया था क्योंकि मैं पहले बदलाव के रूप में आता था। मुझे याद है कि श्रीलंका में 2008 में मैच जीतने के बाद मुझे बाहर कर दिया गया था। देश के लिये मैच जीतने के बाद बिना किसी वजह के किसी बाहर किया जाता है?’’ कई पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि पठान लंबी अवधि तक खेल सकता था लेकिन चोटों के कारण भी वह अपनी असली काबिलियत का खुलकर प्रदर्शन नहीं कर पाया। 

आईपीएल 2008 के बाद पठान के सभी तीनों प्रारूप में खेलने की इच्छा पर सवाल उठाये गये, लेकिन इस आलराउंडर ने कहा कि ऐसा कोई बात नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘हां मैं हमेशा तीनों प्रारूप में खेलना चाहता था। मैं 2009-10 में पीठ दर्द से परेशान रहा। मुझे सारे तरह के स्कैन कराने पड़े जो कि आपके शरीर के लिये सही नहीं होते लेकिन मैंने ऐसा इसलिए किया ताकि पता चल सके कि मेरे पीठ दर्द की वास्तविक वजह क्या है। ’’ 

पठान ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से तब हमारे पास वैसी मशीनें नहीं थी जिससे स्पष्ट पता चल पाता कि मेरी पीठ दर्द का क्या कारण है। मैं दो साल तक पीठ दर्द से जूझता रहा और स्थिति बिगड़ती रही लेकिन मैंने रणजी ट्राफी में खेलना नहीं छोड़ा। ’’ 

पठान ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपनी तरफ से पूरे प्रयास किये। उन्होंने कहा, ‘‘उस दौर में मेरी गति कम हो गयी थी क्योंकि मैं पूरी तरह से फिट नहीं था। मैं अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रहा था क्योंकि मैं इस खेल को चाहता हूं। मैंने रणजी ट्राफी में बड़ौदा की अगुवाई भी की। मुझे ऐसा क्यों करना चाहिए था। मैं देश की तरफ से खेलना चाह रहा था और टेस्ट क्रिकेट में वापसी करना चाहता था। ’’ पठान ने अपने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले की भी तारीफ की।

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