मुंबई। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोन्स का दिन-रात्रि टेस्ट में ओस से निपटने के लिए सामान्य सा सुझाव है कि अगर गुलाबी गेंद गीली होती है तो उसे बदल दिया जाए। विशेषज्ञ पहले ही भविष्यवाणी कर चुके हैं कि 22 नवंबर से कोलकाता में शुरू हो रहे भारत के पहले दिन-रात्रि टेस्ट में ओस बड़ी भूमिका निभाएगी।
जोन्स ने ऑस्ट्रेलिया से फोन पर पीटीआई से कहा, ‘‘यह (दिन-रात्रि टेस्ट) शानदार पहल है। ओस की समस्या चिंता की बात है, इसमें कोई संदेह नहीं। अगर गेंद गीली हो गई है तो इसे बदल दीजिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खेल के नियम बदल गए हैं। उदाहरण के लिए (सर डान) ब्रैडमैन के समय में अगर टीम 200 रन बना लेती थी तो दूसरी नई गेंद मिल जाती थी। हम रात को मैच खेल रहे हैं, अगर गेंद गीली हो जाती है तो इसे बदल दीजिए। जहां तक मेरा सवाल है तो यह सामान्य सी बात है।’’
दूधिया रोशनी में क्रिकेट को टेस्ट क्रिकेट का भविष्य माना जा रहा है जिसे टी20 क्रिकेट के युग में दर्शकों को मैदान तक लाने के लिए जूझना पड़ रहा है। जोन्स ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में दिन-रात्रि टेस्ट काफी सफल रहा है जहां 2015 में दूधिया रोशनी में पहला पांच दिवसीय मैच खेला गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि सौरव गांगुली (बीसीसीआई अध्यक्ष) दिन-रात्रि टेस्ट क्रिकेट के बड़े प्रशंसक हैं। गुलाबी गेंद से क्रिकेट खेल का भविष्य है क्योंकि लोगों का जीवन व्यस्त है।’’
जोन्स ने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया में इसे शानदार रेटिंग्स मिली और मैं आपको बता नहीं सकता कि सभी टेस्ट मैचों की तुलना में यह कितना बड़ा था। लोगों को दिन के समय टेस्ट क्रिकेट देखने में काफी मुश्किल होती है क्योंकि वे काफी व्यस्त हैं। ’’
जोन्स ने अपने दिनों को याद किया जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में पीली गेंद से पांच प्रथम श्रेणी मैच खेले और उन्हें इसमें कोई समस्या नहीं आई। उन्होंने कहा कि यह सब सामंजस्य बैठाने से जुड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन गुलाबी गेंद मूव करती है और इसमें कोई संदेह नहीं है। यह बस सामंजस्य बैठाने से जुड़ा है। टेस्ट क्रिकेट में आपको ऐसा ही करना चाहिए।’’