Friday, March 29, 2024
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विराट कोहली ने खुद खोला राज, बताया क्या है उनकी कप्तानी में 'X Factor'

विराट कोहली ने 55 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की है और 33 मैचों में वह जीत हासिल करने में सफल रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली का जीत का प्रतिशत 60 का है।

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Published on: July 24, 2020 13:31 IST
Virat Kohli himself revealed the secret what is the 'X Factor' In his captaincy- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES Virat Kohli himself revealed the secret what is the 'X Factor' In his captaincy

भारतीय कप्तान विराट कोहली की गितनी भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को साथ-साथ सबसे सफल कप्तानों में भी की जाती है। महेंद्र सिंह धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद विराट कोहली को भारतीय टेस्ट टीम की कमान मिली। विराट कोहली ने तब से लेकर अब तक कुल 55 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की है और 33 मैचों में वह जीत हासिल करने में सफल रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली का जीत का प्रतिशत 60 का है जो किसी भी भारतीय कप्तान से ज्यादा है।

हाल ही में विराट कोहली ने अपनी कप्तानी के एक्स फैक्टर की बात की है। भारतीय सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल से ओपन नेट्स विद मयंक पर बात करते हुए विराट कोहली ने कहा 'मैं किसी भी परिस्थिति में अपने परिणामों से समझौता नहीं कर सकता। मैच को ड्रॉ करवाना मेरे लिए सबसे अंतिम काम है। अगर आप मेरे से कहे कि आपको टेस्ट मैच के आखिरी दिन 300 रन चेज करने हैं। तो मैं कहूंगा चलो इसका पीछा करते हैं। आपको हर सेशन में 100 ही रन बनाने हैं। अगर आप पहले सेशन में 2 विकेट के नुकसान पर 80 रन बनाते हैं तो बीच के सेशन में दो खिलाड़ी आक्रामक खेल दिखाकर 100 रन बना सकते हैं। इसके बाद अपके पास आखिरी सेशन में 120 रन बचते हैं। अगर आपके पास 7 विकेट हैं और आपको आखिरी सेशन में 120 रन बनाने हैं तो आप इसे वनडे गेम समझ कर बड़ी आसानी से हासिल कर सकते हैं।'

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विराट कोहली के इस एक्स फैक्टर की गंवाई उनके आंकड़े देते हैं। विराट कोहली ने जिन 55 मैचों में कप्तानी की है उनमें से मात्र 10 ही मैच ड्रॉ रहे हैं। जो महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली की तुलना में कम है। इन दोनों ने अपनी कप्तानी में कुल 15-15 टेस्ट मैच ड्रॉ खेले हैं।

विराट कोहली ने आगे कहा 'ड्रॉ के लिए मैं तभी जाता हूं जब चीजें ज्यादा खराब हो या फिर मैच का आखिरी घंटा बचा हो जहां मैं मेरे पास कुछ और करने का विकल्प नहीं है। मैं दिन के पहले मिनट से ड्रॉ के बारे में नहीं सोचता हूं। अगर आपको आखिरी दिन 300 रन चेज करने है और आपके हाथ में 10 विकेट है तो मेरे लिए ड्रॉ का कोई ऑप्शन नहीं हौ और ना ही आगे होगा।'

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विराट कोहली ने साथ ही बताया हार का डर खिलाड़ी को नेगेटिव बनाता है और साथ ही उसकी मानसिकता को भी ठेस पहुंचाता है। कोहली ने कहा 'एक खिलाड़ी के लिए हार का डर एक नकारात्मक चीज है जो उसे काफी नुकसान पहुंचा सकती है। अगर आप कुछ किए बिना ही हार मान जाते हो तो यह आपके मानसिकता नुकसान पहुंचाता है। मेरा लक्ष्य यही होता है कि मैं लोगों एहसास करऊं कि वह कितने अच्छे हो सकते हैं और अगर पूरी टीम एक साथ खड़ी हो जाए तो आपको कोई नहीं हरा सकता।'

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