Friday, March 29, 2024
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खेल जगत के लिए बेहद खराब साल रहा 2020

आतंकी हमलों के बीच भी खेल कभी नहीं रूके, जंग के दौरान भी खेलों की दुनिया इस तरह खामोश नहीं रही लेकिन कोरोना महामारी ने दुनिया भर में खेल गतिविधियों को ठप्प कर दिया।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: December 31, 2020 17:12 IST
खेल जगत के लिए बेहद...- India TV Hindi
Image Source : PTI खेल जगत के लिए बेहद खराब साल रहा 2020

नयी दिल्ली| आतंकी हमलों के बीच भी खेल कभी नहीं रूके, जंग के दौरान भी खेलों की दुनिया इस तरह खामोश नहीं रही लेकिन कोरोना महामारी ने दुनिया भर में खेल गतिविधियों को ठप्प कर दिया । जीवन से खेल का उत्साह, जुनून और रोमांच चला गया। पूरे 2020 में खेलों की यही कहानी रही जब मैदान सूने पड़े रहे और खिलाड़ी वापसी के इंतजार में दिन काटते रहे । यहां तक कि ओलंपिक खेल भी एक साल के लिये स्थगित करने पड़े । आखिरी बार युद्ध के दौरान ही खेलों के इस महाकुंभ को स्थगित करना पड़ा था।

फुटबॉल के महानायक डिएगो माराडोना को भी वर्ष 2020 ने छीन लिया । अपने खेल, तेवर और करिश्मे से दुनिया भर के फुटबॉलप्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले माराडोना के अचानक निधन से खेल जगत शोक में डूब गया । उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ । वहीं इस साल महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के साथ भारतीय क्रिकेट में एक युग का अंत हुआ । जब सारा देश आजादी की सालगिरह मना रहा था जब 15 अगस्त को सूर्यास्त के समय धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा ली । पूरे साल कोरोना महामारी के कारण खेल गतिविधियां बंद रही । एक के बाद एक टूर्नामेंट रद्द या स्थगित होते रहे । इसका असर खेलों की आर्थिक सेहत और खिलाड़ियों की तैयारियों पर भी पड़ा । क्रिकेट ने जरूर इस निराशा के बीच लोगों के चेहरों पर मुस्कुराहटें लाने का काम किया । यूएई में रिकार्ड टीवी दर्शक संख्या के साथ 53 दिन तक इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन किया गया।

आम तौर पर सालाना जलसे की तरह खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट में हालांकि मैदानों पर दर्शकों का शोर नहीं था और खिलाड़ी बायो बबल में थे । बाकी खेलों में हालांकि अनिश्चितता का आलम रहा । तोक्यो ओलंपिक के लिये भारत की पदक उम्मीद खिलाड़ी या तो होस्टल के कमरों या अपने घरों में बंद रहे । अगले साल जुलाई अगस्त में होने वाले ओलंपिक की तैयारियां बाधित हुई और अब देखना यह है कि इसका असर खेलों में प्रदर्शन पर कितना पड़ता है । भारतीय खेलों ने इस साल कुछ अच्छे, कुछ बुरे और कुछ दुखद पलों का सामना किया जो बरसों तक भुलाये नहीं जा सकेंगे । सुखद यादें : ओलंपिक के लिये रिकार्ड क्वालीफायर : भारत के लिये 74 खिलाड़ी अभी तक तोक्यो ओलंपिक का टिकट कटा चुके हैं जो रिकार्ड है । कुछ और क्वालीफिकेशन 2021 में होंगे यानी इस संख्या में और इजाफा होगा ।

आईपीएल का आयोजन : क्रिकेट पंडितों द्वारा ‘तमाशाई क्रिकेट’ कहे जाने वाले लेकिन दुनिया भर के प्रशंसकों की पसंदीदा आईपीएल का आयोजन कोरोना महामारी के बीच भी सफलता से हुआ । इसे टीवी पर रिकार्ड दर्शकों ने देखा और बीसीसीआई ने प्रतिकूल परिस्थितयों में भी इस बड़े पैमाने पर लीग का आयोजन करके वाहवाही पाई । फुटबॉल की बहाली : दुनिया भर में कोरोना महामारी के बीच फुटबॉल की बहाली होने के बाद भारत क्यों पीछे रहता । दर्शकों के बिना ही सही लेकिन गोवा में इंडियन सुपर लीग के जरिये फुटबॉल सत्र की फिर शुरूआत हुई ।

आस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की जीत : आस्ट्रेलिया में वनडे श्रृंखला गंवाने के बाद भारत ने टी20 श्रृंखला जीती । फिर एडीलेड टेस्ट में टेस्ट क्रिकेट के अपने न्यूनतम स्कोर 36 रन पर आउट हो गई लेकिन मेलबर्न में दूसरे टेस्ट में ऐसी जीत दर्ज की जिसे बरसों तक याद रखा जायेगा । जीत के साथ आस्ट्रेलिया में 2020 को अलविदा कहने वाली टीम अगले दो मैचों के साथ श्रृंखला अपने नाम करना चाहेगी । तीरंदाजी पर से निलंबन हटना : विश्व तीरंदाजी संघ ने ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव’ होने के बाद भारतीय तीरंदाजी पर लगा निलंबन वापिस ले लिया। इससे ओलंपिक की तैयारियों में जुटे तीरंदाजों का मनोबल बढा । इसके अलावा बाला देवी यूरोप में शीर्ष लीग में खेलने वाली पहली भारतीय महिला फुटबॉलर बनी । उन्होंने ग्लास्गो के रेंजर्स महिला फुटबॉल क्लब के साथ करार किया और स्काटिश महिला प्रीमियर लीग खेला । वहीं एम सी मेरीकॉम समेत नौ भारतीय मुक्केबाजों ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया । शतरंज और निशानेबाजी में आनलाइन प्रतियोगिताओं ने खिलाड़ियों को मसरूफ रखा ।

बुरी यादें : बैडमिंटन, फुटबॉल, मुक्केबाजी, एथलेटिक्स और हॉकी में कई टूर्नामेंट रद्द हुए या स्थगित हो गए । खिलाड़ी प्रतियोगिता को तरसते रहे हालांकि राष्ट्रीय शिविरों के जरिये तैयारियां जारी रही । भारतीय पुरूष और महिला हॉकी टीम तो लंबे समय लॉकडाउन के कारण बेंगलुरू स्थित साइ केंद्र में रही । शिविरों में लौटने के बाद कई खिलाड़ी भी कोरोना संक्रमण के शिकार हुए ।

दुखद पल : भारतीय हॉकी के सुनहरे दौर के साक्षी तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर का निधन हो गया । फुटबॉल के दिग्गज चुन्नी गोस्वामी और पी के बनर्जी के अलावा पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान भी नहीं रहे । भारतीय क्रिकेट ने कई सितारों को इस साल खो दिया । महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त को शाम सात बजकर 29 मिनट पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा ली । इंस्टाग्राम पर ‘ मैं पल दो पल का शायर हूं ’ गीत के साथ अपने कैरियर की झलकियां दिखाकर धोनी ने क्रिकेट को अलविदा कहा तो सारे प्रशंसक भावुक हो उठे । उनके लिये राहत की बात इतनी ही रही कि उनका ‘थलाइवा’ धोनी आईपीएल खेलता रहेगा । आखिर में उम्मीद है कि वैक्सीन के आने के बाद खेलों की दुनिया फिर गुलजार होगी । दर्शक मैदान पर लौटेंगे और खिलाड़ियों में जोश भरेंगे । जीवन में खेल और खेलों में जीवन का नये साल में सभी को इंतजार रहेगा ।

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