Monday, April 29, 2024
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लॉकडाउन के समय खिलाड़ियों का डोपिंग के बारे में सोचना भी मूर्खतापूर्ण होगा: वाडा

वाडा ने चेताया है कि कोरोना वायरस के कारण जब दुनिया के कई देश लॉकडाउन को मजबूर हैं तब अगर कोई खिलाड़ी इस समय को डोपिंग के मौके के तौर पर देखता है तो ऐसा करना मूर्खतापूर्ण होगा

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: May 03, 2020 12:01 IST
It would be silly for players to think of doping at the time of lockdown: Wada- India TV Hindi
Image Source : TWITTER It would be silly for players to think of doping at the time of lockdown: Wada

नई दिल्ली। विश्व डोपिंग रोधी संस्था (वाडा) ने चेताया है कि कोरोना वायरस के कारण जब दुनिया के कई देश लॉकडाउन को मजबूर हैं तब अगर कोई खिलाड़ी इस समय को डोपिंग के मौके के तौर पर देखता है तो ऐसा करना मूर्खतापूर्ण होगा। चीन के वुहान शहर से शुरू हुई कोविड-19 महामारी से दुनिया भर में 32 हजार से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं जबकि दो लाख 25 हजार से अधिक लोगों की जान गई है। भारत में भी इस घातक बीमारी के 37 हजार से अधिक पुष्ट मामले सामने आए हैं जबकि 1200 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इस महामारी के कारण दुनिया भर में लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं ठप्प पड़ी हैं। अधिकतर पेशेवर खेल लीगों को स्थगित या रद्द किया गया है।

कोविड-19 के कारण दुनिया के कुछ हिस्सों में डोप परीक्षण काफी कम हो गए हैं जबकि कुछ स्थानों पर निलंबित भी किए गए हैं लेकिन वाडा के मीडिया रिलेशन एवं कम्यूनिकेशन के सीनियर मैनजर जेम्स फिट्जगेराल्ड ने चेतावनी दी है कि खिलाड़ी इसे निषिद्ध पदार्थ लेने के मौके के तौर पर नहीं देखें। फिट्जगेराल्ड ने ‘भाषा’ को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘वाडा की पहली प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है। जाहिर है, जब लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हो तो खेलों को सबसे आगे नहीं रखा जा सकता। अनिवार्य रूप से दुनिया भर में कुछ जगह परीक्षण कार्यक्रम काफी कम हो जाएंगे और यहां तक कि अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए जाएंगे।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि बेईमान खिलाड़ी या समूह इसे धोखा देने के अवसर के रूप में देखता है तो ऐसा करना बहुत ही मूर्खतापूर्ण होगा। खिलाड़ी इस समय भी परीक्षण के दायरे में हैं और उन्हें सामान्य तरीके से रहने के स्थान संबंधी जानकारी मुहैया कराते रहना होगा जिसके कि वे प्रतियोगिता के इतर नमूने देने के लिए उपलब्ध रहें।’’ 

लॉकडाउन के समय अधिकारियों की नजरों से बचकर डोपिंग करने वाले खिलाड़ियों की संख्या में इजाफे की आशंका के बारे में पूछे जाने पर फिट्जगेराल्ड ने कहा कि खिलाड़ियों को इस समय शक्तिवर्धक दवाओं का अधिक फायदा नहीं मिलने वाला। उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर प्रतिबंधित पदार्थ सही तरह के गहन प्रशिक्षण के साथ मिलकर काम करते हैं। कई एथलीट इस समय उचित प्रशिक्षण सुविधाओं का उपयोग नहीं कर सकते हैं और इसलिए उन पदार्थों को लेने से उन्हें बहुत मदद नहीं मिलेगी।’’ 

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फिट्जगेराल्ड ने हालांकि कहा कि डोपिंग रोधी संगठनों (एडीओ) और खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है और कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए वाडा सुनिश्चित कर रहा है कि दुनिया में डोपिंग रोधी परीक्षण की अहमियत बनी रहे। उन्होंने कहा, ‘‘वाडा वैश्विक डोपिंग रोधी नियामक है, परीक्षण प्राधिकरण नहीं। डोपिंग रोधी संगठनों (एडीओ) और खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारियां पता है। हमने हाल में एडीओ और खिलाड़ियों को अपडेट दिशानिर्देश भेजे थे जिससे कि उन्हें पता रहे कि इस समय क्या चल रहा है। हमारी वेबसाइट पर भी ये दिशानिर्देश उपलब्ध हैं।’’ 

इससे पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और विश्व रग्बी में भी मीडिया के जुड़े मामलों के प्रमुख रहे फिट्जगेराल्ड ने कहा, ‘‘इस बीच वाडा निगरानी कर रहा है कि इस महामारी के प्रकोप के बीच दुनिया भर में डोपिंग रोधी परीक्षणों अहमियत बनी रहे। यह एक लगातार बदलती स्थिति है और वाडा इसमें हो रहे बदलाव के साथ सामंजस्य बैठा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करना है कि इस महामारी के बाद जितना जल्दी संभव हो सारी प्रणाली फिर से पहले की तरह मजबूत हो जाए और व्यवस्था से जुड़े संभावित कमजोर बिंदुओं को एक बार फिर मजबूत किया जाए।’’ 

फिट्जरगेराल्ड ने कहा कि वैश्विक डोपिंग रोधी प्रणाली सिर्फ खिलाड़ी के परीक्षण से नहीं जुड़ी बल्कि यह उनका जैविक पासपोर्ट है जो उनके दीर्घकालीन प्रोफाइल का विश्लेषण करने के लिए बेहद उपयोगी है। उन्होंने कहा,‘‘वैश्विक डोपिंग रोधी प्रणाली सिर्फ खिलाड़ी के परीक्षण से नहीं जुड़ी। उदाहरण के लिए खिलाड़ी जैविक पासपोर्ट प्रत्येक खिलाड़ी के दीर्घकालिक प्रोफाइल का आकलन करने के लिए एक उपयोगी उपकरण है। कई नमूने लंबे समय तक संग्रहित रहते हैं। हम अपने व्हिसलब्लोअर कार्यक्रम के माध्यम से खुफिया जानकारी प्राप्त करना जारी रखते हैं जिससे लक्ष्य परीक्षण (टारगेट टेस्टिंग) या जांच शुरू हो सकती है। इसलिए हमारे पास ऐसे उपकरण हैं जिनका उपयोग हम प्रणाली की अहमियत को बनाए रखने के लिए कर सकते हैं।’’ 

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फिट्जगेराल्ड ने बताया कि इस समय वाडा का अधिकतर स्टाफ भी घर से ही काम कर रहा है और वे स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक हमारे कर्मचारियों का सवाल है तो कई स्थानों की तरह हर कोई वर्तमान में घर से काम कर रहा है और हम स्वास्थ्य अधिकारियों की नवीनतम सलाह का पालन कर रहे हैं।’’

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