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TRAI का फिर चला डंडा, 18 लाख मोबाइल नंबर किए बंद, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती

TRAI ने एक बार फिर से फर्जी कॉल और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए कड़ा कदम उठाया है। नियामक ने पिछले 45 दिन में 18 लाख मोबाइल नंबर और 680 एंटिटीज को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Published : Oct 04, 2024 15:41 IST, Updated : Oct 04, 2024 15:54 IST
TRAI- India TV Hindi
Image Source : FILE TRAI

TRAI ने 1 अक्टूबर से फर्जी कॉल्स और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब यूजर्स को आने वाले फर्जी कॉल और मैसेज को ऑपरेटर लेवल पर ही ब्लॉक कर दिया जाएगा। TRAI ने एक बार फिर से स्कैमर्स पर बड़ा प्रहार करते हुए 18 लाख से ज्यादा मोबाइल नंबर और 680 एंटिटीज को पिछले 45 दिन में ब्लॉक कर दिया है। दूरसंचार नियामक ने अपने X हैंडल से यह जानकारी शेयर की है।

दूरसंचार नियामक ने अपने X पोस्ट में बताया है कि सर्विस प्रोवाइडर्स को स्पैमर्स के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसकी वजह से पिछले 45 दिनों में 680 एंटिटीज को ब्लैक-लिस्ट किया गया है। साथ ही, 18 लाख मोबाइल नंबर की सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

1 करोड़ से ज्यादा नंबर हुए बंद

इससे पहले भी दूरसंचार नियामक ने लाखों मोबाइल नंबर को स्कैम एक्टिविटी में लिप्त होने की वजह से बंद किया था। अब तक दूरसंचार नियामक 1 करोड़ से ज्यादा मोबाइल नंबर पर एक्शन ले चुका है और उनकी सर्विस खत्म कर चुका है। पिछले महीने भी दूरसंचार नियामक ने सख्ती दिखाते हुए 3.5 लाख मोबाइल नंबर बंद कर दिए थे। DoT और TRAI मिलकर यूजर्स को स्पैम फ्री सर्विस क्वालिटी देने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं। TRAI ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को बल्क कनेक्शन, रोबोटिक कॉल्स और प्री-रिकॉर्डेड कॉल्स को ब्लॉक करने के सख्त निर्देश दिए हैं। सितंबर में भी नियाक ने 3.5 लाख अन-वेरिफाइड SMS हेडर और 12 लाख कॉन्टेंट टेम्प्लेट को भी ब्लॉक किया था।

TRAI का नया नियम

दूरसंचार नियामक ने 1 अक्टूबर से लागू हुए नियम में नेटवर्क ऑपरेटर्स को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए URL, APK लिंक, OTT लिंक वाले मैसेज को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। यूजर के पास ऐसे कोई भी मैसेज रिसीव नहीं होंगे, जिनमें कोई भी URL होंगे। यूजर्स को केवल उन संस्थानों और टेलीमार्केटर्स के लिंक वाले मैसेज रिसीव होंगे, जिन्हें व्हाइटलिस्ट किया गया है। टेलीमार्केटर्स नियामक द्वारा सुझाए गए मैसेज टेम्पलेट के आधार पर URL या अन्य संवेदनशील जानकारी जैसे कि OTP आदि वाले मैसेज को व्हाइटलिस्ट करवा सकेंगे। जो संस्थान या टेलीमार्केटर व्हाइटलिस्ट नहीं हैं, उनके द्वारा यूजर्स को मार्केटिंग वाले कॉल्स नहीं आएंगे।

कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती?

दूरसंचार नियामक का यह नियम उन सभी मोबाइल नंबर पर लागू होते हैं, जिनके द्वारा मार्केटिंग कॉल किए जाते हैं। अगर, आप अपने निजी नंबर से मार्केटिंग या फिर किसी भी तरह के प्रमोशन वाले कॉल्स करते हैं, तो दूरसंचार नियामक आपके सिम को ब्लॉक कर सकता है। मार्केटिंग कॉल्स करने के लिए बल्क में कनेक्शन लेना होता है, जिसके लिए नियामक ने गाइडलाइंस जारी कर दी है।

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