जब अहमदाबाद से मुंबई के बीच में चलने वाली पहली बुलेट ट्रेन के लिए कंस्ट्रक्शन का प्लान तैयार हुआ तो सबसे पहला निर्णय यह लिया गया की यह प्रोजेक्ट जापान की मदद से पूरी तरह 'MAKE IN INDIA' अभियान के तहत ही तैयार होगा।
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर दिन-रात काम चल रहा है। गुजरात के वडोदरा जिले में विश्वामित्री नदी पर पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया है।
चीन की ये हाई-स्पीड ट्रेन महज 4 मिनट 40 सेकंड में 350 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है, जो इसके पुराने मॉडल CR400 की तुलना में 100 सेकंड कम है।
यह परियोजना नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है, जो इस क्षेत्र को देश के हाई-स्पीड रेल मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।
रेल मंत्री ने कहा कि गूगल मैप ऐप मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा का समय 9 घंटे दिखाता है, लेकिन बुलेट ट्रेन से लोग ये दूरी सिर्फ 2 घंटे और 7 मिनट में पूरा कर सकेंगे।
गुजरात में यह बुलेट ट्रेन स्टेशन स्थानीय आम के बागों से प्रेरित डिजाइन में तैयार किया जा रहा है। फिलहाल स्टेशन पर आर्किटेक्चरल फिनिशिंग और MEP (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) से संबंधित कार्य प्रगति पर हैं।
अमेरिका खुद को दुनिया का सुपर पॉवर मानता है, लेकिन इसके पास चीन और जापान जैसी हाई स्पीड ट्रेन नहीं है। जहां चीन के पास 460 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलने वाली बुलेट ट्रेन है तो वहीं अमेरिका के पास केवल 240 किलोमीटर प्रति घंटा चलने वाली ट्रेन है।
अमेरिका के टैरिफ वार के बीच पीएम मोदी की स्वतंत्र और आत्मनिर्भरता की चाल ने ट्रंप के सपनों को चकनाचूर करना शुरू कर दिया है। अमेरिका के सामने झुकने के बजाय भारत ने जापान जैसे साथियों के साथ सहयोग बढ़ाकर ट्रंप को बड़ा झटका दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा के दौरान बड़ा ऐलान किया है। पीएम ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद ही नहीं, भारत में 7000 किलोमीटर तक बुलेट ट्रेन दौड़ाने का लक्ष्य है।
शुरुआत में भारत को जापान की E5 शिंकानसेन सीरीज की ट्रेन देनी थी, बाद में प्रोजेक्ट में देरी और जापान में टेक्निकल अपग्रेडेशन के चलते अब भारत को नई पीढ़ी की E10 सीरीज ट्रेन की पेशकश की गई है।
भावनगर टर्मिनस पर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से चलेगी।
E10 बुलेट ट्रेन, E5 की तुलना में सुविधा, सुरक्षा और टेक्नोलॉजी के मामले में बड़ा सुधार है, जो यात्रियों को शानदार अनुभव देने वाली आधुनिक सुविधाएं हैं।
पटरियां बिछाने, ओवरहेड इलेक्ट्रिकल वायरिंग, स्टेशनों और पुलों का काम तेजी से चल रहा है। महाराष्ट्र में भी निर्माण कार्य ने गति पकड़ी है। साथ ही संचालन और कंट्रोल सिस्टम की खरीद की प्रक्रिया भी सुचारू रूप से चल रही है।
मुंबई में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स और पड़ोसी ठाणे में शिलफाटा के बीच 2.7 किलोमीटर का निरंतर सुरंग खंड सफलतापूर्वक पूरा हो गया है, जिससे अरबों डॉलर की मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में बड़ी सफलता मिली है।
इस ग्रुप में दिनेशचंद्र आर. अग्रवाल इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड के अलावा, सीमेंस लिमिटेड और सीमेंस मोबिलिटी जीएमबीएच भी शामिल हैं।
अहमदाबाद से 508 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश के साथ, देश की पहली बुलेट ट्रेन का कार्य तेज गति से चल रहा है। यह बीच में 10 शहरों में रुकेगी।
नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) भारत के पहले हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के निर्माण का काम कर रहा है। 508 किलोमीटर तक फैली इस परियोजना पर 1.2 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च होने की उम्मीद है।
शिंकानसेन का अर्थ है- नई मेन लाइन। शिंकानसेन हाई-स्पीड रेल लाइन का एक ग्रुप है, जिन पर जापान की बुलेट ट्रेन दौड़ती हैं।
भारत ने अपने पहले बुलेट ट्रेन रूट के लिए E5 ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई थी, जिसकी टॉप स्पीड 320 किमी प्रति घंटा है।
अहमदाबाद के पास बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की साइट पर काम के दौरान सेटलमेंट ग्रैंटी गिर गया। इस वजह से इसके पास से गुजर रही रेलवे ट्रैक पर जाने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
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