थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख के विवाद पर भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता बहुत लाभदायक रही है और दोनों सेनाएं चरणद्ध तरीके से हट रही हैं जिसकी शुरुआत गलवान घाटी से हो रही है।
चीनी सेना लद्दाख में आए दिन घुसपैठ करती रहती है। इस समय तो हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। अब समय आ गया है कि पूरा देश एक हो जाए और उन्हें जवाब दे। जानिए कैसे
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गलवान घाटी समते तीन जगहों पर चीन के सैनिक अपने infantry combat vehicles के साथ 2.5 किलोमीटर पीछे हट गए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा उन पर निशाना साधे जाने को लेकर मंगलवार को पलटवार करते हुए सवाल किया कि क्या चीन के सैनिकों ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।
कैट ने चीन से आयात किए जाने वाले लगभग 3000 ऐसे उत्पादों की सूची बनायी है, जिनके आयात नहीं करने से देश को कोई अंतर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह वस्तुएं देश में पहले से बन रही हैं।
सैन्य संवाद जनयिक स्तर पर वार्ता का अनुसरण करता है, जिसके दौरान दोनों देश एक-दूसरे की संवेदनशीलता और चिंताओं का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण चर्चा के माध्यम से अपने "मतभेद" को संभालने के लिए सहमत हुए।
उन्होंने लोगों से चीनी वस्तुओं का उपयोग बंद करने की अपील करते हुए कहा, ‘‘हमें चीनी वस्तुओं के बारे में किसी भी तरह के लालच को त्यागना होगा क्योंकि इस पूर्वी एशियाई देश (चीन) ने कोविड-19 महामारी के बीच खुद को समूची दुनिया के खिलाफ कर दिया है।’’
आपको बता दें कि चीन की भारत के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जो 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश से जुड़ती है। चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी और पैंगोंग झील के इलाके में घुसपैठ की है जिसके चलते ताजा विवाद पैदा हुआ है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएएसी) के भीतर घुसपैठ के चलते पूर्वी लद्दाख में फिलहाल तनाव की स्थिति जारी है।
अधिकांश देशों को अब चीन के प्रॉडक्ट्स पर भरोसा नहीं रहा और खराब क्वॉलिटी के चीनी सामान को लेकर दुनिया के तमाम देशों में नाराजगी है।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि चीन भी फिंगर इलाके में एक सड़क बना रहा है जो भारत को स्वीकार्य नहीं है। सूत्रों ने बताया कि चीन के आक्रामक रवैये का सामना करने के लिए भारतीय सेना ने भी पूर्वी लद्दाख में अपने सैनिकों, वाहनों और तोपों की संख्या बढ़ाई दी है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संबंध रखने वाले चीन के छात्रों और रिसर्चर्स के देश में प्रवेश पर रोक लगाने की घोषणा की है।
भारतीय सेना के तीन पूर्व अधिकारियों ने लेह में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ताजा जानकारी साझा की और भारत-चीन सैनिकों के बीच व्याप्त तनाव पर प्रकाश डाला।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, शी ने सेना को आदेश दिया कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करें, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाए
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा पर तनातनी की घटनाओं के कुछ ही दिन बाद भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह चीन के साथ लगने वाली सीमा पर शांति एवं स्थिरता बनाये रखने को प्रतिबद्ध है तथा सीमा को लेकर साझा समझ होने पर ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता था।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव बढ़ने पर चीन ने बुधवार को कहा कि भारत को इस मुद्दे को और अधिक ‘‘उलझाने’’ वाली किसी गतिविधि से दूर रहना चाहिए।
भारत ने करीब दो हफ्ते पहले चीनी कंपनियों से करीब 5,00,000 त्वरित एंटीबॉडी जांच किट खरीदी थी और उन्हें उन राज्यों को वितरित किया गया था जहां कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे थे।
च्यांग ने ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्क वीबो पर अपने 34 लाख फालोअर्स से कहा,‘‘मुझे खेद है, मैं अब आगे कूद नहीं लगाऊंगा। मैंने संन्यास लेने का फैसला किया है।’’
पहली अप्रैल को भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत को 70 साल हुए हैं, इस मौके पर चीन के राजदूत ने भारत के नाम यह संदेश दिया है
देश के सुदूर पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में एक बार फिर चीनी सेना के घुसपैठ के संकेत मिले हैं।
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