Friday, April 19, 2024
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Rajat Sharma’s Blog: चीनी माल का बहिष्कार कर घुसपैठ के लिए चीन को सिखाएं कड़ा सबक

अधिकांश देशों को अब चीन के प्रॉडक्ट्स पर भरोसा नहीं रहा और खराब क्वॉलिटी के चीनी सामान को लेकर दुनिया के तमाम देशों में नाराजगी है।

Rajat Sharma Reported by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: June 02, 2020 14:48 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

सोमवार रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने दिखाया कि चीन किस तरह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सेना के जवानों की फर्जी तस्वीरें और वीडियो प्रसारित करने के लिए ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग कर रहा है। यह चीनी सेना के प्रॉपेगैंडा का हिस्सा है जिसके जरिए वे WhatsApp और Twitter का जमकर इस्तेमाल करने वाले भारतीयों के मन में डर और शक पैदा करते हैं।

पिछले महीने चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में हमारे क्षेत्र के भीतर निर्माण गतिविधि को अंजाम देने से भारतीय सेना को रोकने की कोशिश की थी। उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिसके बाद हमारे जवानों ने बल प्रयोग करके उन्हें वहां से खदेड़ दिया। इसके बाद चीनी सैनिकों ने वहां तंबू गाड़ दिए, बख्तरबंद गाड़ियां लेकर आ गए, और 5000 सैनिकों का जमावड़ा लगा दिया। जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने भी LAC में अतिरिक्त सैनिक तैनात कर दिए और तभी से वहां पर गतिरोध जारी है।

दोनों सेनाएं अब कई दौर की बातचीत में लगी हुई हैं, लेकिन इस बीच चीन की सेना ने अपने पाकिस्तानी सहयोगियों के साथ मिलकर आम भारतीयों के मन में शक पैदा करने के लिए ट्विटर और व्हाट्सऐप पर भारतीय जवानों की फर्जी तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करना शुरू कर दिया। दुर्भाग्य से कई सीधे-सादे भारतीय इस तरह के प्रॉपेगैंडा का शिकार हो जाते हैं और इस तरह की वीडियो और तस्वीरों को अपने ग्रुप में भेज देते हैं। मैं हर देशभक्त भारतीय से अपील करता हूं कि चीनी सेना द्वारा प्रसारित ऐसे नकली वीडियो को अनदेखा करें और उन्हें डिलीट कर दें।

हमारे रक्षा संवाददाता मनीष प्रसाद ने भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की और उन्होंने कहा कि ये तस्वीरें और वीडियो फर्जी हैं और इन्हें चीन की प्रॉपेगैंडा फैक्ट्री ने पोस्ट किया है इनमें से एक तस्वीर OedoSoldier नाम के एक चीनी ट्विटर हैंडल से शेयर की गई। चीनी सेना के पास इतनी हिम्मत नहीं है कि वह इन फर्जी तस्वीरों और वीडियो की जिम्मेवारी ले या इन्हें अपनी आधिकारिक साइटों पर पोस्ट करे, क्योंकि वे जानते हैं कि ये सभी या तो पुरानी हैं, फर्जी हैं या इनसे छेड़छाड़ की गई है।

हमारे संवाददाता ने भारतीय सेना द्वारा तैयार किए गए वीडियो दिखाए, जिसमें चीनी सैनिक बेहद ही आक्रामक अंदाज में नजर आ रहे हैं। इस वीडियो से यह भी पता चलता है कि तनाव को कम करने के लिए मई के महीने में दोनों सेनाओं के बीच कम से कम तीन दौर की बातचीत हुई थी। दोनों सेनाओं के बीच पिछली बैठक 28 मई को हुई थी। इन बैठकों के बाद, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपने इलाके में पीछे हट गई। हमारे जवानों नदी के पास कुछ देर तक टिके रहे, गलवान घाटी में चीन की प्रतिक्रिया को लेकर सतर्क रहे और फिर अपनी पुरानी पोजिशन पर पर लौट आए।

भारतीय सेना के पूर्व डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने बताया कि लद्दाख में भारत द्वारा आंख दिखाए जाने के बाद चीन अब PsyOps (साइकॉलजिकल ऑपरेशन) में लिप्त है और यह मनोवैज्ञानिक युद्ध का हिस्सा है। सोशल मीडिया पर चीन इसीलिए फर्जी वीडियो डाल रहा है। इस समय चीन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मोर्चों पर गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है, और इसीलिए अपने देश के लोगों का ध्यान भारत-चीन सीमा विवाद की तरफ मोड़ना चाहता है।

इस बात को अब सभी मान रहे हैं कि दुनियाभर में COVID-19 महामारी के प्रसार के लिए चीन ही जिम्मेदार है, और इसकी अंतर्राष्ट्रीय साख तेजी से गिरती जा रही है। यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान समेत अधिकांश विकसित देश कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इस बीच चीन हांगकांग में भी दिक्कतों का सामना कर रहा है जहां लोग सड़कों पर उतर गए हैं और लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग कर रहे हैं। कई देशों को खराब क्वॉलिटी की पीपीई किट, मास्क और नकली टेस्टिंग किट की सप्लाई करने के भी चीन की आलोचना की गई है।

अधिकांश देशों को अब चीन के प्रॉडक्ट्स पर भरोसा नहीं रहा और खराब क्वॉलिटी के चीनी सामान को लेकर दुनिया के तमाम देशों में नाराजगी है। तमाम देश चीन में बने प्रॉडक्ट्स को खरीदने से बच रहे हैं। कई दशकों में पहली बार चीन में बेरोजगारी की दर 27 प्रतिशत हो गई है क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है।

चीन के अंदर विरोध की आवाजें उठने लगी हैं और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार को कई मोर्चों पर दिकक्तों का सामना करना पड़ रहा है। चीनी सेना जानबूझकर LAC पर घुसपैठ कर रही है ताकि भारत-चीन के बीच तनाव पैदा हो और घरेलू मुद्दों से लोगों का ध्यान हट जाए। यदि हर भारतीय चीनी माल को खरीदना बंद कर दे तो आर्थिक मोर्चे पर भारत चीन को कड़ा सबक सिखा सकता है। जब भारत जैसे बड़े बाजारों के खरीदार चीनी सामान खरीदते हैं तो चीन की अर्थव्यवस्था को ताकत मिलती है।

भारत और चीन के बीच 90 बिलियन डॉलर (लगभग 6 लाख करोड़ रुपये) का द्विपक्षीय व्यापार होता है, जिनमें से 5 लाख करोड़ रुपये का सामान चीन से भारत ने खरीदा और सिर्फ 1 लाख करोड़ रुपये के भारतीय सामान की चीन ने खरीद की। इस साल जनवरी में चीन ने भारत को 41,956 करोड़ रुपये का सामान निर्यात किया, जबकि भारत ने चीन को केवल 10,800 करोड़ रुपये का सामान भेजा। फरवरी में, चीन से भारत में आयात (COVID के कारण) 31,764 करोड़ रुपये तक गिर गया और चीन को भारतीय निर्यात भी केवल 7,999 करोड़ रुपये रहा।

ये आंकड़े साफ तौर पर दिखाते हैं कि विशाल चीनी अर्थव्यवस्था किस तरह भारतीय पैसे पर चलती है। चीन हमें अपने उत्पादों के एक बड़े बाजार के तौर पर इस्तेमाल करता है ताकि उसकी अर्थव्यवस्था फलती-फूलती रहे। भारत चीनी कंपनियों से हर साल सेलफोन, कैमरा, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के पार्ट्स जैसे 2.25 लाख करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक सामान का आयात करता है।

भारत 10,000 करोड़ रुपये के चीनी खिलौने, 12,000 करोड़ रुपये की चीनी कपास और 15,000 करोड़ रुपये के चीनी फर्नीचर आयात करता है। भारतीय बाजार चीनी इंटीरियर लाइट्स, फैंसी लाइट्स, सेलफोन, रेशम, आर्टिफिशियल लेदर और जानवरों की खाल से बने प्रॉडक्ट्स से भरे पड़े हैं। चीन भारत से लौह अयस्क समेत अन्य कच्चे खनिजों का आयात करता रहा है और हमारे ही रॉ मटीरियल्स से तैयार इस्पात, तांबे और लोहे के उत्पादों को फिर से बेचता रहा है।

लाखों भारतीय चीनी के बने हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं जिनमें इनबिल्ट ऐप्स होते हैं। ये ऐप कॉन्टैक्ट्स, बैंक अकाउंट की डीटेल और यहां तक कि पासवर्ड से जुड़े बेहद ही महत्वपूर्ण डेटा को अपने यहां स्टोर कर लेते हैं। ये सारे डेटा चीनी सर्वर पर संग्रहीत हैं। चीन में बने मोबाइल फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल करते समय हममें से प्रत्येक शख्स को सावधान रहना चाहिए क्योंकि हमारे व्यक्तिगत जीवन और बैंकिंग अकाउंट के डीटेल से जुड़े डेटा अनजाने में कहीं और पहुंच सकते हैं।

जब एक बार हम चीन में बने प्रॉडक्ट्स का बहिष्कार शुरू कर देंगे और भारत में बने सामान खरीदने लगेंगे, तो चीनी नेतृत्व को भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत समझ में आएगी। चीन सीमा पर नई जगहों पर विवाद पैदा करने की पूरी कोशिश करेगा, लेकिन हमें अपना ध्यान आत्म-निर्भरता पर केंद्रित करना चाहिए। आप में से प्रत्येक शख्स द्वारा चीनी सामानों का बहिष्कार करने जैसा एक छोटा-सा कदम एक अच्छी शुरुआत होगी। इन चीनियों को तब समझ में आएगा कि उनका खर्चा हमारी खरीदारी से चलता है और वे हमारी सीमा पर कुछ भी गलत करने से पहले सौ बार सोचेंगे। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 1 जून, 2020 का पूरा एपिसोड

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