Saturday, April 20, 2024
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Rajat Sharma's Blog: COVID-19 के मामलों और मौतों में बढ़ोत्तरी के साथ अस्पतालों में गंभीर हो रहे हैं हालात

यह परेशान करने वाला वीडियो मुझे न्यूयॉर्क के अस्पतालों में जिंदगी के लिए लड़ रहे COVID-19 रोगियों की, इटली में सड़क के किनारे पड़ी लाशों की याद दिलाता है। क्या हम भारत में भी इसी तरह की चीजों के गवाह बनने जा रहे हैं?

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: May 30, 2020 16:34 IST
Rajat Sharma's Blog: COVID-19 के मामलों और मौतों में बढ़ोत्तरी के साथ अस्पतालों में गंभीर हो रहे हैं- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: COVID-19 के मामलों और मौतों में बढ़ोत्तरी के साथ अस्पतालों में गंभीर हो रहे हैं हालात

एक जून से लॉकडाउन का पांचवां फेज शुरू होने जा रहा है और भारत में शुक्रवार को COVID-19 के मामलों (7,713) और मौतों (270) में एक दिन की सबसे बड़ी संख्या देखने को मिली। भारत में COVID-19 मामलों की कुल संख्या लगभग 1.69 लाख है, जबकि 4,978 मौतों के साथ यह आंकड़ा तेजी से 5,000 की तरफ बढ़ रहा है। COVID-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या में भी शुक्रवार को भारी बढ़ोत्तरी (11,000 से अधिक) देखने को मिली और देश में अब तक कुल 82,354 लोग इस बीमारी को मात दे चुके हैं।

महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली सहित कम से कम 7 राज्यों ने COVID-19 मामलों में सबसे ऊंची छलांग लगाई। विशेष रूप से मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद और जयपुर सहित 13 शहरों में हालात बेहद गंभीर है। शुक्रवार को अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने कोटा के न्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में डॉक्टरों से मदद के लिए गिड़गिड़ाते कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज का वीडियो दिखाया था, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों में से किसी ने भी उसकी सुध नहीं ली। कुछ ही देर बाद मरीज की मौत हो गई।

उस शख्स के सीने में तकलीफ थी और करीब 3 बजे उसे दौरा पड़ गया। उसने अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन फोन उसके हाथ से छूट कर गिर गया, क्योंकि उसे सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी। उसके साथ ही भर्ती एक मरीज ने फोन पर वीडियो शूट किया, लेकिन उनमें से किसी ने भी डॉक्टर या नर्स को इस इमर्जेंसी की जानकारी देने की जहमत नहीं उठाई। मृतक के परिजनों ने महावीर नगर थाने में मेडिकल लापरवाही की शिकायत दर्ज कराई है। अस्पताल के डॉक्टरों ने इस मामले पर बेहद लापरवाही भरा जवाब देते हुए कहा कि इस तरह की मौतें होती रहती हैं।

यह वाकई में बेहद शर्मनाक स्थिति है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस तरह की घटनाओं से हमारे हेल्थ केयर सिस्टम से लोगों का भरोसा उठ जाता है। यह परेशान करने वाला वीडियो मुझे न्यूयॉर्क के अस्पतालों में जिंदगी के लिए लड़ रहे COVID-19 रोगियों की, स्पेन के अस्पतालों में दफनाए जाने के इंतजार में लाशों के ढेर की, और इटली में सड़क के किनारे पड़ी लाशों की याद दिलाता है। क्या हम भारत में भी इसी तरह की चीजों के गवाह बनने जा रहे हैं?

मेरा इरादा दर्शकों को डराने का बिल्कुल नहीं था। मेरा एकमात्र उद्देश्य उन्हें आने वाले खतरे के बारे में आगाह करना था। चूंकि अस्पतालों को COVID-19 पीड़ितों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए एक सख्त प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ता है, इसलिए मुर्दाघरों में लाशों का ढेर इकट्ठा होता जा रहा है और अब तो ये अस्पतालों के वॉर्डों में भी नजर आने लगा है। ठाणे के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल का एक वीडियो सामने आया, जिसमें स्वैब का नमूना देने पहुंचे लोगों से थोड़ी ही दूर फर्श पर COVID-19 के 2 मरीजों की लाशें पड़ी थीं। उन खतरों की कल्पना करें जिनका सामना टेस्ट के लिए अस्पताल आने वाले लोग कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इन लाशों को शव वाहन के इंतजार में रखा गया था।

एक और डरावना वीडियो 26 मई को मुंबई के केईएम अस्पताल, वॉर्ड 20-ए का था, जिसमें कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को फर्श पर सोते हुए दिखाया गया था, जबकि बेड पर लाशें पड़ी थीं। यह वीडियो वायरस से संक्रमित एक मरीज के परिजनों ने फिल्माया था। उसी अस्पताल में, वॉर्ड की तरफ आने-जाने वाले रास्तों पर शव पड़े थे। राजावाड़ी अस्पताल में बेड पर लेटे मरीज वॉर्ड में फर्श पर रखे शव देख रहे थे। कूपर अस्पताल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही थी, जहां मरीज डॉक्टरों का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए रो रहे थे।

सामान्य तौर पर लोग कोरोना वायरस से इतना नहीं डरते हैं जितना वे अस्पताल में भर्ती होने से डरते हैं। उन्हें लगता है कि COVID-19 के इलाज के दौरान अस्पतालों में उनका ख्याल नहीं रखा जाएगा। वे खराब हाइजीन और अच्छा खाना न मिलने की अपनी आशंका के चलते आइसोलेशन वॉर्ड में जाने से डरते हैं। इसी डर की वजह से कई लोग हेल्थ केयर वर्कर्स के सामने अपने लक्षणों के बारे में नहीं बताते हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सभी अस्पतालों में हालात एक जैसे हैं, लेकिन आम लोगों के बीच डर जरूर एक जैसा है।

ऐसे निराशाजनक हालात के बीच लॉकडाउन का चौथा चरण रविवार को समाप्त हो रहा है और इसे पांचवें चरण के लिए बढ़ाया जाना है। जिन जिलों में बहुत कम मामले हैं वहां और ज्यादा छूट दी जाएगी, लेकिन उन 13 शहरों में ज्यादा सख्ती की जाएगी जो महामारी से बुरी तरह जूझ रहे हैं। इन 13 शहरों में मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता, इंदौर, जयपुर, जोधपुर, चेंगलपट्टू और तिरुवल्लूर शामिल हैं।

इस बार जोर नए मामलों की संख्या को कम करने और 13 सबसे प्रभावित शहरों में ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने पर होगा। एक बार इन हॉटस्पॉट्स पर महामारी नियंत्रण में आ गई तो कर्व ऊपर की ओर न जाकर बराबरी पर आएगा और फिर गिरने लगेगा। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि आने वाले हफ्तों में सबकुछ ठीक हो। (रजत शर्मा)

देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 29 मई 2020 का पूरा एपिसोड

 

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