प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न सरकारी विभागों और उद्योग के समक्ष एक नई चुनौती पेश की है। उन्होंने देश में अधिक रोजगार पैदा करने और प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए आयात में 10 प्रतिशत कमी लाने और वैश्विक व्यापर में भारत की हिस्सेदारी मौजूदा 1.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.4 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के सचिव जगदीश प्रसाद मीना ने मंगलवार को कहा कि भारतीय खाद्य उद्योग को शोध एवं विकास तथा गुणवत्ता प्रमाणन पर ध्यान देना चाहिए ताकि उसके उत्पाद विदेशी बाजारों में खाद्य उत्पादों को अस्वीकृत नहीं किया जा सके।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने सोमवार को कहा कि देश भर के निर्यातक 25,000 करोड़ रुपए वापस किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। यह राशि जीएसटी नेटवर्क की ‘अक्षमता’ के कारण अटकी पड़ी है। उन्होंने कहा कि देश के निर्यातकों के तीन लाख आवेदन अटके हैं और उन्हें रिफंड का इंतजार है।
मई माह में देश का निर्यात 28.18 प्रतिशत बढ़कर 28.86 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं इस दौरान आयात 14.85 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 43.48 अरब डॉलर का रहा।
भारतीय करेंसी रुपए में एक बार फिर से भारी गिरावट देखी जा रही है, डॉलर का भाव फिर से 68 रुपए के पार हो गया है, फिलहाल प्रति डॉलर रुपए 68.02 के स्तर पर कारोबार कर रहा है और इसमें करीब 40 पैसे की भारी गिरावट देखी जा रही है। डॉलर में आई इस तेजी के पीछे अमेरिका में बढ़ी हुई ब्याज दरों को वजह माना जा रहा है।
अमेरिकी करेंसी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपए में पिछले 12 दिन से जोरदार रिकवरी देखी जा रही है, आज डॉलर का भाव घटकर 66.85 रुपए तक आ गया है जो करीब 4 हफ्ते में सबसे अधिक भाव है, 12 दिन पहले डॉलर का भाव 68.47 रुपए के ऊपरी स्तर तक चला गया था, लेकिन अब डॉलर सस्ता हो रहा है और रुपए में मजबूती आने लगी है, रुपए में आई इस मजबूती का असर हम सबकी जेब पर पड़ सकता है।
मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष 2017-18 में रिकॉर्ड चावल निर्यात के बाद अब नए वित्त वर्ष 2018-19 की शुरुआत भी बढ़े हुए चावल निर्यात से हुई है। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 के पहले महीने अप्रैल के दौरान देश से चावल निर्यात में करीब 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
चीन और भारत के रिश्तों में भले ही कड़वाहट हो, लेकिन जल्द ही कारोबार में मिठास आ सकती है। खबर है कि भारत इस साल पहली बार चीन को चीनी निर्यात कर सकता है।
देश की प्रमुख आलू मंडी आगरा में 2 महीने में आलू के थोक भाव में 50 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। 2 महीने पहले यानि मार्च अंत में आगरा मंडी में आलू का थोक भाव 830 रुपए प्रति क्विंटल था जो अब बढ़कर 1250 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गया है।
निर्यातकों के प्रमुख संगठन फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (FIEO) ने मंगलवार कहा कि निर्यातकों का सरकार के पास करीब 20,000 करोड़ रुपए का वस्तु एवं सेवा कर (GST) रिफंड अटका हुआ है।
इंजीनियरिंग, रसायन एवं औषधि क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात अप्रैल महीने में पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले 5.17 प्रतिशत बढ़कर 25.91 अरब डॉलर रहा।
देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 8 प्रतिशत गिरकर करीब 32.72 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2016-17 में निर्यात 35.47 अरब डॉलर था।
सुजुकी मोटर्स के मुताबिक भारत में बनी गाड़ियों का निर्यात 100 से ज्यादा देशों में हो रहा है, वित्तवर्ष 2017 के दौरान मारुति सुजुकी की गाड़ियों के निर्यात में दोगुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है और कुल 1.26 लाख गाड़ियों का निर्यात हुआ है।
सरकार चने के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए करीब 7 प्रतिशत निर्यात प्रोत्साहन देने की घोषणा कर सकती है। इस कदम के पीछे सरकार का मकसद चने की कीमतो को समर्थन मूल्य के ऊपर पहुंचाना है
सरकार ने चीनी के निर्यात पर लगने वाले 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क को समाप्त कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि चीनी के निर्यात को बढ़ावा देने और जमा स्टॉक को कम करने के मकसद से सरकार ने यह कदम उठाया है।
केंद्र और राज्य सरकारों ने निर्यातकों के लिए 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी रिफंड को मंजूरी दे दी है।
शनिवार को आयोजित GST काउंसिल की बैठक GST रिटर्न के सरलीकरण को लेकर बेनतीजा रही। हालांकि, इस बैठक में दो मॉडल पर चर्चा तो की गई लेकिन अब निर्णय को GST काउंसिल की अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है।
डॉलर के मुकाबले रुपये का यह स्तर करीब 3 महीने में सबसे निचला स्तर है। रुपए में आई इस गिरावट की वजह से देश को फायदा होने के साथ नुकसान भी है
भारत का निर्यात जनवरी महीने में नौ प्रतिशत बढ़कर 24.38 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान रसायन, अभियांत्रिकी सामान व पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में काफी अच्छी वृद्धि दर्ज की गई, जिससे कुल निर्यात बढ़ा।
सरकार ने निर्यात प्रोत्साहन के वास्ते वित्त वर्ष 2018-19 में ब्याज सब्सिडी योजना का आवंटन बढ़ाकर 2,500 करोड़ रुपये कर दिया है।
संपादक की पसंद