Budget 2024: राजकोषीय घाटा हर बजट का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। हर बजट में सरकार की ओर से इसका एक टारगेट सेट किया जाता है।
कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 के अप्रैल-सितंबर के राजकोषीय घाटे के आंकड़े को जारी कर दिया गया है। राजकोषीय घाटा सरकार के पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 39.3 प्रतिशत रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश आम बजट में 2023-24 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.9 प्रतिशत पर सीमित करने का लक्ष्य रखा है।
Punjab White Paper: पंजाब आर्थिक संकट और कर्ज के जाल में फंस गया है। पंजाब के वित्त मंत्री ने विधानसभा में श्वेत पत्र जारी कर पिछली सरकारों को इसका जिम्मेदार ठहराया। साथ ही साथ श्वेत पत्र में इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई उपायों का भी वर्णन है।
2020-21 के लिए केंद्र सरकार के लेखा महानियंत्रक (CGA) ने राजस्व-व्यय के आंकड़ों को पेश यह जानकारी दी।
महालेख नियंत्रक (सीजीए) द्वारी जारी आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा इस साल जून महीने के अंत में 2.74 लाख करोड़ रुपए रहा। यह पूरे साल के लिए बजट में अनुमानित घाटे का 18.2 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान के निदेशक पिनाकी चक्रवर्ती ने कहा कि अगर तीसरी लहर का बड़ा असर नहीं होता तो अर्थव्यवस्था में रिकवरी तेज हो सकती है।
सीजीए के आंकड़े के मुताबिक केंद्र को मई, 2021 में कुल 3,54,787 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ जो 2021-22 के बजट अनुमानों का 17.95 प्रतिशत है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छोटे कारोबार क्षेत्रों को 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
सरकार के देश में सभी लोगों के टीकाकरण के लिये राज्यों को मुफ्त टीकों की आपूर्ति और गरीबों को महामारी से निपटने में मदद के लिये नवंबर तक मुफ्त राशन उपलब्ध कराये जाने के निर्णय से राजकोषीय घाटे पर जीडीपी का केवल 0.4 प्रतिशत अतिरिक्त असर पड़ेगा। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
संशोधित अनुमान में चालू वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.5 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी है। सरकार के व्यय और आय के अंतर को दर्शानेवाले राजकोषीय घाटा के अगले वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी का 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा दिसंबर 2020 के अंत में 11.58 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। यह बजट अनुमान का 145.5 प्रतिशत है।
चालू वित्त वर्ष 2020- 21 की अप्रैल से सितंबर अवधि के दौरान केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा 9,13,993 करोड़ रुपये रहा है। और यह बजट अनुमान के 114.8 प्रतिशत तक पहुंच गया। बजट में 2020-21 में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।
कोरोना संकट की वजह से आय घटने और खर्च बढ़ने से राजकोषीय घाटे में उछाल देखने को मिला है। 2020- 21 के बजट में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
चालू वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 5.3 प्रतिशत की गिरावट की आशंका
कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है।
कोरोना संकट से आय पर असर और राहत पैकेज की वजह से बढ़ सकता है घाटा
राजकोषीय घाटा सरकार के आय और व्यय के अंतर को बताता है। इसका मतलब है कि सरकार के पास जो साधन हैं, वह उससे अधिक खर्च कर रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि 2020-21 के बजट को राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 प्रतिशत कर दिया है। पहले इसके 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
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