एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अति प्रिय है। साल में वैसे तो 24 एकादशी पड़ती हैं और महीने के हिसाब से दो। साल 2023 के खत्म होनें में अब दिसंबर का ही महीना बचा है और इस महीने आखिरी एकादशी कब मनाई जाएगी और क्या रहेगा उसका शुभ मुहूर्त आइए जानते हैं।
आज सोमवार का दिन है इस दिन महादेव के भक्त उनकी उपासना करते हैं। शिव की महिमा तो अनादि है। आज हम आपको मार्कण्डेय पुराण के अनुसार एक कथा बताने जा रहे हैं जिसमें अकाल मृत्यु को टालने वाले महामृत्युंजय मंत्र की रचना के बारे में बताया गया है। आइए जानते है इस मंत्र की कैसे हुई थी शुरुआत।
सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। आज के दिन विशेष बात यह है कि सोमवार के दिन मघा नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा है। ऐसे में शिव कृपा पाने के लिए बहुत खास अवसर है। आइए जानते हैं आचार्य इंदु प्रकाश से इस शुभ संयोग में किए जाने वाले उपायों के बारे में।
मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रत्येक साल काल भैरव जयंती मनाई जाती हैं। काल भैरव महादेव के ही अवतार हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में किसी भी चीज से डर नहीं लगता है। आइए जानते हैं काल भैरव जयंती का क्या धार्मिक महत्व है और यह कब मनाई जाएगी।
Utpanna Ekadashi 2023 Date: एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस व्रत को करने से हर दुख-तकलीफ दूर हो जाती है। तो आइए जानते हैं कि दिसंबर में आने वाली उत्पन्ना एकादशी व्रत की सही तिथि क्या है।
मार्गशीर्ष के पावन महीने का शुभारंभ हो चुका है। वैसे यह महीना भगवान कृष्ण की भक्ति को समर्पित है। लेकिन इस पावन महीने में एकादशी देवी का भी जन्म हुआ था। आइए जानते हैं आखिर एकादशी माता का जन्म कैसे हुआ और क्यों इस महीने उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है।
बात करें हिंदू धर्म की तो भगवान विष्णु को जगत का पालन हार बताया गया है। इनका निवास स्थान बैकुंठ धाम है। लेकिन देवर्षि नारद के पूछने पर आखिर ऐसा भगवान विष्णु ने क्यों कह दिया की वो बैकुंठ धाम में नहीं रहते हैं। यदि बैकुंठ नहीं रहते श्री हरि तो फिर कहां निवास करते हैं।
आज के दिन श्री गणेश की गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। व्रत के साथ आज के दिन कुछ उपायों को करने से गणपति देव अपने भक्तों का बेड़ा पार लगा देते हैं। आइए जानते हैं आचार्य इंदु प्रकाश से आज कौन से उपायों को करने से गजानन की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
वैसे तो हम सभी जानते है कि भगवान गणेश हिंदू धर्म में प्रथम पूज्यनीय दवेता हैं। इनको सभी देवताओं की पूजा करने से पहले पूजा जाता है। बुधवार का दिन इनकी पूजा के लिए सबसे शुभ होता है। क्या आप जानते हैं भगवान गणेश को टूटे हुए दांत से महाभारत क्यों लिखनी पड़ी थी।
मार्गशीर्ष का महीना आरंभ हो चुका है। यह मास पुण्य कमाने के लिहाज से बेहद शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस महीने के वो 2 दिन होते हैं जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। नहीं तो धन की हानी हो सकती है। आइए जानते हैं आखिर वो 2 दिन कौन से हैं।
हिंदू धर्म में प्रत्येक साल मार्गशीर्ष मास की चतुर्थी तिथि के दिन गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। हिंदू धर्म में पहले पूजे जाने वाले देव भगवान गणपति ही हैं। आइए जानते हैं इस बार गणाधिप संकष्टी चतुर्थी कब मनाई जाएगी और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त।
आज से मार्गशीर्ष का पावन महीना शुरू हो चुका है। यह महीना भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। यहां तक की उन्होनें गीता में स्वयं कहा है कि महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। तो इस माह श्री कृष्ण की कृपा पाने के लिए इन बातों का ध्यान अवश्य रखें।
कल देव दीपावली मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस पर्व को काशी में देवताओं ने मनाया था। कल का दिन बड़ा खास है। आइए जानते हैं आचार्य इंदु प्रकाश से कल के दिन किए जाने वाले उन सरल उपायों के बारे में जिसे नियम पूर्वक करने से आर्थिक लाभ पाया जा सकता है।
इस साल कार्तिक पूर्णिमा दो दिन मनाई जाएगी। ऐसे में देव दीपावली की तिथि 27 नवंबर रहेगी। इस देन काशी में घाटों को दीये से सजाया जाता है और भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।
कल कार्तिक मास की बैकुंठ चतुर्दशी है। इस दिन भगवान शिव और विष्णु का मिलन हुआ था। माना जाता है कि इस दिन बैकुंंठ के द्वार खुले रहते हैं। आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में जिससे धन-संपदा का लाभ प्राप्त होता है।
आज का दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी जी की आराधना के लिए शुभ माना जाता है। वहीं लक्ष्मी-नारायण की एक साथ पूजा करना धन के लिहाज से उत्तम माना गया है। तस्वीरों में हम देखते हैं कि भगवान विष्णु के चरणों को मां लक्ष्मी दबाती हैं। आखिर ऐसा क्यों हैं? आज हम आपको एक पौराणिक कथा के अनुसार यह बता रहे हैं।
कार्तिक मास विष्णु प्रिय भक्तों के लिए सबसे ज्यादा महत्व रखता है। इस महीने में भगवान विष्णु की काफी सारी लीलाएं हुई हैं। कार्तिक की बैकुंठ चतुरर्दशी से भी भगवान नारायण का नाता है। आइए जानते हैं कल मनाई जाने वाली बैकुंठ चतुर्दशी का पूजा मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में।
आज तुलसी विवाह का पावन पर्व है और आज हम इससे जुड़े एक पौराणिक तीर्थ स्थान के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। जहां भगवान विष्णु को देवी वृंदा ने श्राप से मुक्त किया था। फिर तुलसी रूप में भगवान शालिग्राम से उनका विवाह भी हुआ था।
Dev Uthani Ekadashi 2023: आज देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
Dev Uthani Ekadashi 2023 Upay: आज देवउठनी एकादशी के दिन किन उपायों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
संपादक की पसंद