उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी और सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए मोहर्रम के अवसर पर धार्मिक जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन घरों के अंदर 'ताजिया' और 'मजलिस' की अनुमति दी है।
अपर मुख्य सचिव गृह ने अपने पत्र में जन सुविधाओं जैसे बिजली, पेयजल और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के साथ धारा 144 लगाते हुए कड़ाई से इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कोविड -19 महामारी के कारण मुहर्रम के दौरान धार्मिक जुलूसों पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) मुकुल गोयल द्वारा 31 जुलाई को जारी सर्कुलर के बाद शिया मौलवियों ने इसमें इस्तेमाल की गई आपत्तिजनक भाषा पर सवाल उठाए हैं। वे सभी जिलों में पुलिस कर्मियों को जारी किए गए सर्कुलर में मुहर्रम को बार-बार 'त्योहार' कहे जाने से नाखुश थे।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने COVID-19 महामारी के कारण मुहर्रम के दौरान धार्मिक जुलूसों पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) मुकुल गोयल द्वारा 31 जुलाई को जारी सर्कुलर के बाद शिया मौलवियों ने इसमें इस्तेमाल की गई आपत्तिजनक भाषा पर सवाल उठाए हैं. वे सभी जिलों में पुलिस कर्मियों को जारी किए गए सर्कुलर में मुहर्रम को बार-बार 'त्योहार' कहे जाने से नाखुश थे। पुलिस अधिकारियों को भी मौलवियों को विश्वास में लेने के लिए कहा गया है ताकि मण्डली पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जा सके।
कोरोना काल में तीसरी लहर के डर को लेकर यूपी के DGP मुकुल गोयल ने मुहर्रम को लेकर निर्देश जारी किये और लोगों को घर पर ही इस त्यौहार को मनाने की नसीहत दी लेकिन उन्हें मुस्लिम धर्मगुरुओं का विरोध सहना पड़ा।
श्रीनगर के बेमिना और जदीबाल क्षेत्रों में सुरक्षाबलों द्वारा मुहर्रम पर निकाले गए जुलूसों पर गोलियां चलाने और आंसू के गोले दागने के बाद कई लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है।
हैदराबाद में वार्षिक 'बीबी का आलम' मुहर्रम के जुलूस के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धजियां उडाई गई। जुलूस में हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान पुलिस भी असहाय दिखी।
हैदराबाद में मुहर्रम के मौके पर लोगों ने सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाकर रख दीं, जबकि कोलकाता में जुलूस नहीं निकाला गया।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कोविड-19 के बीच कड़ी पाबंदियों के साथ मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति एस जे काठावाला और न्यायमूर्ति माधव जामदार ने स्थानीय शिया संगठन की याचिका पर सुनवाई के बाद इजाजत दे दी।
देशभर में कोरोना महामारी को देखते हुए मुहर्रम पर ताजिये के जुलूस नहीं निकाले जाएंगे और न ही सड़कों पर ढोल-नगाड़े बजेंगे। धर्मगुरुओं और प्रशासन ने भी लोगों से मुहर्रम का त्योहार घर पर ही कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए मनाए जाने की भी अपील की है।
सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति मांग रही याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि हर जगह स्थानीय प्रशासन स्थिति के हिसाब से निर्णय लेता है। पूरे देश पर लागू होने वाला कोई आदेश नहीं दिया जा सकता।
दिल्ली में ताजिया रखने का सिलसिला मुगलकाल से ही चला आ रहा है, पर 700 वर्ष में ऐसा पहली बार होगा कि मोहर्रम पर ताजिये तो रखे जाएंगे, लेकिन इनके साथ निकलने वाला जुलूस नहीं निकल सकेगा।
वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के चलते उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में इस साल मोहर्रम का जुलूस नहीं निकलेगा।
कर्नूल जिले के बी तांड्रापाडू गांव में मुहर्रम के जुलूस के दौरान मकान के छत की दीवार ढहने से 15 लोग घायल हुए।
मध्य प्रदेश: शाजापुर में मुहर्रम के जुलूस के दौरान हुई हिंसक झड़प
कश्मीर में मुहर्रम का जुलूस निकालने से रोकने के लिए शहर और घाटी के कई हिस्सों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं
मुहर्रम पर निकाले जाने वाले ताजिया जुलूसों की वजह से मंगलवार को राजधानी के कई इलाकों में ट्रैफिक पर असर पड़ने की संभावना है। ट्रैफिक पुलिस ने अडवाइजरी जारी कर लोगों को सलाह दी है कि अगर बहुत जरूरी ना हो, तो वे उन इलाकों से होकर न गुजरें, जहां से जुलूस निकलेंगे।
इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने को 'मुहर्म' कहते हैं और महीने के 10वें दिन को यौम-ए-आशुरा के नाम से भी जाना जाता है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि पिछले साल की तरह ही इस साल भी मुहर्रम का जुलूस निकालने की इजाजत नहीं दी जाएगी और सभी रीत-रिवाज संबंधित इमामबाड़ों में होंगे।
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