पहले, खुदरा निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिये निवेश करते थे। लेकिन अब वे म्यूचुअल फंड के जरिये बाजार में निवेश तो कर ही रहे हैं, साथ ही डिमैट खातों के जरिये भी सीधे शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं।
यह साल अब तक तेजड़ियों का रहा है, क्योंकि बाजारों ने कई ऐतिहासिक कीर्तिमान बनाए। इस साल अब तक सेंसेक्स 25 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है।
सेंसेक्स में बजाज फाइनेंस 0.78 प्रतिशत की बढ़त के साथ शीर्ष पर रहा। इसके बाद डॉ रेड्डीज, कोटक बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, सन फार्मा, एक्सिस बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्थान रहा।
जो निवेशक इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स द्वारा ऊंचे या अत्यधिक रिटर्न के वादों का शिकार होते हैं उन्हें अंतत: इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को सकल आधार पर 343.73 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
लिमये ने कहा कि एनएसई छोटे संगठनों और खुदरा निवेशकों का समर्थन करने में सबसे आगे रहा है। बाजार ने इस साल अप्रैल से 50 लाख से अधिक नए निवेशक पंजीकरण देखे हैं।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के शेयरों में लाभ से शुक्रवार को सेंसेक्स 593 अंक की छलांग के साथ पहली बार 55,000 अंक के स्तर के पार बंद हुआ।
वैश्विक बाजारों में मिश्रित रुझान के बीच लाभ हासिल करने से जुड़ा शुरुआती बढ़त खोते हुए नीचे चला गया।
सन फार्मा, भारती एयरटेल, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक और एशियन पेंट्स थे भी बढ़त दर्ज करने वाले शेयरों में शामिल थे।
इस समय वैश्विक स्तर पर तेजड़िया बाजार है। मिस्र और ईरान जैसे कुछ बाजारों को छोड़ दिया जाए, तो दुनिया के तमाम बाजारों में तेजी है।
घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को गिरावट रही और मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 66 अंक नीचे आ गया। वैश्विक बाजारों में कमजोर धारणा के बीच कारोबार समाप्त होने से ठीक पहले वित्तीय और धातु शेयरों में बिकवाली से बाजार में नरमी आयी।
बड़े शेयरों में बढ़त के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 100 अंक से अधिक चढ़ गया।
बाजार में बढ़त के साथ बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी इस साल 15 जून को अपने उच्चतम स्तर 2,31,58,316.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी।
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को सकल आधार पर 18.64 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत बढ़कर 91.33 पर आ गया।
शेयर बाजार में आज सभी सेक्टर इंडेक्स में भारी गिरावट देखी जा रही है, बैंक, ऑटो, मीडिया और रियल्टी इंडेक्स में सबसे ज्यादा कमजोरी देखी जा रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक की बांड खरीदने की योजना के कारण बीते सप्ताह रुपये में कमजोरी आई और अब शेयर बाजार में बिकवाली होने के कारण देसी करेंसी पर दबाव देखा जा रहा है।
एनर्जी सेक्टर 2.91 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ है। इसके अलावा ऑटो, एफएमसीजी, आईटी और सरकारी बैंकों का इंडेक्स 2-2 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुआ।
शेयर बाजारों में अत्यधिक तरलता तथा नए खुदरा निवेशकों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी से इन कंपनियों को फायदा होगा।
बैंक के शेयरों को बीएसई और एनएसई दोनों एक्सचेंज पर लिस्ट कराया जाएगा। दिसंबर की शुरुआत में बैंक को सेबी से आईपीओ के लिए मंजूरी मिली थी।
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