राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय की इस टिप्पणी से हिंदू "अपमानित" महसूस कर रहे हैं कि अयोध्या का मुद्दा प्राथमिकता वाला नहीं है। संघ ने जोर देते हुए कहा कि राम मंदिर के मुद्दे पर कोई विकल्प नहीं रहा तो अध्यादेश लाना जरूरी होगा।
भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार को साहस दिखाना चाहिए और अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण शुरू करना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय बाबरी मस्जिद-राम मंदिर भूमि विवाद मामले में आज फिर से सुनवाई शुरू करेगा.....
'यह भगवान राम की जन्मस्थली है, इसलिए इस स्थान से एक मजबूत भावनाएं जुड़ी हैं और चूंकि यह मुसलमानों के लिए इतना महत्वपूर्ण स्थान नहीं है, साथ ही यह ऐसा स्थान है जो विवादित है, इसलिए यहां की नमाज स्वीकार नहीं होगी''
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जहां राम लला विराजमान हैं वहीं होना चाहिए जबकि मस्जिद को कुछ दूर शिफ्ट करना ही इस मामले का सही समाधान हो सकता है।
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