राजपक्षे ने देश के बदतर आर्थिक संकट को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच बुधवार को पद से इस्तीफा देने का वादा किया था।
Sri Lanka News: राजपक्षे ने देश छोड़कर जाने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त कर दिया।
Sri Lanka Crisis: विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाए जाने की खबर जैसे ही सामने आई है, वैसे ही प्रदर्शनकारी और भी ज्यादा भड़क गए हैं और उन्होंने सड़कों पर आंदोलन तेज कर दिया है।
Ranil Wickremesinghe: श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने TV पर प्रसारित एक बयान में कहा कि उन्होंने PM का पद इसलिए स्वीकार किया, क्योंकि अर्थव्यवस्था संकट में थी।
श्रीलंका की जनता पिछले कुछ महीनों से रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों के लिए भी बुरी तरह जूझ रही थी।
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने जनता के प्रदर्शन से देश में पैदा हुए संकट पर चर्चा करने के लिए राजनीतिक दल के नेताओं की बैठक बुलायी थी।
Sri Lanka: श्रीलंका में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के एक समूह ने शनिवार को पीएम रानिल विक्रमसिंघे से 22वें संविधान संशोधन को लेकर मुलाकात की।
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने वित्त मंत्रालय की कमान खुद अपने हाथों में ले ली है। श्रीलंका की डूबती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री ने बड़ा कदम उठाया है। समाचार एजेंसी न्यूजवायर के मुताबिक पीएम विक्रमसिंघे ने वित्त मंत्री के रूप में शपथ ले ली है।
श्रीलंका में भारी राजनीतिक उथल पुथल के बीच रानिल विक्रमसिंघे नए प्रधानमंत्री बन गए। पीएम बनने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'Gota Go Gama आंदोलन जारी रहना चाहिए।
श्रीलंका को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद 1949 में जन्मे विक्रमसिंघे 1977 में सिर्फ 28 साल की उम्र में ही संसद के लिए चुने गए थे।
यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे को गुरवार को श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। श्रीलंका में विपक्ष के नेता रानिल विक्रमसिंघे को देश के नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गयी।
मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने और आर्टिकल 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री का पहला बयान सामने आया है।
यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है।
उच्चतम न्यायालय के दो अहम फैसलों के चलते प्रधानमंत्री पद पर बने रहना अवैधानिक हो जाने के बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिन्दा राजपक्षे आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया जो देश में करीब दो महीने से जारी सत्ता संघर्ष के समापन का संकेत है। अब खबरें हैं कि रविवार को विक्रमसिंघे प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
आपको बता दें कि श्रीलंका में 26 अक्टूबर के बाद से ही राजनीतिक संकट बना हुआ है।
श्रीलंका में जारी राजनीतिक उठापठक के बीच देश की एक अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है।
सदन में जब स्पीकर कारू जयसूर्या ने नए चुनाव को लेकर संसद में मतदान के प्रस्ताव को स्वीकार कर उस पर चर्चा कराना चाहा तो राजपक्षे समर्थक हंगामा करने लगे और उन पर कागज, किताबें जैसी चीजें फेंकने लगे।
सिरीसेना ने संसद भंग कर दी थी और पांच जनवरी को मध्यावधि चुनाव करने के आदेश जारी किए थे। इससे देश अभूतपूर्व संकट में फंस गया।
श्रीलंका में शासन की अर्ध-राष्ट्रपति प्रणाली है जिसमें प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के साथ एक राष्ट्रपति भी होता है। प्रधानमंत्री देश की विधायिका के प्रति जिम्मेदार होता है। वहां राष्ट्रपति भारत की तरह प्रतिकात्मक नहीं है लेकिन अमेरिका की तरह शक्तिशाली भी नहीं है।
राष्ट्रपति ने विक्रमसिंघे की निजी सुरक्षा और वाहनों को उनसे वापस ले कर 72 वर्षीय राजपक्षे को सौंप दिया, जिन्होंने नाटकीय ढंग राजनीति में एक बार फिर वापसी की है।
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