Friday, April 19, 2024
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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में बिगड़ते हालातों के बीच लगाई गई इमरजेंसी, कार्यवाहक राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने की घोषणा

Sri Lanka Crisis: राजपक्षे ने दिवालिया हो चुके देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के लिए अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा दे दिया था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया गया था कि चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या ने विक्रमसिंघे (73) को श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर शपथ दिलायी।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur
Published on: July 18, 2022 9:06 IST
Ranil Wickremesinghe- India TV Hindi
Image Source : FILE Ranil Wickremesinghe

Highlights

  • रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को ली थी अंतरिम राष्ट्रपति पद की शपथ
  • राजपक्षे देश छोड़ कर पहले मालदीव और फिर वहां से सिंगापुर चले गए
  • 19 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन

Sri Lanka Crisis: भारत के पड़ोसी राज्य श्रीलंका में राजनीतिक संकट कम नहीं हो रहा है। गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने और पद से इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है। उन्होंने रविवार को एक आदेश जारी करते हुए पूरे देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। 

शुक्रवार को ली थी अंतरिम राष्ट्रपति पद की शपथ 

श्रीलंका में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने गोटबाया राजपक्षे (Ggotabaya rajapaksa) का उत्तराधिकारी चुने जाने तक अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर शुक्रवार को शपथ ग्रहण की थी। राजपक्षे ने दिवालिया हो चुके देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के लिए अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा दे दिया था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया गया था कि चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या ने विक्रमसिंघे (73) को श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर शपथ दिलायी। 

राजपक्षे के इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा

श्रीलंका की पार्लियामेंट के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने शुक्रवार को आधिकारिक रूप से घोषणा की कि राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है। राजपक्षे ने अपने तथा अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़कर चले जाने के दो दिन बाद इस्तीफा दिया। वह देश छोड़ कर पहले मालदीव और फिर वहां से सिंगापुर चले गए हैं। 

19 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन

अभयवर्धने ने पार्टी नेताओं को बताया कि संसद नए अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए 20 जुलाई को बैठक करेगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन 19 जुलाई को मंगाए जाएंगे। राष्ट्रपति कार्यालय में रिक्ति की घोषणा के बारे में शनिवार को संसद को आधिकारिक रूप से सूचना दी जाएगी। अध्यक्ष ने कहा कि संविधान के अनुसार, विक्रमसिंघे राष्ट्रपति के तौर पर काम करेंगे और नए राष्ट्रपति के चुनाव की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी होने तक राष्ट्रपति कार्यालय की शक्तियों के अनुसार दायित्वों का निर्वहन करेंगे और कामकाज संभालेंगे। 

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